कोटा : कोटा-बूंदी दुग्ध उत्पादक संघ सरस डेयरी ने 'शुद्ध के लिए युद्ध' अभियान छेड़ा हुआ है. त्योहार के सीजन में लगातार मिलावट भी होती है. इस मिलावट से सजग रहने के लिए भी अभियान काम कर रहा है. इसी अभियान को आगे बढ़ते हुए प्रत्येक पशुपालक की ऑडिट भी करवाई जा रही है कि उसके कितने दूध का उत्पादन होता है और वह कितना दूध डेयरी में सप्लाई कर रहा है. साथ ही जितना दूध व सप्लाई कर रहा है, उतनी मात्रा में पशु भी है या नहीं.
कोटा डेयरी के अध्यक्ष चैन सिंह राठौड़ का कहना है कि गोपालक किसान क्रेडिट योजना के तहत पशुपालकों को 1 लाख तक का बिना ब्याज के लोन दिया जाना है, इसलिए कोटा डेयरी में सप्लाई करने वाले पशुपालकों की ऑडिट की जा रही. इस ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार ही पशुपालकों को बिना ब्याज का लोन और स्कीम का फायदा मिलेगा. इसी ऑडिट रिपोर्ट का उपयोग भी हम शुद्ध के लिए युद्ध अभियान में करने वाले हैं. इसमें कुछ किसान ऐसे भी चिन्हित हुए हैं, जिनके पास पशुओं की संख्या कम है, लेकिन वह दूध की सप्लाई ज्यादा दे रहे हैं. ऐसे सभी किसानों से कारण भी जानने की कोशिश की जाएगी. जरूरत पड़ी तो इन किसानों पर एक्शन लेकर उनकी सप्लाई बंद करवा दी जाएगी.
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15 समितियों पर ले चुके हैं एक्शन : चैन सिंह राठौड़ का कहना है कि करीब 700 से 800 दूध सप्लाई करने वाली समितियां उनसे जुड़ी हुई हैं, जिनमें करीब 40 से 45 हजार पशुपालक जुड़े हुए हैं. यह सभी पशुपालक ऑफ सीजन में करीब 80 से 90 और सीजन में डेढ़ लाख लीटर तक दूध की सप्लाई कर रहे हैं. बीते 6 से 7 महीने में उन्होंने कार्रवाई करते हुए दूध सप्लाई करने वाली 15 समितियों पर कार्रवाई की है और उनके दूध पर पाबंदी लगा दी है, क्योंकि वहां से मिलावट का अंदेशा आ रहा था. कई जगह पर दूध में मिलावट भी मिली थी, इसीलिए उन्हें बंद करना पड़ा है. सभी को साफ हिदायत है कि शुद्ध और गुणवत्ता युद्ध दूध ही सप्लाई में दिया जाना है.