ETV Bharat / state

कोरिया में सिस्टम की सुस्त चाल से जनता झेल रही गंदगी, सीवेज प्लांट का काम अटका - SEWAGE TREATMENT PLANT

KOREA SEWERAGE TREATMENT PLANT कोरिया जिले के बैकुंठपुर क्षेत्र में एसईसीएल काॅलोनियों से निकलने वाले गंदे पानी के ट्रीटमेंट के लिए 3 एसटीपी प्लांट लगाया गया है. इन तीनों ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है. आरोप है कि ढाई साल बीतने के बाद भी प्लांट के काम अधूरे हैं. वहीं जिन प्लांट के काम में वाटर रिसाइकल किए जा रहे, उन ट्रीटेड वाटर को नाले में बहाया जा रहा है. इसके साथ ही शिवपुर चरचा में बने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण के एनओसी पर भी सवाल उठ रहे हैं.

SEWERAGE TREATMENT PLANT
सिस्टम से परेशान सीवेज प्लांट (ETV Bharat Chhattisgarh)
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 30, 2024, 4:37 PM IST

Updated : Jul 30, 2024, 5:28 PM IST

सीवेज प्लांट को लेकर उठ रहे सवाल (ETV Bharat Chhattisgarh)

कोरिया : जिले के एसईसीएल बैकुंठपुर क्षेत्र में कर्मचारी आवासों से निकलने वाले गंदे पानी के ट्रीटमेंट के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया था. लेकिन ढाई साल बीत जाने के बाद भी ट्रीटमेंट प्लांट के काम अधूरे हैं. एसटीपी में कॉलोनियों का गंदा पानी नहीं आ रहा है. इससे पर्यावरण शर्तों के तहत किए गए निर्माण का फायदा नहीं मिल रहा है. दूसरी ओर एसटीपी के मेंटेनेंस पर हर महीने लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं.

ट्रीटमेंट पानी को वापस नाले में बहाने के आरोप : प्लांट निर्माण को लेकर अफसरों ने यह दावा किया था कि गंदे पानी को साफ कर यानी रिसाइकिल कर उसका उपयोग किया जाएगा. इस पानी को पार्कों में पेड़ पौधों की सिंचाई और कोयले पर छिड़काव के लिए किया जा सकेगा. लेकिन एसटीपी को कुछ कॉलोनियों से कनेक्ट कर ट्रीटमेंट पानी को वापस नाले में बहाया जा रहा है. चरचा में दो से तीन मोहल्ले का पानी ही एसटीपी तक पहुंच रहा है.

झिलमिली में भी पानी को साफ कर नाले में छोड़ा : यही हाल पाण्डवपारा और झिलमिली का भी है. पाण्डवपारा में पहले कॉलोनियों का गंदा पानी नाले में बहकर गोबरी जलाशय में मिल रहा था. जिसके समाधान के लिए एसईसीएल ने एसटीपी का निर्माण करवाया और दावा किया कि अब बांध का पानी दूषित नहीं होगा. एसटीपी से निकलने वाले पानी का उपयोग कोयले पर छिड़काव और पार्कों में हरियाली बढ़ाने की बात कही गई. लेकिन अब पानी को साफ कर नाले में छोड़ा जा रहा है.

रिसाइकल्ड पानी को नाले में बहाने की वजह : प्लांट से नाली के गंदे पानी को रिसाइकल करने में 180 मिनट का समय लगता है. प्लांट से तीन चरण में शुद्धिकरण के बाद पानी नालों में छोड़ा जा रहा है. ताकि गंदा पानी बैक्टीरिया मुक्त हो सके. पानी नालों में बहाने के बाद बचे अपशिष्ट कीचड़ को पाइप लाइन के जरिए से अपकेंद्रित मशीन में लाकर इसे ठोस कर गार्डनिंग व अन्य कार्यों में उपयोग किया जाएगा. वर्तमान में 200 माइंस, तुलसी कॉलोनी सहित अन्य कॉलोनियों के गंदे पानी का ट्रीटमेंट पाण्डवपारा प्लांट में हो रहा है. 56 माइंस में सिविल वर्क बाकी है.

"कुछ निर्माण कार्य बाकी, काम जारी" : इस संबंध में एसईसीएल कटकोना कॉलरी के सब एरिया मैनेजर आरके मंडल का कहा, "एसटीपी अक्टूबर 2023 में शुरू हुआ है. अभी भी कुछ निर्माण कार्य बाकी है, इसे कराया जा रहा है. ठेकेदार का भुगतान भी अटका है. काम पूरा होने के बाद भुगतान होगा."

"नगर पालिका शिवपुर चरचा क्षेत्र में एसईसीएल ने एसटीपी का निर्माण किया है, लेकिन इसके लिए अनापत्ति पत्र नहीं लिया गया है. एसईसीएल को नोटिस जारी करेंगे." - रत्नेश, सीएमओ, नगर पालिका चरचा

विवाद पर एसईसीएल ने रखा अपना पक्ष : एसईसीएल के जनसंपर्क अधिकारी सनीश चंद्र ने कहा, "हम तमाम क्लीरेंस के बाद ही किसी भी निर्माण में जाते हैं. कुछ जगह कोल बेयरिंग एक्ट के तहत हमारी जमीन पर कंपनी कार्य करने के लिए स्वतंत्र है. मुझे एरिया प्रबंधन द्वारा बताया गया है कि कार्य सभी नियम शर्तों को पूरा करते हुए विधिक तरीके से हुआ है. एसटीपी का कार्य पूरा हो चुका है, जिसे उपयोग में भी लाया जा रहा है."

"मामला हमारे संज्ञान में आया था. हमने अपनी टीम भेजकर जांच कराई थी. मालूम चला है कि वह पूरा फंक्शन नहीं हो पाया है. एसईसीएल ने निर्माण को लेकर चरचा नगर पालिका से एनओसी ली है या नहीं, उसे चेक करेंगे और कार्रवाई करेंगे." - विनय कुमार लंगेह, कलेक्टर, कोरिया

13 करोड़ 10 लाख रुपए की लागत से बना तीन प्लांट : एसईसीएल काॅलोनियों से निकलने वाले गंदे पानी की निकासी और उसके ट्रीटमेंट के लिए सीवेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तैयार किया गया. 13 करोड़ 10 लाख रुपए की लागत से शिवपुर चरचा, झिलमिली और कटकोना में 3 सीवेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण किया गया है. इस प्लांट से प्रतिदिन 27 लाख 50 हजार लीटर गंदे पानी को साफ कर दैनिक उपयोग के लिए सप्लाई करने की योजना बनाए गई है. कटकोना में 3.16 करोड़ की लागत से 5 लाख लीटर, झिलमिली में 3.53 करोड़ की लागत से 7 लाख लीटर और शिवपुर चरचा में 6.41 करोड़ की लागत से 15 लाख लीटर क्षमता वाले तीन प्लांट को तैयार किया गया है.

सांप ने पेड़ से कूदकर छात्र को काटा, गौरेला के टिकरकला हाई स्कूल में मची भगदड़ - Student bitten by poisonous snake
लिथियम बैटरी निर्माण में आत्मनिर्भर बनेगा भारत, कोरबा में खनन की तैयारी शुरू - LITHIUM BATTERY MANUFACTURING
पंडरिया के कुंडा गांव में समस्याओं का अंबार, स्वच्छ भारत मिशन का बुरा हाल, ग्रामीण परेशान - KABIRDHAM NEWS

सीवेज प्लांट को लेकर उठ रहे सवाल (ETV Bharat Chhattisgarh)

कोरिया : जिले के एसईसीएल बैकुंठपुर क्षेत्र में कर्मचारी आवासों से निकलने वाले गंदे पानी के ट्रीटमेंट के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया था. लेकिन ढाई साल बीत जाने के बाद भी ट्रीटमेंट प्लांट के काम अधूरे हैं. एसटीपी में कॉलोनियों का गंदा पानी नहीं आ रहा है. इससे पर्यावरण शर्तों के तहत किए गए निर्माण का फायदा नहीं मिल रहा है. दूसरी ओर एसटीपी के मेंटेनेंस पर हर महीने लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं.

ट्रीटमेंट पानी को वापस नाले में बहाने के आरोप : प्लांट निर्माण को लेकर अफसरों ने यह दावा किया था कि गंदे पानी को साफ कर यानी रिसाइकिल कर उसका उपयोग किया जाएगा. इस पानी को पार्कों में पेड़ पौधों की सिंचाई और कोयले पर छिड़काव के लिए किया जा सकेगा. लेकिन एसटीपी को कुछ कॉलोनियों से कनेक्ट कर ट्रीटमेंट पानी को वापस नाले में बहाया जा रहा है. चरचा में दो से तीन मोहल्ले का पानी ही एसटीपी तक पहुंच रहा है.

झिलमिली में भी पानी को साफ कर नाले में छोड़ा : यही हाल पाण्डवपारा और झिलमिली का भी है. पाण्डवपारा में पहले कॉलोनियों का गंदा पानी नाले में बहकर गोबरी जलाशय में मिल रहा था. जिसके समाधान के लिए एसईसीएल ने एसटीपी का निर्माण करवाया और दावा किया कि अब बांध का पानी दूषित नहीं होगा. एसटीपी से निकलने वाले पानी का उपयोग कोयले पर छिड़काव और पार्कों में हरियाली बढ़ाने की बात कही गई. लेकिन अब पानी को साफ कर नाले में छोड़ा जा रहा है.

रिसाइकल्ड पानी को नाले में बहाने की वजह : प्लांट से नाली के गंदे पानी को रिसाइकल करने में 180 मिनट का समय लगता है. प्लांट से तीन चरण में शुद्धिकरण के बाद पानी नालों में छोड़ा जा रहा है. ताकि गंदा पानी बैक्टीरिया मुक्त हो सके. पानी नालों में बहाने के बाद बचे अपशिष्ट कीचड़ को पाइप लाइन के जरिए से अपकेंद्रित मशीन में लाकर इसे ठोस कर गार्डनिंग व अन्य कार्यों में उपयोग किया जाएगा. वर्तमान में 200 माइंस, तुलसी कॉलोनी सहित अन्य कॉलोनियों के गंदे पानी का ट्रीटमेंट पाण्डवपारा प्लांट में हो रहा है. 56 माइंस में सिविल वर्क बाकी है.

"कुछ निर्माण कार्य बाकी, काम जारी" : इस संबंध में एसईसीएल कटकोना कॉलरी के सब एरिया मैनेजर आरके मंडल का कहा, "एसटीपी अक्टूबर 2023 में शुरू हुआ है. अभी भी कुछ निर्माण कार्य बाकी है, इसे कराया जा रहा है. ठेकेदार का भुगतान भी अटका है. काम पूरा होने के बाद भुगतान होगा."

"नगर पालिका शिवपुर चरचा क्षेत्र में एसईसीएल ने एसटीपी का निर्माण किया है, लेकिन इसके लिए अनापत्ति पत्र नहीं लिया गया है. एसईसीएल को नोटिस जारी करेंगे." - रत्नेश, सीएमओ, नगर पालिका चरचा

विवाद पर एसईसीएल ने रखा अपना पक्ष : एसईसीएल के जनसंपर्क अधिकारी सनीश चंद्र ने कहा, "हम तमाम क्लीरेंस के बाद ही किसी भी निर्माण में जाते हैं. कुछ जगह कोल बेयरिंग एक्ट के तहत हमारी जमीन पर कंपनी कार्य करने के लिए स्वतंत्र है. मुझे एरिया प्रबंधन द्वारा बताया गया है कि कार्य सभी नियम शर्तों को पूरा करते हुए विधिक तरीके से हुआ है. एसटीपी का कार्य पूरा हो चुका है, जिसे उपयोग में भी लाया जा रहा है."

"मामला हमारे संज्ञान में आया था. हमने अपनी टीम भेजकर जांच कराई थी. मालूम चला है कि वह पूरा फंक्शन नहीं हो पाया है. एसईसीएल ने निर्माण को लेकर चरचा नगर पालिका से एनओसी ली है या नहीं, उसे चेक करेंगे और कार्रवाई करेंगे." - विनय कुमार लंगेह, कलेक्टर, कोरिया

13 करोड़ 10 लाख रुपए की लागत से बना तीन प्लांट : एसईसीएल काॅलोनियों से निकलने वाले गंदे पानी की निकासी और उसके ट्रीटमेंट के लिए सीवेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तैयार किया गया. 13 करोड़ 10 लाख रुपए की लागत से शिवपुर चरचा, झिलमिली और कटकोना में 3 सीवेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण किया गया है. इस प्लांट से प्रतिदिन 27 लाख 50 हजार लीटर गंदे पानी को साफ कर दैनिक उपयोग के लिए सप्लाई करने की योजना बनाए गई है. कटकोना में 3.16 करोड़ की लागत से 5 लाख लीटर, झिलमिली में 3.53 करोड़ की लागत से 7 लाख लीटर और शिवपुर चरचा में 6.41 करोड़ की लागत से 15 लाख लीटर क्षमता वाले तीन प्लांट को तैयार किया गया है.

सांप ने पेड़ से कूदकर छात्र को काटा, गौरेला के टिकरकला हाई स्कूल में मची भगदड़ - Student bitten by poisonous snake
लिथियम बैटरी निर्माण में आत्मनिर्भर बनेगा भारत, कोरबा में खनन की तैयारी शुरू - LITHIUM BATTERY MANUFACTURING
पंडरिया के कुंडा गांव में समस्याओं का अंबार, स्वच्छ भारत मिशन का बुरा हाल, ग्रामीण परेशान - KABIRDHAM NEWS
Last Updated : Jul 30, 2024, 5:28 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.