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सुसाइड्स पर कोटा कलेक्टर ने लिखा पत्र, कहा- लाख आंधियां उठें, वो फूल खिल के रहेंगे, जो खिलने वाले हैं - Collector wrote an emotional letter

Kota Collector wrote an emotional letter, कोटा में इंजीनियरिंग और मेडिकल एंट्रेंस की कोचिंग के लिए आने वाले छात्रों में सुसाइड्स के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. ऐसे में अब इन मामले को लेकर जिला कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने कोचिंग छात्रों और उनके अभिभावकों को पत्र लिखा है. कलेक्टर ने इस पत्र के जरिए छात्रों को मोटिवेट करने की कोशिश की है.

Kota Collector wrote an emotional letter
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 1, 2024, 12:16 PM IST

कोटा. शिक्षा नगरी कोटा में देशभर से विद्यार्थी इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी करने के लिए आते हैं, लेकिन यहां पढ़ने के लिए आने वाले छात्रों में सुसाइड की टेंडेंसी बढ़ रही है. ऐसे में इसे रोकने के लिए अब जिला प्रशासन से लेकर राज्य और केंद्र सरकार तक प्रयासरत है. कोटा के कोचिंग संस्थान, हॉस्टल और यहां के निवासी भी इस पर लगाम लगाने के लिए कई तरह के जतन कर रहे हैं. हालांकि, अभी भी सुसाइड के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. अब इस मामले को लेकर जिला कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने कोचिंग छात्रों और उनके अभिभावकों को एक पत्र लिखा है. कलेक्टर गोस्वामी ने यह पत्र छात्रों को मोटिवेट करने के मकसद से लिखा है. उन्होंने पत्र में लिखा- ''हजार बर्क गिरे लाख आंधियां उठें, वो फूल खिल के रहेंगे, जो खिलने वाले हैं." इन पंक्तियों के जरिए कलेक्टर ने जीवन के संघर्षों पर विजय और ईश्वर के योगदान की बात कही है.

उन्होंने स्टूडेंट से कहा कि आप नीट यूजी व जेईई के पेपर देंगे, लेकिन यह ध्यान में रखें कि असफलता मौका देती है और जीवन में की गई गलतियों से जीतकर ही हम सफल हो सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि परीक्षा एक मात्र पड़ाव है, न की मंजिल, इसमें फेल होना जीवन की दिशा निर्धारित नहीं कर सकता है. खुद का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि पीएमटी में वो फेल हो गए थे, लेकिन वो मेहनत करते रहे, क्योंकि फल देना ईश्वर का काम है. भगवान ने हमें किसी एरिया में असफल किया है तो शायद हमारे लिए वे दूसरा रास्ता बना रहे हैं. यह मानकर काम करना चाहिए. केवल एक परीक्षा को आपके लक्ष्य प्राप्ति की कसौटी नहीं माना जा सकता. आप चल रहे हो तो गिरोगे भी, लेकिन सार्थकता तब ही है, जब आप गिर कर उठेंगे और फिर अपनी मंजिल को हासिल करेंगे.

Kota Collector wrote an emotional letter
सुसाइड्स पर कोटा कलेक्टर ने लिखा पत्र

इसे भी पढ़ें - बिहार से कोटा में इंजीनियरिंग एंट्रेंस की तैयारी करने आए छात्र ने की आत्महत्या

अभिभावकों से कलेक्टर ने की ये अपील : कलेक्टर ने पेरेंट्स को लिखे पत्र में कहा कि बच्चों की परीक्षाएं होने वाली है. आपने उन्हें कोटा में रहने के लिए सभी सुविधाएं दी है, यह एक समर्पण है. पेरेंट्स के लिए बच्चे की खुशी से बढ़कर कोई और खुशी नहीं हो सकती है, लेकिन समस्या तब खड़ी होती है, जब हम बच्चे की खुशी को उसके किसी परीक्षा में लाए गए नंबरों से जोड़कर देखते हैं. हो सकता है कि बच्चे ने पूरी मेहनत की हो, लेकिन उस दिन उसका दिन खराब हो, उसका लगाव उस विषय में न हो. उन्होंने पेरेंट्स से अपील की, कि अपने बच्चों को गलती सुधारने का मौका दें. खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि वो कोटा से वापस चले गए थे, तब उनके माता-पिता ने भी उन्हें मौका दिया, क्योंकि बच्चा जो भी करेगा, पूरे मन से करेगा व आपके लिए करेगा. अगले कुछ दिन नियमित बात करें और समझाएं कि पूरे विश्व में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है, जो फेल नहीं हुआ. सभी कहीं न कहीं फेल होते हैं. उन्हें यह भी बताएं कि डॉक्टर या इंजीनियर ही सफल हो, ऐसा भी जरूरी नहीं है.

कोटा. शिक्षा नगरी कोटा में देशभर से विद्यार्थी इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी करने के लिए आते हैं, लेकिन यहां पढ़ने के लिए आने वाले छात्रों में सुसाइड की टेंडेंसी बढ़ रही है. ऐसे में इसे रोकने के लिए अब जिला प्रशासन से लेकर राज्य और केंद्र सरकार तक प्रयासरत है. कोटा के कोचिंग संस्थान, हॉस्टल और यहां के निवासी भी इस पर लगाम लगाने के लिए कई तरह के जतन कर रहे हैं. हालांकि, अभी भी सुसाइड के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. अब इस मामले को लेकर जिला कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने कोचिंग छात्रों और उनके अभिभावकों को एक पत्र लिखा है. कलेक्टर गोस्वामी ने यह पत्र छात्रों को मोटिवेट करने के मकसद से लिखा है. उन्होंने पत्र में लिखा- ''हजार बर्क गिरे लाख आंधियां उठें, वो फूल खिल के रहेंगे, जो खिलने वाले हैं." इन पंक्तियों के जरिए कलेक्टर ने जीवन के संघर्षों पर विजय और ईश्वर के योगदान की बात कही है.

उन्होंने स्टूडेंट से कहा कि आप नीट यूजी व जेईई के पेपर देंगे, लेकिन यह ध्यान में रखें कि असफलता मौका देती है और जीवन में की गई गलतियों से जीतकर ही हम सफल हो सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि परीक्षा एक मात्र पड़ाव है, न की मंजिल, इसमें फेल होना जीवन की दिशा निर्धारित नहीं कर सकता है. खुद का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि पीएमटी में वो फेल हो गए थे, लेकिन वो मेहनत करते रहे, क्योंकि फल देना ईश्वर का काम है. भगवान ने हमें किसी एरिया में असफल किया है तो शायद हमारे लिए वे दूसरा रास्ता बना रहे हैं. यह मानकर काम करना चाहिए. केवल एक परीक्षा को आपके लक्ष्य प्राप्ति की कसौटी नहीं माना जा सकता. आप चल रहे हो तो गिरोगे भी, लेकिन सार्थकता तब ही है, जब आप गिर कर उठेंगे और फिर अपनी मंजिल को हासिल करेंगे.

Kota Collector wrote an emotional letter
सुसाइड्स पर कोटा कलेक्टर ने लिखा पत्र

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अभिभावकों से कलेक्टर ने की ये अपील : कलेक्टर ने पेरेंट्स को लिखे पत्र में कहा कि बच्चों की परीक्षाएं होने वाली है. आपने उन्हें कोटा में रहने के लिए सभी सुविधाएं दी है, यह एक समर्पण है. पेरेंट्स के लिए बच्चे की खुशी से बढ़कर कोई और खुशी नहीं हो सकती है, लेकिन समस्या तब खड़ी होती है, जब हम बच्चे की खुशी को उसके किसी परीक्षा में लाए गए नंबरों से जोड़कर देखते हैं. हो सकता है कि बच्चे ने पूरी मेहनत की हो, लेकिन उस दिन उसका दिन खराब हो, उसका लगाव उस विषय में न हो. उन्होंने पेरेंट्स से अपील की, कि अपने बच्चों को गलती सुधारने का मौका दें. खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि वो कोटा से वापस चले गए थे, तब उनके माता-पिता ने भी उन्हें मौका दिया, क्योंकि बच्चा जो भी करेगा, पूरे मन से करेगा व आपके लिए करेगा. अगले कुछ दिन नियमित बात करें और समझाएं कि पूरे विश्व में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है, जो फेल नहीं हुआ. सभी कहीं न कहीं फेल होते हैं. उन्हें यह भी बताएं कि डॉक्टर या इंजीनियर ही सफल हो, ऐसा भी जरूरी नहीं है.

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