नई दिल्ली: 26 जनवरी से माघ मास की शुरुआत हो चुकी है. माघ के महीने में लंबोदर संकष्टी चतुर्थी और विनायक चतुर्थी पड़ रही है. सोमवार, 29 जनवरी 2024 को लंबोदर संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा. आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक चतुर्थी के दिन शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की पूजा करना बहुत लाभकारी होता है. आइए, जानते हैं कि लंबोदर संकष्टी और विनायक चतुर्थी की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या है.
लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी 2024 तिथि और शुभ मुहूर्त: ज्योतिषाचार्य के अनुसार, माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 29 जनवरी को सुबह 06 बजकर 10 मिनट पर होगी और इसके अगले दिन यानी 30 जनवरी को सुबह 08 बजकर 54 मिनट पर तिथि का समापन हो जाएगा. इस बार 29 जनवरी को लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी.
लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी 2024 पूजा विधि: लंबोदर संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने वाले भक्त सुबह जल्दी उठें. स्नान आदि कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें. पूजा के समय चौकी पर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें. रिद्धि सिद्धि माता को भी आमंत्रित करें. भगवान गणेश को प्रिय मोदक अति प्रिय हैं. भगवान गणेश को मोदक का का भोग लगाएं. गणेश चालीसा का पाठ और आरती करें. पूजा के पश्चात घर परिवार में प्रसाद वितरित करें. भगवान गणेश के मंत्र का जाप और संकट मोचन गणेश स्तोत्र का पाठ करें. मनायता है कि ऐसा करने से जीवन की सभी विषमताएं से मुक्ति मिलती है.
चतुर्थी तिथि के दिन तिल के लड्डू बनाने का विशेष महत्व है. चतुर्थी तिथि के दिन महिलाएं सूर्य अस्त होने से पहले तवे पर तिल भी चटकाती हैं. दरअसल मान्यता है कि सफेद तिल को तवे पर चटकाने से घर से सुख समृद्धि आती है.
इन बातों का रखें विशेष ध्यान: चतुर्थी तिथि के दिन पर तामसिक भोजन का सेवन बिलकुल न करें.पौराणिक मान्यताओं के अनुसार विनायक चतुर्थी के दिन संबंध बनाना निषेध बताया गया है. ऐसा करना पाप माना गया है.
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