कोटा. देश भर से कोटा में मेडिकल और इंजीनियरिंग एंट्रेंस की तैयारी करने के लिए विद्यार्थी आते हैं, लेकिन तनाव में आकर उनके खुदकुशी करने के मामले भी तेजी से बढ़े हैं. इसको लेकर राज्य सरकार से लेकर पुलिस प्रशासन तक चिंतित है. ऐसे में इस समस्या के समाधान और छात्रों पर निगरानी रखने को लेकर शुक्रवार को कोटा के नए रेंज आईजी रविदत्त गौड़ और सिटी एसपी डॉ. अमृता दुहन ने कोचिंग संचालकों के साथ बैठक की.
इस बैठक के दौरान ही आईजी गौड़ ने निर्देश दिया कि कोचिंग एरिया में पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और इनकी मॉनिटरिंग के लिए कोचिंग एरिया स्थित पुलिस चौकियों में व्यवस्था की जाए. साथ ही कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे प्रत्येक 25 छात्र-छात्राओं का एक ग्रुप बनाया जाए, जिनमें से एक स्टूडेंट को मॉनिटर यानी हेड बॉय या गर्ल्स नियुक्त किया जाए. उनके जरिए पूरे ग्रुप पर मॉनिटरिंग रखी जा सकती है. इसके साथ ही कोचिंग संस्थान और हॉस्टलों के बाहर भी शिकायत बॉक्स लगाए जाएं.
इसे भी पढ़ें - Kota Businessmen Worried : कोटा कोचिंग के लखनऊ और पटना में खुले सेंटर, बढ़ी शहर के व्यापारियों की टेंशन
इसके साथ ही कोचिंग एरिया में छात्र-छात्राओं को हो रही समस्याओं और उनके निराकरण की जानकारी स्टूडेंट हेल्पलाइन और पुलिस कंट्रोल रूम पर दी जाए. कोचिंग एरिया में मादक पदार्थों की बिक्री के संबंध में भी सूचना आती है. ऐसे में इन इलाकों में लगातार कार्रवाई की जाएं. कोचिंग एरिया में खुलने वाली दुकानों के समय भी निश्चित हो.
वहीं, कोटा सिटी एसपी डॉ. दुहन ने कहा कि बैठक में कोचिंग एरिया में आपराधिक गतिविधियों रोक, छात्र व छात्राओं को होने वाली पेरशानियों को दूर करने और आत्महत्या के कारणों पर बात की गई है. दूसरी तरफ इन कोचिंग एरिया की पुलिस चौकियों में पर्याप्त पुलिस बल तैनात करने का आश्वासन भी आईजी रविदत्त गौड़ ने दिया है. इस मीटिंग में एडिशनल एसपी कोटा सिटी संजय गुप्ता, डीएसपी प्रथम भवानी सिंह व चतुर्थ हर्षराज सिंह खरेड़ा, कोचिंग एरिया से जुड़े 6 थानों के एसएचओ भी मौजूद रहे. इसके अलावा कोचिंग संस्थानों के एक दर्जन से ज्यादा प्रतिनिधि भी बैठक में मौजूद थे.