रायपुर: राजधानी रायपुर के टैगोर नगर में रहने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट कुणाल शुक्ला के घर शुक्रवार को राजस्थान की कोटा पुलिस पहुंची. कोटा पुलिस ने कुणाल शुक्ला को एक नोटिस दिया और 7 दिन के अंदर RTI कार्यकर्ता को कोटा के किशोरपुरा थाने में उपस्थित होने के लिए कहा.
कोटा पुलिस के नोटिस में क्या: 13 अप्रैल को कोटा शहर के भाजपा जिला अध्यक्ष राकेश जैन ने वहां के किशोरपुरा थाने में लिखित रिपोर्ट कराई. इस रिपोर्ट में जिक्र किया गया कि कोटा बूंदी संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी रहे ओम बिरला के खिलाफ सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो वायरल किया जा रहा है. वीडियो में ओम बिरला की आवाज हूबहू मिल रही है. नौशाद और आशव के फेसबुक पेज पर व्हाट्सएप ग्रुप में मनगढ़ंत झूठा और प्रतिष्ठा को धूमिल करने वाला वीडियो अपलोड किया गया है. इसे आरटीआई एक्टिविस्ट कुणाल शुक्ला ने भी शेयर किया था."
कोटा शहर के भाजपा जिला अध्यक्ष ने शिकायत में आगे बताया कि "फर्जी वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट करना आपराधिक कृत्य हैं. ओम बिरला भाजपा प्रत्याशी के साथ-साथ लोकसभा अध्यक्ष हैं. अब संवैधानिक पद पर बैठे शख्स के खिलाफ डीप और फेक वीडियो बनाकर ओम बिरला की छवि को धूमिल किया जा रहा है."
कोटा पुलिस के नोटिस पर कुणाल शुक्ला का जवाब: कोटा पुलिस के नोटिस पर कुणाल शुक्ला ने कहा- "कोटा पुलिस ने प्री अरेस्ट नोटिस दिया है. लेकिन मैं कहता हूं कि सात दिन बाद क्यों वह आज ही मुझे गिरफ्तार कर लें. मैं हमेशा किसानों, गरीबों, मजदूरों के लिए आवाज उठाता रहा हूं. नरेंद्र मोदी की तानाशाही अगर ये समझती है कि मेरी आवाज दबा लेगी तो उनको बताना चाहूंगा कि मेरी आवाज वह नहीं दबा पाएंगे. मैं पुलिस से या तानाशाही से डरना वाली नहीं हूं. मैं और भी मुखरता से अपनी आवाज उठाउंगा."
ओम बिरला डीप फेक मामले में 2 गिरफ्तार: इस मामले में राजस्थान पुलिस आरोपी नौशाद और आशव शर्मा को गिरफ्तार कर चुकी है. इसके बाद अब इसी केस में कुणाल शुक्ला पर कार्रवाई की जा रही है. केस में आईटी एक्ट की अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया.
भूपेश सरकार में बीर विकास संचार केंद्र के थे अध्यक्ष: आरटीआई एक्टिविस्ट कुणाल शुक्ला को भूपेश सरकार के कार्यकाल के दौरान कबीर विकास संचार केंद्र शोधपीठ का अध्यक्ष बनाया गया था. शोध पीठ की स्थापना कुशाभाव ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के अंतर्गत की गई थी.