कुल्लू: जिला कुल्लू की पर्यटन नगरी मनाली के गोशाल गांव की रहने वाली कृष्णा ठाकुर ने नेपाल की 17,882 फीट ऊंची थोरंग ला चोटी और दुनिया की सबसे ऊंची 16,232 फीट ऊंची तिलिचो झील को फतह कर तिरंगा लहरा कर भारत का नाम रोशन किया है.
पर्वतारोही कृष्णा ने इस अभियान को अमेरिका के पांच पर्वतारोहियों के साथ जिनमें टीम लीडर निम तेंजिन, निक, जयन्थि, जोरेड, जोएल व गाइड तेंजिन के साथ पूरा किया है. पर्वतारोही कृष्णा व उनकी टीम ने इस अभियान को 25 मई को काठमांडू से शुरू किया और 28 मई को तिलिचो झील के बेस कैंप पहुंचे.
29 मई को दुनिया की सबसे ऊंची झील तिलिचो को फतह कर लिया और 30 मई को श्री खरक लौटे. पहली जून को दुनिया के सबसे ऊंचे दर्रे थोरंग ला की ओर रवाना हुए और दो जून को इस दर्रे पर तिरंगा लहराया.
42 वर्षीय कृष्णा ने बताया कि उनकी टीम के सभी सदस्य उनसे युवा थे. रास्ते में उनके पांव में सूजन आ गई थी लेकिन उन्होंने फिर भी हिम्मत नहीं हारी और अपने इस लक्ष्य को प्राप्त कर लिया.
कृष्णा ने सभी पर्वतारोहियों को संदेश देते हुए कहा कि पहाड़ों में गंदगी ना फैलाना भी स्वच्छता में सहयोग देने के समान है. पर्वतारोही पहाड़ों में गंदगी न फैलाएं और अपने साथ कूड़ा वापस लाएं.
गौर रहे कि पर्वतारोही कृष्णा ने वर्ष 2000 में 17,200 फीट ऊंची शीतिधार को फतह कर पर्वतारोहण संस्थान मनाली के बेसिक कोर्स से माउंटेनियरिंग की शुरुआत की. साल 2001 में 19,450 फीट हुनमान टिब्बा, 2003 में प्रियदर्शनी, 2004 में चंद्रभागा पीक 13 व इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन (आईएमएफ) के सहयोग से 21,288 फीट ऊंची धर्मशूरा (वाइटसेल) पीक फतह की.
साल 2008 में उत्तराखंड के 23,348 फीट ऊंची सतोपंथ चोटी, 2015 में कुल्लू की 18,414 फीट ऊंची प्रांगला पास पीक, 2021 में कुल्लू की 17,500 फीट फ्रेंडशिप पीक व 2022 में एवरेस्ट बेस कैंप तक पहुंची. साल 2023 में उन्होंने स्विजरलैंड की ब्राइटहोर्न चोटी को फतह किया.
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