जयपुर. लोकतंत्र के महापर्व के लिए आज शुभ मुहूर्त का ऐलान हो जाएगा. चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद पूरे देश में आदर्श आचार संहिता लग जाएगी. इस चुनाव के बाद देश को 18वीं लोकसभा के नए सदस्य मिल जाएंगे. चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद ही देश में आचार संहिता लग जाएगी. आचार संहिता क्या होती है ? ये जानने की कई लोगों के मन में उत्सुकता होती है ? आइये देखते है इससे जुड़े सवाल...
1) क्या होती है आचार सहिंता ?
चुनाव आयोग की ओर से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए कुछ नियम बनाए जाते हैं, जिनकी पालना हर प्रत्याशी और हर पार्टी को करनी पड़ती है. बस इन्हीं नियमों को आचार संहिता कहते हैं. लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान सभी पार्टियों, नेताओं और सरकारों को इन नियमों का पालन करना ही होता है.
2) कब लागू होती है ?
आदर्श आचार संहिता चुनावी तारीखों की घोषणा के बाद तत्काल प्रभाव से लागू हो जाती है. इन तारीखों की घोषणा चुनाव आयोग करता है. चुनाव की प्रक्रिया के पूरे होने तक आचार संहिता लागू रहती है.
3) किसी कर्मचारी का ट्रांसफर किया जा सकता है ?
ये काम भी आचार संहिता में नहीं किया जा सकता. अगर कर्मचारी का स्थानांतरण बेहद जरूरी है तो निर्वाचन आयोग से परमिशन लेनी पड़ती है.
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4) आचार सहिंता में किस तरह का प्रचार किया जा सकता है ?
प्रत्याशी या कोई भी नेता अपने चुनाव प्रचार के दौरान आपसी नफरत पैदा कर देने वाली गतिविधियों में शामिल नहीं होगा. ऐसा कोई काम नहीं कर सकेगा, जिससे विभिन्न जातियों और समुदायों में नफरत फैले. किसी भाषा का अपमान, और अन्य दलों पर झूठे आरोप भी नहीं लगा सकेगा.
5) कहां-कहां लागू होती है ?
अगर लोकसभा चुनाव हो तो जाहिर है पूरे देश में आचार संहिता लागू होगी. विधानसभा चुनाव हो तो संबंधित राज्य में आचार संहिता लागू होती है. उपचुनाव के दौरान केवल संबंधित क्षेत्र में ही लागू होती है, पूरे राज्य में नहीं.
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6) आचार सहिंता को किस कानून के तहत बनाया गया ?
नहीं, यह किसी कानून के तहत नहीं बनी है. यह सभी राजनीतिक दलों की सहमति से ही बनाई गई है.
7) सबसे पहले आचार सहिंता कहां लागू हुई ? -
1960 में केरल विधानसभा चुनाव था, तब पहली बार आदर्श आचार संहिता के नियम पार्टियों को बताए गए थे.
8) ये कब देश में लागू हुई ?
लोकसभा चुनाव 1962 में पहली बार चुनाव आयोग ने आचार संहिता को सभी राजनीतिक दलों में वितरित किया था.
9) क्या धर्म के आधार पर वोट मांगा जा सकता है ?
नहीं.. ! चुनाव प्रचार के लिए धार्मिक स्थानों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा. यहां मंच नहीं बनाया जा सकेगा. वोट हासिल करने के लिए जाति या सांप्रदायिक भावनाओं की अपील नहीं की जा सकेगी.
10) क्या उम्मीदवार मतदान के दिन भी वोट मांग सकता है ?
हां, घर जाकर वोट मांग सकता है, लेकिन मतदान के दिन मतदान केंद्र के सौ मीटर की दूरी के भीतर वोट नहीं मांग सकता.
11) कोई घोषणा की जा सकती है ? -
आचार सहिंता में सरकार की ओर से कोई भी नई योजना या घोषणा नहीं की जा सकती. ये प्रतिबंधित है.
12) अगर आचार संहिता का पालन नहीं किया तो ?
कोड ऑफ कंडक्ट का पालन करना सभी के लिए जरूरी है. अगर नहीं किया तो चुनाव आयोग की ओर से संबंधित प्रत्याशी या पार्टी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है.
13) प्रचार में सरकारी गाड़ी ले जा सकते हैं ? -
जी नहीं ! आचार संहिता लागू होने के बाद कोई भी मंत्री अपने चुनावी अभियान में सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा. न सिर्फ गाड़ी, बल्कि किसी भी सरकारी मशीनरी का उपयोग नहीं किया जा सकता.