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फरार मुजरिमों के लिए पुलिस की नई योजना, एक बार पकड़े गए तो हो जाएगी मुश्किल! जानें, क्या है प्लान - Jharkhand Police

New plan of Jharkhand Police. झारखंड पुलिस ने फरार मुजरिमों को पकड़कर वापस लाने की नई योजना बनाई है. इस हवाई योजना के तहत एक बार अपराधी पकड़े गए तो हो उनके लिए मुश्किल हो जाएगी. ईटीवी की इस रिपोर्ट से जानें, झारखंड पुलिस की क्या है योजना.

Know what new plan of Jharkhand Police to catch absconding criminals
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 21, 2024, 9:16 PM IST

रांचीः झारखंड में अपराध कर दूसरे राज्यों में पनाह लेने वाले शातिर अपराधियों के लिए बुरी खबर है. पहले सटीक सूचना के बावजूद परिवहन समस्या के वजह से पुलिस अपराधियों तक सही समय पर नहीं पहुंच पाती थी. अब पुलिस को अपराधियों के पास त्वरित पहुंचने के लिए हवाई यात्रा की सुविधा दे दी गई है. इस संबंध में सरकार ने आदेश भी जारी कर दिया है.

जानकारी देते झारखंड सीआईडी के डीजी (ETV Bharat)

पकड़ाए अपराधी हवाई जहाज से लाए जाएंगे वापस

पुलिस के पैसे पर शातिर अपराधी हवाई यात्रा तो करेंगे लेकिन ये हवाई यात्रा उनके लिए बहुत भारी पड़ेगी. क्योंकि हवाई यात्रा के लिए अपराधियों को पहले गिरफ्तार होना होगा. राज्य के बाहर छिपे हुए अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए नई पॉलिसी बनाई गयी है. अब पुलिस वाले दूर शहर में बैठे अपराधियों को पकड़ने के लिए हवाई जहाज से भी जा पाएंगे. इसे लेकर सरकार ने टर्म कंडीशन भी बिठाए है. जिसकी मॉनिटरिंग की जिम्मेवारी आला पुलिस अधिकारियों को दी गई है.

क्यों पड़ी जरूरत

झारखंड सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया की सरकार के हवाई मार्ग से अपराधियों को गिरफ्तार करने की सुविधा देने का फायदा सबसे अधिक साइबर क्राइम ब्रांच को हुआ है. साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी में समय सीमा बहुत महत्वपूर्ण है, अगर पुलिस की टीम त्वरित साइबर अपराधियों के ठिकाने तक पहुच गए तो उनकी गिरफ्तारी का प्रतिशत 99 रहता है. हवाई मार्ग से यात्रा कर असम, दिल्ली, कर्नाटक सहित कई राज्यों से साइबर अपराधी गिरफ्तार किए गए है. अगर पुलिस की टीम हवाई जहाज से नहीं जाती तो शायद ही अपराधी पकड़े जाते.

दूरी तय किया गया, वरीय अधिकारी देंगे अनुमति

हवाई मार्ग से अपराधियों को पकड़ने वाले पकड़ कर लाने के लिए कुछ नियम भी बनाए गए है. इसके लिए दूरी कम से कम 400 किलोमीटर जरूर होनी चाहिए. वहीं इसके साथ ही वरीय अधिकारियों को इसकी मॉनिटरिंग का जिम्मा सौंपा गया है. जैसे जिला पुलिस के सब इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर रैंक के ऑफिसर के द्वारा अगर किसी आरोपी को पकड़ कर हवाई जहाज से लाना है तो इसकी अनुमति झारखंड के डीजीपी से लेनी होगी.

वहीं झारखंड सीआईडी में झारखंड सीआईडी डीजी और एसीबी में एसीबी प्रमुख से अनुमति लेनी होगी. अधिकारियों की अनुमति के बाद ही ऐसा संभव हो पाएगा. मामले की जानकारी देते हुए सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि पूर्व में इस तरह की व्यवस्था नहीं थी. अपराधी को दूर से लाने के ट्रेन या सड़क मार्ग का इस्तेमाल किया जाता था. इस तरह के कंडीशन में अपराधियों के पास भी फरार होने का एडवांटेज रहता था. जिस कारण पुलिस कर्मियों को अपराधी की गिरफ्तारी के बाद भी काफी चौकन्ना रहना पड़ता था. अब अपराधियों को लाने के लिए हवाई जहाज की सुविधा दिए जाने से अपराधियों को लाने में सहूलियत होगी एक तो समय भी कम लगेगा तो वहीं सुरक्षा के लिहाज से भी ये कदम काफी सराहनीय है.

इसे भी पढ़ें- नशे के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए तस्करों के प्लांटेशन और ट्रांसपोर्टिंग नेटवर्क को ध्वस्त करेगी पुलिस! जानें, क्या है एक्शन प्लान - Drug Smuggling Network

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रांचीः झारखंड में अपराध कर दूसरे राज्यों में पनाह लेने वाले शातिर अपराधियों के लिए बुरी खबर है. पहले सटीक सूचना के बावजूद परिवहन समस्या के वजह से पुलिस अपराधियों तक सही समय पर नहीं पहुंच पाती थी. अब पुलिस को अपराधियों के पास त्वरित पहुंचने के लिए हवाई यात्रा की सुविधा दे दी गई है. इस संबंध में सरकार ने आदेश भी जारी कर दिया है.

जानकारी देते झारखंड सीआईडी के डीजी (ETV Bharat)

पकड़ाए अपराधी हवाई जहाज से लाए जाएंगे वापस

पुलिस के पैसे पर शातिर अपराधी हवाई यात्रा तो करेंगे लेकिन ये हवाई यात्रा उनके लिए बहुत भारी पड़ेगी. क्योंकि हवाई यात्रा के लिए अपराधियों को पहले गिरफ्तार होना होगा. राज्य के बाहर छिपे हुए अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए नई पॉलिसी बनाई गयी है. अब पुलिस वाले दूर शहर में बैठे अपराधियों को पकड़ने के लिए हवाई जहाज से भी जा पाएंगे. इसे लेकर सरकार ने टर्म कंडीशन भी बिठाए है. जिसकी मॉनिटरिंग की जिम्मेवारी आला पुलिस अधिकारियों को दी गई है.

क्यों पड़ी जरूरत

झारखंड सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया की सरकार के हवाई मार्ग से अपराधियों को गिरफ्तार करने की सुविधा देने का फायदा सबसे अधिक साइबर क्राइम ब्रांच को हुआ है. साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी में समय सीमा बहुत महत्वपूर्ण है, अगर पुलिस की टीम त्वरित साइबर अपराधियों के ठिकाने तक पहुच गए तो उनकी गिरफ्तारी का प्रतिशत 99 रहता है. हवाई मार्ग से यात्रा कर असम, दिल्ली, कर्नाटक सहित कई राज्यों से साइबर अपराधी गिरफ्तार किए गए है. अगर पुलिस की टीम हवाई जहाज से नहीं जाती तो शायद ही अपराधी पकड़े जाते.

दूरी तय किया गया, वरीय अधिकारी देंगे अनुमति

हवाई मार्ग से अपराधियों को पकड़ने वाले पकड़ कर लाने के लिए कुछ नियम भी बनाए गए है. इसके लिए दूरी कम से कम 400 किलोमीटर जरूर होनी चाहिए. वहीं इसके साथ ही वरीय अधिकारियों को इसकी मॉनिटरिंग का जिम्मा सौंपा गया है. जैसे जिला पुलिस के सब इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर रैंक के ऑफिसर के द्वारा अगर किसी आरोपी को पकड़ कर हवाई जहाज से लाना है तो इसकी अनुमति झारखंड के डीजीपी से लेनी होगी.

वहीं झारखंड सीआईडी में झारखंड सीआईडी डीजी और एसीबी में एसीबी प्रमुख से अनुमति लेनी होगी. अधिकारियों की अनुमति के बाद ही ऐसा संभव हो पाएगा. मामले की जानकारी देते हुए सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि पूर्व में इस तरह की व्यवस्था नहीं थी. अपराधी को दूर से लाने के ट्रेन या सड़क मार्ग का इस्तेमाल किया जाता था. इस तरह के कंडीशन में अपराधियों के पास भी फरार होने का एडवांटेज रहता था. जिस कारण पुलिस कर्मियों को अपराधी की गिरफ्तारी के बाद भी काफी चौकन्ना रहना पड़ता था. अब अपराधियों को लाने के लिए हवाई जहाज की सुविधा दिए जाने से अपराधियों को लाने में सहूलियत होगी एक तो समय भी कम लगेगा तो वहीं सुरक्षा के लिहाज से भी ये कदम काफी सराहनीय है.

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