जयपुर : हेरिटेज नगर निगम को नई महापौर मिल गई हैं. स्वायत्त शासन विभाग ने कुसुम यादव को 60 दिन का कार्यवाहक महापौर बनाने के आदेश जारी किए. इसके बाद कुसुम यादव अपने समर्थकों के साथ बीजेपी कार्यालय पहुंची. जश्न के माहौल के बीच कुसुम यादव ने ईटीवी भारत से अपनी प्राथमिकता और चुनौतियों पर खास बातचीत की. साथ ही कहा कि अब हेरिटेज नगर निगम में कांग्रेस का नहीं बीजेपी का बोर्ड है.
हेरिटेज नगर निगम की कार्यवाहक महापौर बनी कुसुम यादव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि हेरिटेज नगर निगम में अब बोर्ड भी कांग्रेस का नहीं है. सात कांग्रेसी पार्षद और एक कांग्रेस को समर्थन करने वाले निर्दलीय पार्षद यानी 8 पार्षदों ने बीजेपी को समर्थन दिया है. ऐसे में बोर्ड भी अब बीजेपी का है. अब ट्रिपल इंजन की सरकार बनी है. जयपुर हेरिटेज नगर निगम में उम्मीद से बढ़कर परिवर्तन देखने को मिलेगा.
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जीरो टॉलरेंस की नीति पर होगा काम : हालांकि, पार्टी से बागी होकर चुनाव लड़ने और निर्दलीय पार्षद होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वो हमेशा भारतीय जनता पार्टी की ही रही हैं. उस समय की परिस्थितियां सभी को ध्यान में है, लेकिन वो पार्टी और संगठन के साथ रहीं और ये जो जिम्मेदारी मिली है, उसके लिए शीर्ष नेतृत्व का धन्यवाद कि इन परिस्थितियों में उन पर विश्वास किया गया. अब तन-मन-धन से जीरो टॉलरेंस की नीति को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ेंगे. सभी 99 पार्षदों का सहयोग लेकर जयपुर के विकास के बारे में सोचेंगे.
4 साल पहले मेयर प्रत्याशी रहते हुए मायूसी हाथ लगने पर उन्होंने कहा कि अच्छाई को हमेशा दिखने में समय लगता है, लेकिन अब ट्रिपल इंजन की सरकार है और अब हेरिटेज नगर निगम विकास की ऊंचाई छूएगा. जितना समय मिलेगा, उसमें जयपुर को चमकाने का प्रयास करेंगे और हेरिटेज को हेरिटेज ही बने रहने देंगे. प्राथमिकता रहेगी कि जयपुर शहर में जो भी गंदगी के अंबार लगे हुए हैं, उन्हें हटवाया जाएगा. सड़कों को रिपेयर करवाया जाएगा. हेरिटेज निगम में दीपावली अभी ही आ गई है, रामराज की स्थापना हो गई है. उन्होंने सफाई व्यवस्था के चैलेंज पर कहा कि यदि मन से कोई काम करते हैं तो कोई चैलेंज नहीं है. सभी पार्षद साथ में हैं और बीजेपी-कांग्रेस सभी पार्षद मिलकर काम करेंगे. वहीं, कांग्रेस और निर्दलीय पार्षदों की पूर्व महापौर से समितियां नहीं बनने को लेकर चल रही नाराजगी के बाद उन्हें साधने के सवाल पर कुसुम यादव ने कहा कि संगठन के आदेशों के तहत काम किया जाएगा.
मिलकर काम करेंगे : इससे पहले बीजेपी का समर्थन करने वाले कांग्रेस पार्षद उत्तम शर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्षदों ने नगर निगम से भ्रष्टाचार हटाने की लड़ाई लड़ी थी. अब कार्यवाहक मेयर बनाने की बात आई तो ऐसा लगता है कि डबल इंजन की सरकार बनेगी तो विकास का काम ज्यादा होगा, इसलिए विकास के पथ को चुनते हुए कार्यवाहक महापौर जो भी बनेगा, उनका समर्थन करेंगे. पहले 3 साल मेयर ने काम नहीं होने दिए. अब लोगों के प्रति जवाबदेही बनी हुई है, इसलिए यदि अब 1 साल काम करने वाले मेयर आएंगे तो सब मिलकर काम करेंगे और निगम को विकास की राह पर ले जाएंगे.
बीजेपी में शामिल नहीं हुआ कोई पार्षद : कार्यवाहक महापौर के तौर पर कांग्रेस से महापौर बनाने की मांग करने वाले कांग्रेस शहर अध्यक्ष आरआर तिवाड़ी ने कहा कि जब ग्रेटर में इस तरह का प्रकरण हुआ था तो तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जनता के दिए हुए बहुमत का आदर करते हुए बीजेपी की शील धाभाई को कार्यवाहक बनाया था, जबकि कांग्रेस चाहती तो वो भी अपना मेयर थोप सकती थी. वहीं, कांग्रेस पार्षदों की ओर से बीजेपी का समर्थन करने के सवाल पर तिवाड़ी ने कहा कि मुनेश गुर्जर से इन पार्षदों का व्यक्तिगत द्वेष भावना थी. उनसे बात हुई है उन्होंने स्पष्ट रूप से दावा किया है कि किसी भी पार्षद ने बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता स्वीकार नहीं की है और जिस दिन फ्लोर टेस्ट होगा कांग्रेस मेयर पद का उम्मीदवार उतारेगी, तब वो वापस कांग्रेस की मेयर प्रत्याशी को जिताएंगे. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि जिस दिन ये पार्षद बीजेपी कार्यालय गए थे, उसी दिन प्रदेश कांग्रेस के नेतृत्व को अवगत करा दिया था. जयपुर शहर के प्रभारी महामंत्री को भी कहा था और उनके निर्देश पर इन्हें कांग्रेस से निलंबन का नोटिस भी जारी किया था. अब ये काम अनुशासन समिति के पास में है, उसका कोई रिजल्ट आ नहीं रहा है. बहरहाल, अभी कुसुम यादव को कार्यवाहक महापौर बनाया गया है, यदि उन्हें स्थाई महापौर के तौर पर आगे बढ़ाया जाता है तो इसके लिए चुनावी प्रक्रिया से गुजरना होगा. फ्लोर टेस्ट पास करना होगा और चूंकि हेरिटेज निगम में बीजेपी के पास बहुमत नहीं है, ऐसे में कार्यवाहक महापौर के तौर पर रहते हुए कुसुम यादव के सामने कांग्रेस और निर्दलीय पार्षदों को साधने की भी चुनौती होगी.