कोरबा: श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन के गृह जिले में खदान हो या औद्योगिक संस्थान यहां मजदूरों का शोषण अब आम बात हो गई है. ऐसे में मजदूर खुद ही अपनी समस्याओं से निपटने के लिए अब मैदान में उतरने लगे हैं.
ताजा मामला जिले के नेशनल थर्मल पावर कार्पोरेशन(एनटीपीसी) कोरबा का है. जहां गुरुवार को सैकड़ों की संख्या में ठेका मजदूरों ने काम बंद कर हड़ताल शुरू कर दिया है. मजदूरों का आरोप है ठेका कंपनी द्वारा सैकड़ों पुराने ठेका मजदूरों को काम से निकाल दिया गया है. जिनका गेट पास कैंसिल कर, नए मजदूर का गेट पास जारी कर उन्हें कम पर लगा दिया गया है. इससे नाराज मजदूरों ने एनटीपीसी के दोनों मेन गेट को जाम कर दिया.
बिना सूचना के काम से निकलने का आरोप, भड़के मजदूर : मजदूर गणेश ने बताया "अचानक हमारा गेट पास कैंसिल कर दिया गया है. मैं और मेरे जैसे कई लोग 15 से 20 वर्षों से लगातार काम कर रहे थे लेकिन अब पता चल रहा है कि हमें गेट पास जारी नहीं किया गया है जबकि जिस स्थान पर हम काम कर रहे थे वहां नए मजदूरों को लाकर उन्हें गेट पास जारी कर दिया गया है. इसका मतलब यह हुआ कि हमें काम से निकाला जा रहा है. ऐसा क्यों किया गया समझ नहीं आ रहा है. इसलिए हम आंदोलन पर डटे हुए हैं."
एनटीपीसी में भ्रष्टाचार का खेल, रोजी से पैसे वापस करने वालों को रखा गया : एनटीपीसी में ठेका श्रमिक के तौर पर काम करने वाले बोधधराम बर्मन ने बताया "मैं 20 साल से एनटीपीसी पावर प्लांट में ही ठेका श्रमिक के तौर पर काम कर रहा हूं. मेरी तरह ही कई लोगों को काम से हटाया गया है. एनटीपीसी में भ्रष्टाचार का खेल चरम पर है. अकाउंट में जो मजदूरी दी जाती है. उसमें से पैसे वापस करने को कहा जता है. हम अपने मेहनत के पैसे वापस नहीं करते, इसलिए हमें निकाल दिया गया है. जो लोग तनख्वाह में से पैसे वापस जमा कर देते हैं उन्हें गेट पास जारी किया गया है. दिखावे के लिए फुल रेट पर पेमेंट किया जाता है. लेकिन बाद में इसमें से पैसे वापस ले लिए जाते हैं."
प्रबंधन की ओर से नहीं आया है कोई जवाब : मजदूरों के आंदोलन और आरोप के बाद एनटीपीसी की ओर से फिलहाल मामले में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.