जांजगीर चांपा: केएसके महानदी पावर प्लांट के खिलाफ गांव वालों ने मोर्चा खोल दिया है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनको अभी तक जमीन के बदले मुआवजा नहीं दिया गया. कंपनी ने जमीन लेते वक्त वादा किया था कि उनको जमीन के बदले नौकरी भी दी जाएगी. कंपनी ने लंबा वक्त बीत जाने के बाद भी नौकरी नहीं दी. धरने पर बैठे लोगों ने कंपनी प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि उनकी 23 सूत्री मांगों को कंपनी को मानना ही होगा. नाराज ग्रामीणों ने प्रशासन के समझाने पर अपना मांग पत्र अफसरों के माध्यम से कंपनी को दिया है.
सुबह से ही शुरु हो गया था प्रदर्शन: कंपनी की मनमानी के खिलाफ सुबह से ही ग्रामीण गोलबंद होने लगे थे. लोगों की शिकायत थी कि प्लांट प्रबंधन उनसे बात करने को भी तैयार नहीं है. नाराज प्रबंधन से बात करने के लिए कंपनी के भीतर जाना चाहते थे. बाहर मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने उन्हे अंदर जाने से रोक दिया. नाराज ग्रामीण इसके बाद कंपनी के गेट पर ही धरने पर बैठ गए. नारेबाजी के दौरान जब हंगामा बढ़ गया तो प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंच गई. ग्रामीणों ने कहा कि अब वो अपनी 23 सूत्री मांगों को लेकर आर पार की लड़ाई के लिए तैयार हैं.
प्लांट प्रबंधन पर आरोप: आंदोलन को देखते हुए जिला प्रशासन ने अपनी तैयारियां पूरी कर रखी थी. सरकारी अमला अपने स्तर पर भी गांव वालों को समझाने की कोशिश में दिन भर जुटा रहा. प्लांट के बने 11 साल हो चुके हैं इसके बाद भी नौकरी मुआवजा, पेंशन और तमाम सुविधाएं देने का वादा जो कंपनी ने किया था उसे पूरा नहीं किया. माना जा रहा है कि अगर आंदोलन लंबा चला तो केएसके पावर प्लांट की बिजली का उत्पादन भी प्रभावित हो सकता है.