हजारीबाग: ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. पिछले एक माह से ईटीवी भारत बड़े प्रमुखता के साथ हजारीबाग की झील की स्थिति पर खबर दिखा रहा था. किस तरह से 2 करोड़ रुपए के मशीन खरीदने के बावजूद झील की सफाई नहीं हो रही थी. अब उस मशीन को दुरुस्त कर लिया गया है और झील की सफाई भी शुरू हो चुकी है.
हजारीबाग की पहचान झील से है. एक ही परिसर में पांच झील पूरे झारखंड में देखने को नहीं मिलेंगी. झील की चर्चा पूरे राज्य भर में होती है. जब भी कोई व्यक्ति बाहर से हजारीबाग पहुंचता है तो झील घूमाने के लिए उनके परिजन ले जाते हैं. इसके बावजूद झील के रखरखाव और सफाई को लेकर हमेशा सवाल बना रहा.
झील की सफाई के लिए 2 करोड़ रुपये की लागत से खरपतवार हटाने वाली मशीनें खरीदी गईं. लेकिन वह हाथी का दांत साबित हो रही थीं. बार-बार खराब हो जाने के कारण इसे रस्सी से बांधकर रखा गया था.
इस खबर को ईटीवी टीवी भारत बड़े ही प्रमुखता के साथ पिछले एक महीना से दिखा रहा था. नगर निगम प्रशासन ने भी आश्वासन दिया था कि बहुत जल्द मशीन दुरुस्त कर ली जाएगी. कहा गया था कि मुंबई से मैकेनिक कुछ दिन में हजारीबाग आएंगे. समय गुजर जाने के बाद भी मैकेनिक के नहीं पहुंचने के बाद पुनः इस खबर को दिखाया गया.
इसका ही प्रतिफल है कि नगर निगम ने इस पर एक्शन लिया और मशीन को दुरुस्त कराया गया. यह मशीन अब झील में सफाई करते हुए भी देखी जा सकती है. इस मशीन की खासियत यह है कि इसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है.
हजारीबाग में कई ऐसी झीलें हैं जहां जलकुंभी का अंबार है. इस मशीन का प्रयोग उन झील में भी किया जाता था. मशीन खराब हो जाने के कारण हजारीबाग की एक दर्जन से अधिक झील की स्थिति कमोबेश यही है. मजदूर लगाकर जलकुंभी हटाना एक चुनौती भरा काम होता है. मजदूर भी लगाए गए थे लेकिन झील की सफाई नहीं हो पा रही थी. अब हजारीबाग वासियों के लिए सुखद खबर है कि मशीन चालू हो चुकी है.
खबर प्रमुखता से दिखाने के बाद हजारीबाग वासियों ने ईटीवी भारत को भी धन्यवाद दिया है कि मीडिया की खबर का ही यह असर है कि पिछले कई महीनों से बंद पड़ी हुई 2 करोड़ की लागत से खरीदी हुई वीट हारवेस्टिंग मशीन ने काम करना शुरू कर दिया है.
ये भी पढ़ें
सफेद हाथी साबित हो रहा करोड़ों का बीड हार्वेस्टर मशीन! हाथ से ही सफाई में लगे मजदूर
नक्सलियों का सफाया करने वाले CRPF जवानों ने उठाई सामाजिक जिम्मेदारी, बदलेंगे हजारीबाग झील की तस्वीर