मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में बिजली बिल का 'करंट' लोगों को लग रहा है. जिले के मजदूर, चाय दुकानदार और सैलून संचालक को लाखों का बिल ठोक दिया गया है. इससे लोग परेशान हो चुके हैं, पहला मामला जिले के कटरा प्रखंड का है. जहां स्मार्ट मीटर लगने के बाद भी उपभोक्ताओं की परेशानी कम नहीं हो रही है. उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर की गड़बड़ी से जूझना पड़ रहा है.
लाखों का बिजली बिल: कम खपत के बाद भी अधिक बिजली बिल भरना पड़ता है. प्रखंड की बसघट्टा पंचायत के बरैठा निवासी कामेश्वर साह चाय दुकानदार हैं. झोपड़ी में दुकान खोल कर किसी तरह वह परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं. हालांकि बिजली विभाग ने करामात करते हुए उनका 36,92,329 रुपये का बिजली बिल जेनरेट कर दिया है.
4 लाख से ज्यादा यूनिट की खपत: कामेश्वर साह के रिचार्ज कराने के बाद भी माइनस में बिल दिखाने पर उनकी बिजली चालू नहीं हुई. एक ग्रामीण को उन्होंने इस परेशानी के बारे में बताया. उस ग्रामीण की मदद से कामेश्वर साह के उपभोक्ता नंबर के आधार पर बिजली बिल निकाला गया. बिल देखने के बाद चाय दुकानदार के होश उड़ गए. जून माहीने में उनके घर की खपत 4 लाख 63 हजार 867 यूनिट दिखाई गई. इतनी बड़ी यूनिट पर 36 लाख 92 हजार 329 रुपये का बिजली बिल जेनरेट कर दिया गया है.
बिजली बिल देखकर चाय दुकानदार हैरान: चाय दुकानदार कामेश्वर साह ने बताया कि उनकी उम्र 80 साल हो चली है. इतना बड़ा बिल देखकर मानसिक रूप से परेशान हैं. वह पिछले कई दिनों से पीएसएस से लेकर अन्य बिजली कार्यालयों का चक्कर काट रहे हैं. वह बताते हैं कि उनकी झोपड़ी के घर में दो बल्ब और एक पंखा है. जून 2023 से अप्रैल 2024 तक क्रमश 65, 49, 71, 63, 60, 39, 32, 17, 16, 20 और 39 यूनिट का बिजली बिल आया. इसका समय-समय पर उन्होंने भुगतान किया.
"स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली विभाग ने जून माह में चार लाख 63 हजार 867 यूनिट की खपत दिखाकर 36 लाख 92 हजार 329 का बिल बना दिया. राज्य सरकार के अनुदान के बाद उन्हें 15 लाख 43 हजार 431 रुपए भुगतान करने के लिए कहा जा रहा है. इतनी बड़ी राशि जमा करने में वह असमर्थ हैं."-कामेश्वर साह, चाय दुकानदार
बिजली विभाग ने मानी गलती: मामला सामने आने के बाद बिजली विभाग ने भी इस बिल को गलत ठहराया है. विभाग की ओर से जांच कराकर सुधार करने की बात की गई है. कामेश्वर साह ने शनिवार को बकुची पीएसएस में पहुंच कर जेई के समक्ष अधिक बिल होने की शिकायत की. प्रभारी विद्युत कार्यपालक अभियंता पूर्वी किशोर कुमार ने बताया कि बिजली बिल पूरी तरह गलत है. तकनीकी गड़बड़ी के कारण बिल गलत हो गया है, बिल सुधार कर दिया जाएगा.
मजदूर को थमाया 31 लाख का बिल: वहीं दूसरा मामला जिले के बंदरा प्रखंड के पियर की है. जहा पीड़ित ने दो महीने पहले की मीटर लगाया था. घर में दो बल्ब और एक पंखा चलता है. उसका 31 लाख का बिल थमा दिया गया है. मजदूर शुभलाल सहनी ने बताया कि "मेरे घर में बिजली कनेक्शन मेरी पत्नी फूला देवी के नाम पर है. मुझे 31 लाख रुपये का बिजली बिल भेजा गया है, करीब दो महीने पहले विभाग की ओर से बिजली का स्मार्ट मीटर लगाया गया था. इसके कुछ दिन बाद तक घर में बिजली आती रही लेकिन कुछ दिन पहले बिजली आनी बंद हो गई."
मीटर रीडर से ली गई जानकारी: वहीं बिजली विभाग के जूनियर इलेक्ट्रिकल इंजीनियर अभिषेक रंजन ने बताया कि गड़बड़ी की शिकायत मिली है. मजदूर से लिखित आवेदन मांगा गया है. इस मामले की जांच करवाई जा रही है. इस मामले में रीडर से भी जानकारी ली जा रही है. बिजली के मीटर में कभी-कभी गड़बड़ी आ जाती है, जांच के बाद सब ठीक कर दिया जाएगा.
सैलून वाले को भेजा 27 लाख का बिल: वहीं तीसरा मामला मीनापुर प्रखंड के फरीदपुर का है. जहां बिजली विभाग ने सैलून संचालक विनय कुमार को 27 लाख 10 हजार 618 रुपए 36 पैसा का बिल भेजा है. इसके बाद से विनय कुमार व उनका परिवार परिवार के होश उड़े हुए है. इस बाबत उन्होंने तीन दिन पहले बिजली विभाग के अधिकारियों को लिखित आवेदन देकर पूरी स्थिति से अवगत करा दिया है. जेई ने सुधार का भरोसा दिया है. उसके यहां 3112 रुपये 89 पैसा बिजली विभाग का पिछला बकाया है, 26 मई को स्मार्ट मीटर लगने के बाद 27 लाख दस हजार 618 रुपये का बिजली बिल भेज दिया गया है.
"दो दिन बिजली ऑफिस में अधिकारी से मिलने पर रामदयालु ऑफिस जाने को कहा गया. वहां 27 जून को आवेदन दिया, अभी तक बिजली कटी हुई है. बेरोजगारी की स्थिति हो गई, हालांकि पूरा परिवार सैलून की कमाई पर ही आश्रित है. बिजली बिल प्रत्येक महीना 200 से 500 रूपए के बीच आता था." -विनय कुमार, नाई
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