जयपुर: श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर जयपुर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर में सुबह 4:30 बजे मंगला झांकी से ही श्रद्धालुओं के लिए दर्शन व्यवस्था शुरू हो जाएगी. इस बार पास धारक, आमजन प्रवेश बिना जूता-चप्पल, आम जन प्रवेश जूता चप्पल वाले और जगमोहन के लिए चार अलग-अलग लाइन बनाई गई हैं. इन लाइनों से आकर भक्त अपने भगवान के दर्शन लाभ प्राप्त कर सकेंगे. मंदिर में आने के लिए जलेब चौक से लाइन लगेगी. इस व्यवस्था को 3150 कार्यकर्ता संभालेंगे. वहीं 1000 से ज्यादा का पुलिस जाब्ता भी तैनात रहेगा. साथ ही एक पुलिस कंट्रोल रूम भी बनाया गया है. ताकि कोई अप्रिय घटना न हो. वहीं मौसम को देखते हुए शेड की व्यवस्था की गई है.
विशेष फूलों का शृंगार: जन्माष्टमी को देखते हुए गोविंद देव जी मंदिर को 'बधाई है' और सातिया की पताकाओं से सजाया गया है. वहीं पर्व के दिन 26 अगस्त को ठाकुर श्रीजी का सुबह मंगला झांकी से पहले पूर्व पंचामृत अभिषेक होगा. ठाकुर श्रीजी को नवीन पीत वस्त्र और विशेष अलंकार धारण कराए जाएंगे. ठाकुर श्रीजी का विशेष फूलों का शृंगार किया जाएगा. मंदिर के सेवादार अमोल पाठक ने बताया कि मंदिर के मुख्य द्वार और निकास द्वार पर शहनाई वादन होगा. रात 12:00 बजे 31 तोपों की गर्जना के साथ भगवान का प्राकट्य होगा. वहीं पूरे दिन 1000 पुलिस जवान और 3150 कार्यकर्ता व्यवस्थाएं संभालेंगे.
पीली रेशमी पोशाक धारण करेंगे ठाकुर जी: उन्होंने बताया कि दर्शनार्थियों को सुगमता से दर्शन हो सके, इसके लिए 13 एलईडी की व्यवस्था की गई है. पुलिस प्रशासन की ओर से दर्शनार्थियों की सुरक्षा के लिए 10 मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं. इसमें से होते हुए ही दर्शनार्थी मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे. चिह्नित जगहों पर सीसीटीवी भी लगवाए गए हैं. वहीं मंदिर के मुख्य सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया ठाकुर श्रीजी की पीली रेशमी पोशाक धारण कराई जाएगी. जिसमें राजस्थानी गोटा पत्ती का कार्य किया गया है. पोशाक बनाने में डेढ़ से दो महीने का समय लगा.
निःशुल्क पंचामृत और पंजीरी वितरण: उन्होंने बताया कि रात 12 बजे गोविंद अभिषेक दर्शन खुलेंगे. श्री शालिग्राम पूजन और पांच द्रव्यों के पूजन के बाद ठाकुर श्रीजी का पंचामृत अभिषेक किया जाएगा. अभिषेक के लिए 425 लीटर दूध, 365 दही, 11 किलो घी, 85 किलो बूरा, 11 किलो शहद का उपयोग किया जाएगा. दूध, दही, घी देसी नस्ल की गाय का ही होगा. इस दौरान 6 पंडित वेद पाठ करेंगे. अभिषेक के बाद ठाकुरजी को विशेष भोग अर्पण किया जाएगा. जिसमें पंजीरी लड्डू, खिरसा और रबड़ी कुल्लड़ का भोग शामिल है. अभिषेक के बाद सभी भक्तों में निःशुल्क पंचामृत और पंजीरी वितरण जय निवास बाग में बने प्रसादी मंच से किया जाएगा.
गोविंद देव जी में ये रहेगा दर्शन का समय:
- मंगला आरती : सुबह 4:30 से 6:45 बजे
- धूप आरती : सुबह 7:30 से 9:30 बजे
- शृंगार आरती : सुबह 9:45 से 11:30 बजे
- राजभोग आरती : सुबह 11:45 से दोपहर 1:30 बजे
- ग्वाल आरती : शाम 4 से 6:30 बजे
- संध्या आरती : शाम 6:45 से 8:30 बजे
- शयन आरती : रात 9:15 से 10:30 बजे
- मंगला आरती (27 अगस्त) : रात 11 से 11:15 बजे
- तिथि पूजन : रात 12 बजे से 12:30 बजे तक