गया: मैट्रिक की परीक्षा में गया में एक मजदूर के बेटे ने जिला टॉप किया है. गया जिले के गुरुआ प्रखंड के रघुनाथपुर गांव का आयुष गया जिला में टॉपर बना है. आयुष को मैट्रिक की परीक्षा में 477 अंक मिले हैं.आयुष के पिता मजदूरी करते हैं. पिता ने उसे पढ़ाने के लिए कर्ज लिया था. किसी तरह से कर्ज लेकर बेटे की पढ़ाई जारी रखी और बेटा जिला टॉपर बना है. बेटे के जिला टॉपर होने के बाद माता-पिता गदगद हैं
डॉक्टर बनना चाहता है आयुष: वहीं आयुष ने बताया कि वह डॉक्टर बनना चाहता है. इस सफलता का श्रेय वह अपने माता-पिता और स्कूल के शिक्षकों को दिया है. आयुष को मैट्रिक की परीक्षा में 477 अंक मिले हैं और गया जिला में टॉपर हुआ है. यह बांकेबाजार के डोंगला स्थित अयूबी पब्लिक स्कूल की छात्रा है.
' मैं अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और शिक्षक को देना चाहती हूं. जीवन में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिला है. आगे चल कर डॉक्टर बनना चाहते हैं. यही मेरा सपना है.'- आयुष, जिला टॉपर, गया
बेटे के पढ़ाने के लिया था कर्ज: बेटे को पढ़ाने के लिए आयुष के अभिभावक ने कर्ज लिया था. कर्ज लेने के बाद काफी मेहनत की और फिर उसे चुकता भी कर दिया. अब बेटा मैट्रिक परीक्षा में टॉपर बना है. आयुष के पिता मजदूरी का काम करते हैं. वही मां घर में ही कामकाज करती है. अब माता-पिता का कहना है कि बेटे को आगे बढ़ाने के लिए जितनी मेहनत करनी पड़ेगी वह करेंगे.
आयुष के पिता करते हैं मजदूरी: आयुष के पिता नागेंद्र कुमार मजदूरी का काम करते हैं, जबकि अनुपमा देवी गृहणी हैं. मां अनुपमा देवी का कहना है, कि अपने बेटे को पढ़ाने के लिए काफी मेहनत करेगी. बेटे ने जिले में टाॅप किया है. इससे घर में काफी खुशी है. परिवार वालों के साथ गांव के लोगों को भी आयुष की सफलता पर गर्व है. इधर, गया के ग्रामीण इलाके की छात्रा खुशबू कुमारी को 461 अंक मिले हैं. यह बांकेबाजार के डोंगला स्थित अयूबी पब्लिक स्कूल की छात्रा है.
"अपने बेटे को पढ़ाने के लिए काफी मेहनत करुंगी. बेटे ने जिले में टाॅप किया है. इससे घर में काफी खुशी है. उसके पढ़ाने के लिए कर्ज भी लिया जो आज साकार हो गया. उसके पढ़ाई के लिए मामा ने भी काफी मदद की." -अनुपमा देवी, मां
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