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लखीमपुर खीरी के किसानों का टंकीयोग; बोले- सरकार को कौड़ियों के भाव नहीं देंगे जमीन, कर लेंगे आत्मदाह - Farmers Suicide Warning

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 21, 2024, 9:49 AM IST

Updated : Jun 21, 2024, 12:05 PM IST

योग दिवस 2024 के दिन सुबह-सुबह किसान कचहरी के पास स्थित पानी की टंकी पर चढ़ गए. नगर पालिका की पानी की टंकी पर करीब दो दर्जन राजापुर गांव के किसान चढ़े हुए हैं. बार-बार आत्मदाह की धमकी दे रहे हैं. जानकारी मिलते ही अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए.

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लखीमपुर खीरी में जमीन अधीग्रहण के विरोध में टंकी पर चढ़े किसान. (फोटो क्रेडिट;Etv Bharat)
लखीमपुर खीरी में जमीन अधीग्रहण के विरोध में टंकी पर चढ़े किसान. (वीडियो क्रेडिट; Etv Bharat)

लखीमपुर खीरी: यूपी के लखीमपुरखीरी में एक बार फिर किसान आंदोलनरत हैं. इस बार किसान आवास विकास के जमीन अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं. विरोध में 24 से 25 किसान पानी की टंकी पर चढ़ गए और जमीन आवास विकास को नहीं देने की जिद पर अड़े हैं. साथ ही आत्मदाह की चेतावनी भी दी है. किसानों को कहना है कि ₹17.91 पैसे प्रति फीट के हिसाब से सरकार जमीन लेना चाहती है, जबकि बाजार रेट इससे 100 गुना से भी ज्यादा है.

योग दिवस 2024 के दिन सुबह-सुबह किसान कचहरी के पास स्थित पानी की टंकी पर चढ़ गए. नगर पालिका की पानी की टंकी पर करीब दो दर्जन राजापुर गांव के किसान चढ़े हुए हैं. बार-बार आत्मदाह की धमकी दे रहे हैं. जानकारी मिलते ही अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए. सदर एसडीएम श्रद्धा सिंह, तहसीलदार सुशील प्रताप सिंह, सदर कोतवाल अम्बर सिंह मौके पर पहुंच गए हैं और किसानों को मनाने की कोशिश जारी है.

10 अगस्त 2010 को आवास विकास ने लखीमपुर खीरी शहर से सटे राजापुर गांव में 317 एकड़ जमीन के अधिग्रहण का नोटिफिकेशन जारी किया था. करीब साढ़े चार सौ खातेदारों की 317 एकड़ जमीन को आवास विकास ने नोटिफिकेशन के बाद आपत्तियां मांगी. किसान अपनी जमीन देने को तैयार नहीं थे.

किसानों ने मुख्यमंत्री समेत आवास विकास आयुक्त से कई बार शिकायत की लेकिन, उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. आवास विकास ने धारा 28 के बाद धारा 30 और फिर आवास अधिनियम की धारा 32 के तहत जमीन को गजट कर दिया. इसी बीच एक किसान ने 17.91 पैसे की दर से हाईकोर्ट में मुआवजा मांगा. सरकार ने 17.91 पैसे के हिसाब से अवार्ड कर पांच खातेदारों को मुआवजा दे दिया.

Lakhimpur Kheri
टंकी पर चढ़े किसानों के परिजनों को समझाते अधिकारी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

तब से किसान जमीन न देने की लड़ाई लड़ रहे हैं. किसान जमीन देने को तैयार नहीं हैं. जमीन पर अभी भी उनका कब्जा है पर आवास विकास के नाम 25 अगस्त 2023 को न्यायालय तहसीलदार के आदेश के तहत खतौनी में नाम दर्ज हो गया है.

किसान जगदीश प्रसाद का कहना है कि राजापुर गांव में पांच बार जमीनों का अधिग्रहण हो चुका है. अब फिर जबरन आवास विकास ने जमीन अपने नाम दर्ज कर ली. किसानों का अभी भी जमीन पर कब्जा है, खेती भी हो रही है. गन्ने का सट्टा बना है. जबकि आवास विकास कह रहा है कि कब्जा उन्होंने ले लिया है, ये सरासर नाइंसाफी है.

राजापुर के किसान जयसिंह का कहना है कि सरकार हम किसानों को भूमिहीन करना चाहती है. दो बीघा जमीन बची थी, पहले मंडी फिर डायट में जमीन चली गई. हम सड़क पर आ जाएंगे. किसान परशुराम का कहना है ढाई बीघा जमीन बची है, वो भी सरकार ले लेगी तो हम क्या करेंगे. बच्चों को कहाँ लेकर जाएंगे.

एडीएम लखीमपुर खीरी अरुण कुमार सिंह का कहना है कि आवास विकास के जमीन अधिग्रहण के विरोध में टंकी पर चढ़े किसानों को उतारने के प्रयास किए जा रहे हैं. किसानों से वार्ता की जाएगी. अभी किसानों से यही अनुरोध किया जा रहा कि वो टंकी से नीचे आ जाएं. लखनऊ से आवास विकास के अफसरों को भी बुलाया जा रहा. किसानों की आपत्तियों को देखा जाएगा.

ये भी पढ़ेंः आने वाला है यूपी के दो लड़कों की फिल्म का पार्ट-2; मोदी-योगी के लिए कितनी बड़ी चुनौती

लखीमपुर खीरी में जमीन अधीग्रहण के विरोध में टंकी पर चढ़े किसान. (वीडियो क्रेडिट; Etv Bharat)

लखीमपुर खीरी: यूपी के लखीमपुरखीरी में एक बार फिर किसान आंदोलनरत हैं. इस बार किसान आवास विकास के जमीन अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं. विरोध में 24 से 25 किसान पानी की टंकी पर चढ़ गए और जमीन आवास विकास को नहीं देने की जिद पर अड़े हैं. साथ ही आत्मदाह की चेतावनी भी दी है. किसानों को कहना है कि ₹17.91 पैसे प्रति फीट के हिसाब से सरकार जमीन लेना चाहती है, जबकि बाजार रेट इससे 100 गुना से भी ज्यादा है.

योग दिवस 2024 के दिन सुबह-सुबह किसान कचहरी के पास स्थित पानी की टंकी पर चढ़ गए. नगर पालिका की पानी की टंकी पर करीब दो दर्जन राजापुर गांव के किसान चढ़े हुए हैं. बार-बार आत्मदाह की धमकी दे रहे हैं. जानकारी मिलते ही अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए. सदर एसडीएम श्रद्धा सिंह, तहसीलदार सुशील प्रताप सिंह, सदर कोतवाल अम्बर सिंह मौके पर पहुंच गए हैं और किसानों को मनाने की कोशिश जारी है.

10 अगस्त 2010 को आवास विकास ने लखीमपुर खीरी शहर से सटे राजापुर गांव में 317 एकड़ जमीन के अधिग्रहण का नोटिफिकेशन जारी किया था. करीब साढ़े चार सौ खातेदारों की 317 एकड़ जमीन को आवास विकास ने नोटिफिकेशन के बाद आपत्तियां मांगी. किसान अपनी जमीन देने को तैयार नहीं थे.

किसानों ने मुख्यमंत्री समेत आवास विकास आयुक्त से कई बार शिकायत की लेकिन, उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. आवास विकास ने धारा 28 के बाद धारा 30 और फिर आवास अधिनियम की धारा 32 के तहत जमीन को गजट कर दिया. इसी बीच एक किसान ने 17.91 पैसे की दर से हाईकोर्ट में मुआवजा मांगा. सरकार ने 17.91 पैसे के हिसाब से अवार्ड कर पांच खातेदारों को मुआवजा दे दिया.

Lakhimpur Kheri
टंकी पर चढ़े किसानों के परिजनों को समझाते अधिकारी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

तब से किसान जमीन न देने की लड़ाई लड़ रहे हैं. किसान जमीन देने को तैयार नहीं हैं. जमीन पर अभी भी उनका कब्जा है पर आवास विकास के नाम 25 अगस्त 2023 को न्यायालय तहसीलदार के आदेश के तहत खतौनी में नाम दर्ज हो गया है.

किसान जगदीश प्रसाद का कहना है कि राजापुर गांव में पांच बार जमीनों का अधिग्रहण हो चुका है. अब फिर जबरन आवास विकास ने जमीन अपने नाम दर्ज कर ली. किसानों का अभी भी जमीन पर कब्जा है, खेती भी हो रही है. गन्ने का सट्टा बना है. जबकि आवास विकास कह रहा है कि कब्जा उन्होंने ले लिया है, ये सरासर नाइंसाफी है.

राजापुर के किसान जयसिंह का कहना है कि सरकार हम किसानों को भूमिहीन करना चाहती है. दो बीघा जमीन बची थी, पहले मंडी फिर डायट में जमीन चली गई. हम सड़क पर आ जाएंगे. किसान परशुराम का कहना है ढाई बीघा जमीन बची है, वो भी सरकार ले लेगी तो हम क्या करेंगे. बच्चों को कहाँ लेकर जाएंगे.

एडीएम लखीमपुर खीरी अरुण कुमार सिंह का कहना है कि आवास विकास के जमीन अधिग्रहण के विरोध में टंकी पर चढ़े किसानों को उतारने के प्रयास किए जा रहे हैं. किसानों से वार्ता की जाएगी. अभी किसानों से यही अनुरोध किया जा रहा कि वो टंकी से नीचे आ जाएं. लखनऊ से आवास विकास के अफसरों को भी बुलाया जा रहा. किसानों की आपत्तियों को देखा जाएगा.

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Last Updated : Jun 21, 2024, 12:05 PM IST
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