पटना : बिहार विधानसभा की चार सीटों पर हुए उपचुनाव में एनडीए की एकतरफा जीत हुई है. एनडीए ने सभी चारों सीटों पर जीत दर्ज किया है. बिहार विधानसभा के इस उपचुनाव को 2025 विधानसभा चुनाव से पहले इसे सेमीफाइनल बताया जा रहा था. चारों सीटों पर एनडीए की जीत का क्या कारण हैं आइये समझते हैं.
चारों सीटों पर महागठबंधन की हार : उपचुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों की तरफ से यह दावे किए जा रहे थे कि उनके गठबंधन की जीत होगी. तेजस्वी यादव और राजद के नेता तो खुलकर कह रहे थे कि सभी चारों सीटों पर उनकी जीत होगी. लेकिन जिस तरीके का चुनाव परिणाम आया है, उससे अब सवाल उठता है कि आरजेडी या तेजस्वी यादव से कहां चूक हुई? जो सीट कभी राजद का अभेद्य किला हुआ करती थी वहां भी आरजेडी क्यों हारी?
आरजेडी का माय समीकरण टूटा, कुशवाहा भी साथ नहीं : विधानसभा उपचुनाव के परिणाम पर वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि इस उप चुनाव में आरजेडी को बहुत बड़ा झटका लगा है. लालू यादव एवं तेजस्वी यादव का परंपरागत माय समीकरण इस बार टूट गया. जिस कुशवाहा वोटरों को वह लुभा रहे थे वह भी साथ नहीं दिया.
''आरजेडी को सबसे बड़ा झटका बेलागंज में लगा जहां पर राजद आज तक कभी चुनाव नहीं हारी थी. लेकिन इस विधानसभा उपचुनाव में वहां पर यादव वोट में भी बिखराव देखने को मिला. जेडीयू ने यादव के दबंग उम्मीदवार को खड़ा किया, जिसका परिणाम यह हुआ कि यादव वोटरों में वहां बिखरा हुआ. इसके अलावे जन सुराज के प्रत्याशी मुस्लिम वोट बांटने में सफल रहे. बेलागंज में मुस्लिम और यादव दोनों ने यादव का साथ छोड़ा जिसका परिणाम हुआ कि वहां पर पहली बार उनकी हार हुई.''- कौशलेंद्र प्रियदर्शी, वरिष्ठ पत्रकार
![वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/23-11-2024/bh-pat-03-bypoll-election-mein-rjd-ki-har-kyon_23112024155619_2311f_1732357579_362.jpg)
रामगढ़ में यादव वोट में बिखराव : कौशलेंद्र प्रियदर्शी का कहना है कि तरारी विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी ने सीपीआईएमएल को मात दी. यहां पर कुशवाहा मतदाताओं ने खुलकर एनडीए के पक्ष में मतदान किया. रामगढ़ में भी यादव वोट में बिखराव देखने को मिला. आरजेडी के राजपूत कैंडिडेट होते हुए भी राजपूत वोटर में भी बिखरा हुआ और यादव मतदाताओं ने खुलकर बीएसपी कैंडिडेट को वोट दिया. जबकि कुशवाहा कैंडिडेट प्रशांत किशोर ने दिया था, वहां भी कुशवाहा का समर्थन एनडीए को मिलता दिखा.
![ईटीवी भारत GFX.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/23-11-2024/22964586_lalu-tejashwi.jpg)
NDA के नए स्वरूप का मिला लाभ : कौशलेंद्र प्रियदर्शी का कहना है कि बिहार विधानसभा उपचुनाव में एनडीए ने जिस मजबूती के साथ और एकता के साथ चुनाव लड़ा, इसी का परिणाम हुआ कि सभी चार सीटों पर उनकी जीत हुई. जेडीयू, बीजेपी, लोजपा के साथ उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी का गठबंधन का व्यापक स्वरूप बना जिसका लाभ मिला.
''बिहार में राजनीति जाति की छाती पर नाचती है. जब जात के नाम पर राजनीति होगी तो परिणाम उसी अनुरूप आते हैं. लोकसभा चुनाव में राजद ने बिहार में कुशवाहा कार्ड खेला था. जिसका खामियाजा लोकसभा चुनाव में एनडीए को हुआ था. हालांकि इसबार मामला अलग था.''- कौशलेंद्र प्रियदर्शी, वरिष्ठ पत्रकार
तेजस्वी के लिए खतरे की घंटी : कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि यह उपचुनाव तेजस्वी यादव के लिए एक बहुत बड़ा मैसेज है. एक तरफ वह बिहार में ए टू जेड की बात करते हैं और चुनाव आते-आते फिर माय समीकरण पर अटक जाते हैं. इस पर सोचने की जरूरत होगी. तेजस्वी यादव राजनीति में है लेकिन वह लगातार क्षेत्र में नहीं रहते हैं. उन्हें क्षेत्र में रहना होगा. उन्हें जनता का विश्वास जीतना होगा. जिस तरीके से उपचुनाव का परिणाम सामने आया है यह दिख रहा है कि 2010 का चुनाव परिणाम की पुनरावृत्ति कहीं 2025 में ना हो. इसको लेकर तेजस्वी यादव को अभी से तैयारी करनी होगी और इसका काट निकालना होगा.
![ईटीवी भारत GFX.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/23-11-2024/22964586_my-eqation.jpg)
'सत्तातंत्र के कारण हुई हार' : इस अप्रत्याशित हार पर आरजेडी का दावा है कि प्रशासन के कारण इंडिया गठबंधन को बिहार में हार का सामना करना पड़ा. आरजेडी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि जिला प्रशासन का तांडव उपचुनाव में देखने को मिला.
''जिस तरीके से प्रशासन का दुरुपयोग हुआ, यही कारण है कि सत्ता पक्ष को जीत मिली है. हमारे वोट बैंक में कहीं टूट नहीं हुई है. जो वोट बैंक पहले था वह राजद के साथ अभी भी है. वोट बैंक को लेकर परसेप्शन बनाया जा रहा है.''- शक्ति सिंह यादव, प्रवक्ता, आरजेडी
![आरजेडी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/23-11-2024/bh-pat-03-bypoll-election-mein-rjd-ki-har-kyon_23112024155619_2311f_1732357579_777.jpg)
NDA में उत्साह : विधानसभा उपचुनाव का परिणाम आने के बाद जदयू के कार्यकर्ता एक बार फिर से दावा करने लगे हैं कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के नेतृत्व में फिर से सरकार बनेगी. पार्टी के प्रदेश महासचिव छोटू सिंह का दावा है कि नीतीश कुमार को बिहार की जनता प्यार करती है और उनके किए गए कामों के आधार पर 2025 में फिर से नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे. 225 सीटों पर जीत मिलेगी.
![ईटीवी भारत GFX (फाइल फोटो)](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/23-11-2024/22964586_nda.jpg)
लिटमस टेस्ट में तेजस्वी हुए फेल! : बता दें कि बिहार विधानसभा की जिन चार सीटों पर चुनाव हो रहे थे उसमें तीन सीटों पर इंडिया गठबंधन और एक सीट पर एनडीए का कब्जा था. बेलागंज एवं रामगढ़ में आरजेडी, तरारी में सीपीआईएमएल एवं इमामगंज में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा का कब्जा था. सीटों के हिसाब से यह उपचुनाव इंडिया गठबंधन के लिए एक लिटमस टेस्ट था. इस उपचुनाव में तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाली इंडिया गठबंधन को बिहार में सभी तीन सीटों पर नुकसान उठाना पड़ा.
![तेजस्वी यादव (फाइल फोटो)](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/23-11-2024/bh-pat-03-bypoll-election-mein-rjd-ki-har-kyon_23112024155619_2311f_1732357579_78.jpg)
इमामगंज विधानसभा : बिहार विधानसभा की हुई चार सीटों पर उपचुनाव में इमामगंज सीट से जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी ने राजद के रौशन मांझी को 5945 वोटो से हराया. दीपा माझी को 53435 वोट मिला तो राजद के प्रत्याशी रोशन मांझी को 47490 मत मिले जन सूराज के प्रत्याशी जितेंद्र पासवान को 37103 वोट प्राप्त हुए.
तरारी विधानसभा : तरारी में बीजेपी के प्रत्याशी विशाल प्रशांत ने सीपीआईएमएल के राजू यादव को 10507 मतों से हराया. भाजपा प्रत्यासी विशाल प्रशांत को 78564 मत प्राप्त हुए, वहीं सीपीआईएमएल के राजू यादव को 68057 वोट मिले. जन सूराज की प्रत्याशी किरण सिंह को मात्र 5593 वोट ही मिल सका.
बेलागंज विधानसभा : आरजेडी का सबसे मजबूत किला बिहार में यदि कोई विधानसभा क्षेत्र था तो वह बेलागंज विधानसभा क्षेत्र था. जब से आरजेडी का गठन हुआ इस सीट पर राजद हमेशा जीतती रही. इस बार राजद के इस मजबूत किला में सेंध लग गया. जदयू की मनोरमा देवी ने विश्वनाथ सिंह को 21391 वोट के बड़े मार्जिन से हराया. मनोरमा देवी को 73334 वोट मिले, वहीं विश्वनाथ यादव को 51953 वोट मिला. जन सुराज के प्रत्याशी मोहम्मद अमजद को 17285 वोट मिले.
![तेजस्वी यादव और जगदानंद सिंह (फाइल फोटो)](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/23-11-2024/bh-pat-03-bypoll-election-mein-rjd-ki-har-kyon_23112024155619_2311f_1732357579_674.jpg)
रामगढ़ विधानसभा : रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र भी राजद का मजबूत गढ़ था. राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पहले विधायक चुने जाते थे. पिछली बार उनके बड़े बेटे सुधाकर सिंह यहां से विधायक चुने गए थे. इस बार के उपचुनाव में जगदानंद सिंह के छोटे बेटे अजीत सिंह तीसरे नंबर पर रहे. बीजेपी के अशोक कुमार सिंह ने बीएसपी के सतीश कुमार सिंह को 1362 वोट से हराया. अशोक कुमार सिंह को 71257 वोट मिले. दूसरे नंबर पर बीएसपी के प्रत्याशी सतीश कुमार सिंह को 69895 वोट मिले. जबकि राजद प्रत्याशी अजीत कुमार सिंह को 35825 वोट मिले और वह तीसरे स्थान पर रहे. जन सुराज के प्रत्याशी को चौथे स्थान पर रहना पड़ा.
ये भी पढ़ें :-
बिहार विधानसभा उपचुनाव का पूरा विश्लेषण, जानिए चारों सीटों पर किस उम्मीदवार को मिले कितने वोट
बिहार में 'बदलाव' का दावा करने वाले प्रशांत किशोर पहली परीक्षा में फेल, विरोधी दलों ने दी ये सलाह