श्योपुर। कूनो नेशनल पार्क से एक बार फिर एक चीता राजस्थान के करौली जिले के सीमारा गांव मे जा पहुंचा. नर चीता 'पवन' को चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में राजस्थान के करोली जिले से रेस्क्यू किया गया. इस दौरान लोगों का भारी हुजूम उमड़ा. लोगों की भीड़ देखने के बाद चीता घबरा गया. उल्लेखनीय है कि पवन कूनो में स्वतंत्र रूप से घूम रहा था. शनिवार सुबह वह अंतरराज्यीय सीमा को पार कर गया. इसके बाद कूनो प्रबंधन ने चीते को रेस्क्यू करने की तैयारी की. कूनो नेशनल पार्क प्रबंधने इस ऑपरेशन में राजस्थान के वन और पुलिस विभाग के कर्मचारियों का सहयोग लिया.
राजस्थान के सिमारा गांव में फैली दहशत
वन विभाग के अनुसार शनिवार सुबह जिले के सिमारा गांव में पहली बार चीते को देखा गया. वन विभाग राजस्थान और एमपी की टीम यहां पहुंची. इस दौरान वन विभाग और पुलिस द्वारा क्षेत्र के लोगों से सावधानी बरतने और चीता से पर्याप्त दूरी बनाए रखने की अपील की जाती रही. वन विभाग से शुरुआती प्रयासों में चीते का रेस्क्यू नहीं हो सका. इसके बाद मौके पर कूनो पार्क की टीम पहुंच गई. करौली वाइल्ड लाइफ उप वन संरक्षक पीयूष शर्मा ने बताया कि चीते के सिमारा गांव में पहुंचने की सूचना मिली थी.
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कूनो पार्क की टीम ने किया रेस्क्यू
खतरनाक जानवर मिलने की सूचना मिलते ही ग्रामीण बड़ी संख्या में लाठी-डंडे लेकर पहुंच गए. ये चीता एमपी के श्योपुर और सबलगढ़ से होते हुए आया था. दरअसल, एमपी के ये दोनों शहर चंबल नदी से सटे हुए हैं. वहीं, करौली का सिमारा गांव भी चंबल के किनारे बसा है. ऐसे में आशंका है कि ये चीता चंबल किनारे होते हुए राजस्थान में पहुंचा. चीता आने की सूचना से आसपास के इलाके में दहशत फैल गई. ये पहली बार नहीं है कि कूनो से चीता राजस्थान की सीमा में आया हो. 4 महीने पहले भी एमपी के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क से लापता चीता अग्नि राजस्थान की सीमा में पहुंच गया था.