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ना गाड़ियां ना हथियार माफियाओं से कैसे मुकाबला करेगी जंगलों की सरकार, दिख रही संसाधनों की कमी - Lack resources in forest department

Lack Resources In Uttarakhand Forest Department उत्तराखंड वन महकमे में बजट की कमी का हवाला दिया जाता रहा है. हालांकि अफसरों के लिए नई गाड़ियों या सुविधाओं के मामले में कभी कोई कमी नजर नहीं आती. इस बीच कुमाऊं क्षेत्र में जंगल माफियाओं के तांडव की खबरें भी खूब चर्चा में रही हैं. सवाल उठ रहा है कि जब ना पर्याप्त गाड़ियां ना हाईटेक हथियार तो वन विभाग के कर्मी कैसे तस्करों से मुकाबला करेंगे.

Lack of resources in the forest department
वन विभाग में संसाधनों की कमी (Photo-Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 17, 2024, 7:14 AM IST

Updated : Aug 17, 2024, 10:51 AM IST

संसाधनों की कमी से जूझ रहा वन विभाग (Video-Etv Bharat)

देहरादून: कुमाऊं के तराई पूर्वी वन प्रभाग क्षेत्रों में तस्करों के तांडव की खबरें लगातार सामने आती रही हैं. बीते दिनों तस्करों की धमक से जंगल तो गूंजा ही साथ ही गश्त पर निकले वन कर्मियों को उल्टे पांव दौड़ना भी पड़ा. इस घटना ने जंगलों में तस्करों के मजबूत इरादे और वन कर्मियों की लाचारी को भी जाहिर कर दिया. जबकि उत्तराखंड में वन महकमा लंबे समय से संसाधनों की कमी जूझ रहा है.

विभागीय मंत्री ने सख्त कार्रवाई की बात: इस मामले में कुमाऊं चीफ धीरज पांडे से संपर्क करने की कोशिश की गई ताकि इसके पीछे के कारणों को जाना जा सके, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया. वहीं मामले में विभागीय मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि जिस तरह की घटनाएं होने की बात कुमाऊं क्षेत्र में कही जा रही है, उस पर विभाग की पूरी नजर है और कोई कितना ही बड़ा अपराधी क्यों ना हो उसे बख्शा नहीं जायेगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

विभाग में गाड़ी और हथियारों की कमी: प्रदेश के कई प्रभागों से गाड़ियों की डिमांड जाती रही है. कई जगह गाड़ियां इतनी पुरानी हो गई है कि अब उन्हें चलाना भी मुश्किल हो गया है. उधर कई जगह पर पर्याप्त संख्या में गाड़ियां ही मौजूद नहीं है. जाहिर है कि बजट की कमी के कारण ही सब जगह पर्याप्त नई गाड़ियां नहीं पहुंचाई जा सकी हैं. यह सब तब है जब बड़े अफसर के लिए 15 लाख से ज्यादा की गाड़ियां हाल ही में खरीदी गई हैं.सबसे चौंकाने वाली बात यह है गाड़ियों के साथ हथियारों के मामले में भी वन विभाग काफी पीछे दिखाई देता है.

वन तस्करों की बढ़ी सक्रियता: तस्कर जंगलों में अत्याधुनिक हथियारों के साथ पहुंचते हैं तो वन विभाग के कर्मियों के पास वही पुराने हथियार मुकाबले में पहले ही उन्हें पीछे धकेल देते हैं. हालांकि इस स्थिति को देखते हुए वन विभाग में तमाम पुरानी गाड़ियों में आ रही विभिन्न कमियों को दूर किया जा रहा है. उधर दूसरी तरफ राज्य भर के डीएफओ से हथियारों की स्थिति को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है. वन विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रभागीय स्तर पर हथियारों की स्थिति की रिपोर्ट एक हफ्ते में आने के बाद इस पर दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे.

क्या कह रहे जिम्मेदार अधिकारी: अपर प्रमुख वन संरक्षक विवेक पांडे कहते हैं कि सभी अधिकारियों से हथियारों की स्थिति को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है. जबकि जिन्हें हथियारों में कमी है, उनको सही करवाया जा रहा है. साथ ही कमी को दूर किए जाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

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संसाधनों की कमी से जूझ रहा वन विभाग (Video-Etv Bharat)

देहरादून: कुमाऊं के तराई पूर्वी वन प्रभाग क्षेत्रों में तस्करों के तांडव की खबरें लगातार सामने आती रही हैं. बीते दिनों तस्करों की धमक से जंगल तो गूंजा ही साथ ही गश्त पर निकले वन कर्मियों को उल्टे पांव दौड़ना भी पड़ा. इस घटना ने जंगलों में तस्करों के मजबूत इरादे और वन कर्मियों की लाचारी को भी जाहिर कर दिया. जबकि उत्तराखंड में वन महकमा लंबे समय से संसाधनों की कमी जूझ रहा है.

विभागीय मंत्री ने सख्त कार्रवाई की बात: इस मामले में कुमाऊं चीफ धीरज पांडे से संपर्क करने की कोशिश की गई ताकि इसके पीछे के कारणों को जाना जा सके, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया. वहीं मामले में विभागीय मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि जिस तरह की घटनाएं होने की बात कुमाऊं क्षेत्र में कही जा रही है, उस पर विभाग की पूरी नजर है और कोई कितना ही बड़ा अपराधी क्यों ना हो उसे बख्शा नहीं जायेगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

विभाग में गाड़ी और हथियारों की कमी: प्रदेश के कई प्रभागों से गाड़ियों की डिमांड जाती रही है. कई जगह गाड़ियां इतनी पुरानी हो गई है कि अब उन्हें चलाना भी मुश्किल हो गया है. उधर कई जगह पर पर्याप्त संख्या में गाड़ियां ही मौजूद नहीं है. जाहिर है कि बजट की कमी के कारण ही सब जगह पर्याप्त नई गाड़ियां नहीं पहुंचाई जा सकी हैं. यह सब तब है जब बड़े अफसर के लिए 15 लाख से ज्यादा की गाड़ियां हाल ही में खरीदी गई हैं.सबसे चौंकाने वाली बात यह है गाड़ियों के साथ हथियारों के मामले में भी वन विभाग काफी पीछे दिखाई देता है.

वन तस्करों की बढ़ी सक्रियता: तस्कर जंगलों में अत्याधुनिक हथियारों के साथ पहुंचते हैं तो वन विभाग के कर्मियों के पास वही पुराने हथियार मुकाबले में पहले ही उन्हें पीछे धकेल देते हैं. हालांकि इस स्थिति को देखते हुए वन विभाग में तमाम पुरानी गाड़ियों में आ रही विभिन्न कमियों को दूर किया जा रहा है. उधर दूसरी तरफ राज्य भर के डीएफओ से हथियारों की स्थिति को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है. वन विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रभागीय स्तर पर हथियारों की स्थिति की रिपोर्ट एक हफ्ते में आने के बाद इस पर दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे.

क्या कह रहे जिम्मेदार अधिकारी: अपर प्रमुख वन संरक्षक विवेक पांडे कहते हैं कि सभी अधिकारियों से हथियारों की स्थिति को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है. जबकि जिन्हें हथियारों में कमी है, उनको सही करवाया जा रहा है. साथ ही कमी को दूर किए जाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

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Last Updated : Aug 17, 2024, 10:51 AM IST
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