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नीट पेपर लीक कांड में पटना पुलिस ने अब तक 19 को पकड़ा, वे कौन हैं, उनकी क्या भूमिका है सबकुछ जानें - NEET paper leak case - NEET PAPER LEAK CASE

NEET Paper Leak Case में पटना पुलिस ने 19 आरोपियों को पकड़ा है. इसमें से 4 अभ्यर्थी हैं और बाकी 9 में परीक्षा माफिया और अभ्यर्थियों के अभिभावक हैं. आखिर कैसे खेला गया ये पूरा खेल और किसने क्या भूमिका निभाई सबकुछ जानें.

नीट पेपर लीक कांड
नीट पेपर लीक कांड (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jun 22, 2024, 7:04 PM IST

Updated : Jun 22, 2024, 8:17 PM IST

पटना: नीट परीक्षा पेपर लीक मामला इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है. शिक्षा मंत्रालय ने ईओयू से अब तक के जांच में जो कुछ भी साक्ष्य निकलकर सामने आया है, उसे मांगा है. पटना पुलिस ने 19 लोगों को गिरफ्तार किया है. उन्हीं से पूछताछ में कई अहम सुराग सामने आए हैं.

कौन हैं नीट पेपर लीक कांड के गुनहगार: इन 19 गिरफ्तार लोगों में चार अभ्यर्थी हैं. इसमें अभिषेक कुमार 21 वर्ष, शिवनंदन कुमार 19 वर्ष, आयुष राज 19 वर्ष और अनुराग यादव 22 वर्ष अभ्यर्थी हैं. बाकी 9 में परीक्षा माफिया और अभ्यर्थियों के अभिभावक हैं. नीट परीक्षा के अनुसंधान में यह बात सामने निकल कर आई है कि पुराने परीक्षा माफियाओं ने ही इस परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक किया है.

सबसे पहले तीन लोग चढ़े थे हत्थे: पुलिस ने इस मामले में सबसे पहले सिकंदर यादवेंदु, अखिलेश और बिट्टू को गिरफ्तार किया. इसके बाद कड़ी से कड़ी जुड़ती गई और 5 मई को देर रात तक पुलिस ने 19 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. पटना पुलिस को झारखंड पुलिस से नीट परीक्षा में पेपर लीक का इनपुट मिला था.

ईटीवी भारत Gfx
ईटीवी भारत Gfx (ETV Bharat)

एडमिट कार्ड, मोबाइल फोन और अन्य कागजात मिले: 5 मई को सुबह से ही पटना पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी. सबसे पहले पुलिस ने सिकंदर को गिरफ्तार किया. गाड़ी को रोहतास का बिट्टू चला रहा था और गाड़ी के पीछे अखिलेश कुमार बैठा हुआ था. जांच में पुलिस को नीट परीक्षा के कई अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड, मोबाइल फोन और अन्य कागजात मिले.

कौन हैं नीतीश और अमित: इस पूरे पेपर लीक मामले में गया का रहने वाला नीतीश कुमार और मुंगेर का अमित आनंद छोटे लेवल के परीक्षा माफिया हैं. इनका सभी बड़े परीक्षा माफियाओं से साठ-गांठ होता है. यह दोनों इन बड़े परीक्षा माफियाओं के लिए काम करते हैं. बड़े परीक्षा माफियाओं से अभ्यर्थियों की यह डीलिंग करते हैं और बीच का मोटा कमीशन लेते हैं. यह अभ्यर्थियों को परीक्षा से पहले अभ्यर्थियों तक लीक हुए प्रश्न पत्र और उसका उत्तर उपलब्ध करवाते हैं. इसके लिए वह जगह ढूंढते हैं जहां पर अभ्यर्थियों को बैठाकर प्रश्न पत्र और उत्तर रटवाते हैं. इस प्रकरण में भी इन तीनों की यही उनकी भूमिका थी. दोनों मिलकर काम करते हैं.

कौन हैं आशुतोष और रौशन: पटना का रहने वाला आशुतोष कुमार और और नालंदा का रहने वाला रौशन कुमार अमित और नीतीश के लिए काम करते हैं. दोनों लाइनर की भूमिका निभाते हैं. यह दोनों कैंडिडेट ढूंढते हैं और अमित और नीतीश तक पहुंचाते हैं. इसके बीच का अपना कमीशन रखते हैं. अभ्यर्थियों को नीतीश तक पहुंचाने और उसके बाद प्रश्न पत्र की तैयारी के बाद विशेष जगह से अभ्यर्थियों को उनके सेंटर तक पहुंचाने का इनका काम होता है. इस प्रकरण में भी इनकी यही भूमिका रही.

कौन है सिकंदर यादवेंदू: गिरफ्तार आरोपी सिकंदर यादवेंदु इस पेपर लीक में मुख्य परीक्षा माफिया से निचले लेवल का जालसाज है. सिकंदर ने 40- 40 लाख रुपए में अभ्यर्थियों और उनके परिजनों से परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र उपलब्ध कराने की सेटिंग की थी. सिकंदर ने नीतीश और अमित को चार कैंडिडेट दिए थे. इस प्रकरण में सिकंदर परीक्षा से पूर्व अभ्यर्थियों और नीतीश कुमार के बीच संयोजक की भूमिका में था. सिकंदर पर पूर्व में रोहतास में जूनियर इंजीनियर रहते हुए 2.92 करोड़ रुपए के हुए एलईडी घोटाले का आरोप है और वह मुख्य आरोपी भी है.

अखिलेश ने बेटे के लिए लिया था पेपर: गिरफ्तार आरोपी अखिलेश कुमार सिकंदर के साथ मिलकर काम करता है. वह अपने बेटे को नीट परीक्षा पास करने के लिए सेटिंग में था. सेटिंग होने पर परीक्षा के दौरान लर्न प्ले स्कूल से बच्चों को सुरक्षित परीक्षा केंद्र तक पहुंचाने की जिम्मेदारी संभाले हुए था. सॉल्वर गैंग से प्रश्न पत्र को सुरक्षित गैंग के दूसरे सरगना तक प्रश्न पत्र के उत्तर को पहुंचाने की जिम्मेदारी थी. इस काम के बदले अखिलेश को बहुत कम पैसे में ही डील पूरी हो गई थी. सिकंदर ने जो डील कराई थी अखिलेश के लिए तो तय हुआ था कि इस पूरे प्रकरण में अखिलेश एक्टिव रहेगा तो उसे अपने बेटे के लिए कम पैसे देने होंगे. बाकी सबसे 40 लाख में डील हुई थी तो अखिलेश को 20 लाख रुपए ही देने थे.

संजीव मुखिया का करीबी है बिट्टू: गिरफ्तार आरोपी रोहतास का बिट्टू कुमार गाड़ी चला रहा था और अभ्यर्थियों को लेकर नीतीश के पास लेकर गया था. इसके अलावा अभ्यर्थियों को लर्न प्ले स्कूल से परीक्षा केंद्र तक ले जाने का काम किया. बिट्टू इससे पूर्व कई प्रश्न पत्र लीक मामले में शामिल रह चुका है. दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम ने उसे नीट पीजी प्रश्न पत्र लीक मामले में पूर्व में गिरफ्तार भी किया था. बिट्टू, संजीव मुखिया का करीबी आदमी भी बताया जा रहा है.

सिकंदर की सरहज भी शामिल: इन सबके अलावा एक अवधेश कुमार गिरफ्तार है जो रांची के रहने वाले हैं. इन्होंने अपने बेटे अभिषेक कुमार के लिए इन परीक्षा माफियाओं से डीलिंग की थी. गिरफ्तार 19 लोगों में एक रीना कुमारी हैं जो अभ्यर्थी अनुराग यादव की मां है. रीना कुमारी रिश्ते में सिकंदर यादवेंदु की सरहज है.

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पटना: नीट परीक्षा पेपर लीक मामला इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है. शिक्षा मंत्रालय ने ईओयू से अब तक के जांच में जो कुछ भी साक्ष्य निकलकर सामने आया है, उसे मांगा है. पटना पुलिस ने 19 लोगों को गिरफ्तार किया है. उन्हीं से पूछताछ में कई अहम सुराग सामने आए हैं.

कौन हैं नीट पेपर लीक कांड के गुनहगार: इन 19 गिरफ्तार लोगों में चार अभ्यर्थी हैं. इसमें अभिषेक कुमार 21 वर्ष, शिवनंदन कुमार 19 वर्ष, आयुष राज 19 वर्ष और अनुराग यादव 22 वर्ष अभ्यर्थी हैं. बाकी 9 में परीक्षा माफिया और अभ्यर्थियों के अभिभावक हैं. नीट परीक्षा के अनुसंधान में यह बात सामने निकल कर आई है कि पुराने परीक्षा माफियाओं ने ही इस परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक किया है.

सबसे पहले तीन लोग चढ़े थे हत्थे: पुलिस ने इस मामले में सबसे पहले सिकंदर यादवेंदु, अखिलेश और बिट्टू को गिरफ्तार किया. इसके बाद कड़ी से कड़ी जुड़ती गई और 5 मई को देर रात तक पुलिस ने 19 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. पटना पुलिस को झारखंड पुलिस से नीट परीक्षा में पेपर लीक का इनपुट मिला था.

ईटीवी भारत Gfx
ईटीवी भारत Gfx (ETV Bharat)

एडमिट कार्ड, मोबाइल फोन और अन्य कागजात मिले: 5 मई को सुबह से ही पटना पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी. सबसे पहले पुलिस ने सिकंदर को गिरफ्तार किया. गाड़ी को रोहतास का बिट्टू चला रहा था और गाड़ी के पीछे अखिलेश कुमार बैठा हुआ था. जांच में पुलिस को नीट परीक्षा के कई अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड, मोबाइल फोन और अन्य कागजात मिले.

कौन हैं नीतीश और अमित: इस पूरे पेपर लीक मामले में गया का रहने वाला नीतीश कुमार और मुंगेर का अमित आनंद छोटे लेवल के परीक्षा माफिया हैं. इनका सभी बड़े परीक्षा माफियाओं से साठ-गांठ होता है. यह दोनों इन बड़े परीक्षा माफियाओं के लिए काम करते हैं. बड़े परीक्षा माफियाओं से अभ्यर्थियों की यह डीलिंग करते हैं और बीच का मोटा कमीशन लेते हैं. यह अभ्यर्थियों को परीक्षा से पहले अभ्यर्थियों तक लीक हुए प्रश्न पत्र और उसका उत्तर उपलब्ध करवाते हैं. इसके लिए वह जगह ढूंढते हैं जहां पर अभ्यर्थियों को बैठाकर प्रश्न पत्र और उत्तर रटवाते हैं. इस प्रकरण में भी इन तीनों की यही उनकी भूमिका थी. दोनों मिलकर काम करते हैं.

कौन हैं आशुतोष और रौशन: पटना का रहने वाला आशुतोष कुमार और और नालंदा का रहने वाला रौशन कुमार अमित और नीतीश के लिए काम करते हैं. दोनों लाइनर की भूमिका निभाते हैं. यह दोनों कैंडिडेट ढूंढते हैं और अमित और नीतीश तक पहुंचाते हैं. इसके बीच का अपना कमीशन रखते हैं. अभ्यर्थियों को नीतीश तक पहुंचाने और उसके बाद प्रश्न पत्र की तैयारी के बाद विशेष जगह से अभ्यर्थियों को उनके सेंटर तक पहुंचाने का इनका काम होता है. इस प्रकरण में भी इनकी यही भूमिका रही.

कौन है सिकंदर यादवेंदू: गिरफ्तार आरोपी सिकंदर यादवेंदु इस पेपर लीक में मुख्य परीक्षा माफिया से निचले लेवल का जालसाज है. सिकंदर ने 40- 40 लाख रुपए में अभ्यर्थियों और उनके परिजनों से परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र उपलब्ध कराने की सेटिंग की थी. सिकंदर ने नीतीश और अमित को चार कैंडिडेट दिए थे. इस प्रकरण में सिकंदर परीक्षा से पूर्व अभ्यर्थियों और नीतीश कुमार के बीच संयोजक की भूमिका में था. सिकंदर पर पूर्व में रोहतास में जूनियर इंजीनियर रहते हुए 2.92 करोड़ रुपए के हुए एलईडी घोटाले का आरोप है और वह मुख्य आरोपी भी है.

अखिलेश ने बेटे के लिए लिया था पेपर: गिरफ्तार आरोपी अखिलेश कुमार सिकंदर के साथ मिलकर काम करता है. वह अपने बेटे को नीट परीक्षा पास करने के लिए सेटिंग में था. सेटिंग होने पर परीक्षा के दौरान लर्न प्ले स्कूल से बच्चों को सुरक्षित परीक्षा केंद्र तक पहुंचाने की जिम्मेदारी संभाले हुए था. सॉल्वर गैंग से प्रश्न पत्र को सुरक्षित गैंग के दूसरे सरगना तक प्रश्न पत्र के उत्तर को पहुंचाने की जिम्मेदारी थी. इस काम के बदले अखिलेश को बहुत कम पैसे में ही डील पूरी हो गई थी. सिकंदर ने जो डील कराई थी अखिलेश के लिए तो तय हुआ था कि इस पूरे प्रकरण में अखिलेश एक्टिव रहेगा तो उसे अपने बेटे के लिए कम पैसे देने होंगे. बाकी सबसे 40 लाख में डील हुई थी तो अखिलेश को 20 लाख रुपए ही देने थे.

संजीव मुखिया का करीबी है बिट्टू: गिरफ्तार आरोपी रोहतास का बिट्टू कुमार गाड़ी चला रहा था और अभ्यर्थियों को लेकर नीतीश के पास लेकर गया था. इसके अलावा अभ्यर्थियों को लर्न प्ले स्कूल से परीक्षा केंद्र तक ले जाने का काम किया. बिट्टू इससे पूर्व कई प्रश्न पत्र लीक मामले में शामिल रह चुका है. दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम ने उसे नीट पीजी प्रश्न पत्र लीक मामले में पूर्व में गिरफ्तार भी किया था. बिट्टू, संजीव मुखिया का करीबी आदमी भी बताया जा रहा है.

सिकंदर की सरहज भी शामिल: इन सबके अलावा एक अवधेश कुमार गिरफ्तार है जो रांची के रहने वाले हैं. इन्होंने अपने बेटे अभिषेक कुमार के लिए इन परीक्षा माफियाओं से डीलिंग की थी. गिरफ्तार 19 लोगों में एक रीना कुमारी हैं जो अभ्यर्थी अनुराग यादव की मां है. रीना कुमारी रिश्ते में सिकंदर यादवेंदु की सरहज है.

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Last Updated : Jun 22, 2024, 8:17 PM IST
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