कुरुक्षेत्र: पूरे हरियाणा में गर्मी का कहर जारी है. कई जिलों में तापमान 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. गर्मी से जानवार भी परेशान हैं. बात अगर उतरी हरियाणा के एकमात्र पिपली चिड़ियाघर की करें तो जानवरों को गर्मी से बचाना प्रबंधन के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है. पिपली चिड़ियाघर में करीब 15 प्रजातियों के जानवर व कई प्रजाति के पशु पक्षी हैं.
जानवरों को गर्मी से बचाने की कवायद: पिपली चिड़ियाघर के प्रबंधक और वन विभाग इंस्पेक्टर दविंदर कुमार ने बताया कि गर्मी बहुत ही ज्यादा पड़ रही है जिसके चलते उनके सामने भी अपने चिड़ियाघर में रखे गए पशु पक्षियों को गर्मी से बचने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि "गर्मी से बचाव के लिए सबसे बेहतर चिड़ियाघर के अंदर लगाए गए पेड़ पौधे हैं जिनकी छांव में वह बैठे रहते हैं. पशुओं के बाड़े और कमरे में गर्मी से बचने के लिए कूलर लगाए गए हैं ताकि उनको गर्मी से थोड़ी राहत मिल सके". उन्होंने कहा कि ज्यादा गर्मी बढ़ने के चलते चिड़ियाघर के अंदर रहने वाले जानवर और पशु पक्षी ज्यादातर समय अपने बाड़े के अंदर ही रहते हैं, क्योंकि बाहर गर्म हवाएं चलती है जिसके चलते उनको गर्मी महसूस होती है. वन विभाग के द्वारा उनको बचाने के लिए हर प्रयास किया जा रहा है.
पानी का फव्वारा का उपयोग: वन विभाग इंस्पेक्टर दविंदर कुमार के अनुसार "चिड़ियाघर के अंदर जितने भी जानवर व पशु पक्षियों के बाड़े हैं उनके अंदर ठन्डे पानी का फव्वारा और फॉगिंग सिस्टम भी लगाया हुआ है जिसके चलते उनके आसपास की धरती गीली रहती है और गर्मी कम लगती है. कई पशु पक्षी और जानवर उसके अंदर अपने आप को गीला भी करते रहते हैं". उन्होंने बताया कि "प्रचंड गर्मी पड़ने के चलते सभी पशु पक्षियों और जानवरों का पानी समय-समय पर बदला जाता है और ठंडा पानी डाला जाता है, क्योंकि गर्मी में पानी का बहुत ही ज्यादा महत्व होता है अगर पीने के लिए पर्याप्त मात्रा में ठंड और ताजा पानी मिलता रहे तो गर्मी कम लगती है".
लोगों से अपील: दविंदर कुमार ने आमजन से भी अपील की है कि वह भी अपने घरों के आसपास और कहीं खुले में पशु पक्षियों के लिए पीने के पानी का प्रबंध करें और पीने का पानी रखें ताकि गर्मियों के दिनों में पशु पक्षियों को थोड़ी राहत मिल सके. उन्होंने कहा कि गर्मियों के दिनों में पानी के अभाव में बहुत से पशु पक्षी अपनी जान गंवा देते हैं.