नई दिल्ली: उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विकास सिंह के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है. IAS पर दिल्ली में सरकारी जमीनों के प्रबंधन से जुड़े मामले में आदेश का पालन नहीं करने का आरोप है. LG ने डीडीए के वाइस चेयरमैन को IAS सिंह की सेवाओं को तुरंत सरेंडर कर उन्हें अपने मूल कैडर में वापस भेजने के लिए निर्देश दिया है. कार्रवाई का आधार हाईकोर्ट के आदेश को बनाया गया है.
उपराज्यपाल के प्रधान सचिव आशीष कुंद्रा की तरफ से डीडीए के वाइस चेयरमैन को भेजे गए नोट में कहा गया है कि एलजी द्वारा तकनीक के उपयोग पर जोर देते हुए जारी किए गए निर्देश (जिससे भूमि प्रबंधन के लिए रिकॉर्ड बनाए रखने में आसानी होगी) पर अधिकारी ने काम नहीं किया. यह अदालत के आदेश का उल्लंघन है.
जानिए कौन हैं IAS अधिकारी विकास सिंह: त्रिपुरा कैडर के 2010 बैच के आईएएस अधिकारी विकास सिंह को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) में निदेशक स्तर पर पदोन्नति किया गया था. इससे पहले वह उपसचिव स्तर पर आयुक्त (भूमि प्रबंधन) के पद पर कार्यरत थे. गत 26 अप्रैल को जारी एक आदेश में उनका पद निदेशक स्तर आयुक्त (भूमि प्रबंधन) के पद पर नामित किया गया.
"उपराज्यपाल डीडीए के चैयरमैन हैं, इस लिहाज से वह किसी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं. इस मामले में उन्होंने डीडीए के वाइस चेयरमैन को आईएएस अधिकारी विकास सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है. अब आगे डीडीए की सिफारिश पर केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) कार्रवाई करेगा." -ओमेश सहगल, पूर्व वरिष्ठ आईएएस अधिकारी
विकास सिंह कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा 26 अप्रैल 2024 को जारी एक आधिकारिक आदेश के बाद डीडीए में आयुक्त (भूमि प्रबंधन) बने थे. डीडीए में डेपुटेशन पर आए विकास सिंह का कार्यकाल 27 अप्रैल 2026 तक निर्धारित था. विकास सिंह ने 28 अप्रैल 2021 को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर अपना कार्यकाल डीडीए में शुरू किया था. अब उपराज्यपाल के आदेशानुसार उन्हें मूल कैडर में वापस भेजा जाएगा.
यह है पूरा मामला: बता दें, उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली में अतिक्रमण, अनधिकृत निर्माण की जमीनी स्थिति का पता लगाने सहित भूमि की वर्तमान स्थिति निर्धारण करने के लिए ड्रोन सर्वेक्षण के जरिए मिले डाटा का उपयोग और विश्लेषण करने का निर्देश दिया था. इस बाबत उपराज्यपाल ने जून से लेकर अगस्त में तीन मीटिंग की थी. मीटिंग में दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव, एमसीडी कमिश्नर समेत संबंधित विभाग के अधिकारी भी शामिल हुए थे. यह जिम्मेदारी डीडीए के भूमि प्रबंधन आयुक्त विकास सिंह को दी गई थी. लेकिन उन्होंने इस पर कोई काम नहीं किया गया.
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