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इस तरह मनाएं लोक आस्था का महापर्व छठ, जानिए इस बार क्या है मुहूर्त

लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा को लेकर तैयारियां शुरू हो गयी हैं. छठ पूजा को लेकर शुभ मुहूर्त क्या है, जानें इस रिपोर्ट में.

Know what auspicious time for Chhath Puja 2024
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 3, 2024, 10:18 PM IST

Updated : 21 hours ago

रांची: हर साल कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि को मनाए जानेवाले छठ पर्व का सनातन धर्म में खास महत्व है. वैसे तो यह पर्व चैत्र शुक्ल षष्ठी तिथि को भी मनाया जाता है जिसे चैती छठ कहते हैं मगर देवमाह कार्तिक माह का छठ की खासियत ही कुछ और है. दोनों ही छठ पर्व भगवान सूर्य को और छठी माता को समर्पित है इसलिए छठ पर्व में भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और छठ मैय्या की पूजा कथा की जाती है.

छठ पूजा को जानिए इस बार क्या है मुहूर्त (ETV Bharat)

शुद्धता और समर्पण इस पर्व की खासियत है यही वजह है कि इस पर्व को मनाने वक्त व्रती से लेकर उनके परिवार के लोग भी इसका खास ध्यान रखते हैं. लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. इस चार दिवसीय अनुष्ठान को लेकर ईटीवी भारत संवाददाता भुवन किशोर झा ने बात की ज्योतिषाचार्य गौतम वैद्य से. जिन्होंने साल 2024 में छठ पूजा के शुभ मुहूर्त और इस पूजा के महत्व के बारे में विस्तार से चर्चा की.

नहाय खाय से शुरू हो रहा चार दिवसीय महाअनुष्ठान

नहाय खाय से शुरू होनेवाले चार दिवसीय इस महाअनुष्ठान की शुरुआत इस साल 5 नवंबर से हो रहा है. जानेमाने ज्योतिषाचार्य गौतम वैद्य ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि नहाय खाय के दिन छठव्रती तालाब या किसी भी जलाशय में जाकर स्नान करके व्रती भात, कद्दू की सब्जी और सरसों का साग खाते हैं.

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नहाय-खाय कब (ETV Bharat)

दूसरे दिन यानी 06 नवंबर को खरना है जिसमें शाम 5 बजकर 49 मिनट के बाद शाम सात बजे तक खरना कर सकते हैं. इस दौरान व्रती गुड़ की खीर बनाकर छठी मैय्या को भोग लगाकर इसे ग्रहण किया जाएगा. तीसरे दिन यानी 7 नवंबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. वहीं चौथे दिन यानी 8 नवंबर सप्तमी तिथि को उदयकाल में सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पर्व का समापन पारण के बाद होगा.

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कब है खरना (ETV Bharat)

इस खास वक्त में छठी मैय्या का करें आराधना

वैसे तो हर पर्व में निर्धारित समय का खास महत्व है मगर छठ जैसे महापर्व में तो इसे और भी खास रुप से ध्यान दिया जाता है. चूंकि यह कार्तिक माह की षष्ठी तिथि में मनाई जाती है इस वजह से इस साल षष्ठी तिथि 7 नवंबर को सुबह 12 बजकर 41 मिनट से आरंभ हो रही है जो 8 नवंबर को सुबह 12 बजकर 35 मिनट पर समाप्त हो रही है.

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कब दिया जाएगा पहला अर्घ्य (ETV Bharat)

उदया तिथि के आधार पर छठ पूजा 7 नवंबर को है. इस दिन शाम के समय सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. रांची में सात नवंबर को सूर्यास्त समय 5 बजकर 07 मिनट है. इसी वक्त अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इसी तरह आठ नवंबर को सूर्योदय 5 बजकर 58 मिनट पर है, इसी वक्त उदयकालीन सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा.

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उदयीमान सूर्य को अर्घ्य कब (ETV Bharat)

इसे भी पढ़ें- Jharkhand Election 2024: लोकतंत्र के पर्व पर आस्था का महापर्व डालेगा असर! क्या वोट प्रतिशत हो सकता है प्रभावित? क्या कहते हैं जानकार

इसे भी पढ़ें- राजधानी में छठ घाटों पर पूजा के लिए विशेष तैयारी ,रास्ते के कंकड़ भी होंगे साफ

इसे भी पढ़ें- छठ पर्व पर ना बांटे सूप और दउरा, नहीं तो नेताजी पर होगा केस, चुनाव आयोग की सख्त हिदायत

रांची: हर साल कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि को मनाए जानेवाले छठ पर्व का सनातन धर्म में खास महत्व है. वैसे तो यह पर्व चैत्र शुक्ल षष्ठी तिथि को भी मनाया जाता है जिसे चैती छठ कहते हैं मगर देवमाह कार्तिक माह का छठ की खासियत ही कुछ और है. दोनों ही छठ पर्व भगवान सूर्य को और छठी माता को समर्पित है इसलिए छठ पर्व में भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और छठ मैय्या की पूजा कथा की जाती है.

छठ पूजा को जानिए इस बार क्या है मुहूर्त (ETV Bharat)

शुद्धता और समर्पण इस पर्व की खासियत है यही वजह है कि इस पर्व को मनाने वक्त व्रती से लेकर उनके परिवार के लोग भी इसका खास ध्यान रखते हैं. लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. इस चार दिवसीय अनुष्ठान को लेकर ईटीवी भारत संवाददाता भुवन किशोर झा ने बात की ज्योतिषाचार्य गौतम वैद्य से. जिन्होंने साल 2024 में छठ पूजा के शुभ मुहूर्त और इस पूजा के महत्व के बारे में विस्तार से चर्चा की.

नहाय खाय से शुरू हो रहा चार दिवसीय महाअनुष्ठान

नहाय खाय से शुरू होनेवाले चार दिवसीय इस महाअनुष्ठान की शुरुआत इस साल 5 नवंबर से हो रहा है. जानेमाने ज्योतिषाचार्य गौतम वैद्य ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि नहाय खाय के दिन छठव्रती तालाब या किसी भी जलाशय में जाकर स्नान करके व्रती भात, कद्दू की सब्जी और सरसों का साग खाते हैं.

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नहाय-खाय कब (ETV Bharat)

दूसरे दिन यानी 06 नवंबर को खरना है जिसमें शाम 5 बजकर 49 मिनट के बाद शाम सात बजे तक खरना कर सकते हैं. इस दौरान व्रती गुड़ की खीर बनाकर छठी मैय्या को भोग लगाकर इसे ग्रहण किया जाएगा. तीसरे दिन यानी 7 नवंबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. वहीं चौथे दिन यानी 8 नवंबर सप्तमी तिथि को उदयकाल में सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पर्व का समापन पारण के बाद होगा.

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कब है खरना (ETV Bharat)

इस खास वक्त में छठी मैय्या का करें आराधना

वैसे तो हर पर्व में निर्धारित समय का खास महत्व है मगर छठ जैसे महापर्व में तो इसे और भी खास रुप से ध्यान दिया जाता है. चूंकि यह कार्तिक माह की षष्ठी तिथि में मनाई जाती है इस वजह से इस साल षष्ठी तिथि 7 नवंबर को सुबह 12 बजकर 41 मिनट से आरंभ हो रही है जो 8 नवंबर को सुबह 12 बजकर 35 मिनट पर समाप्त हो रही है.

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कब दिया जाएगा पहला अर्घ्य (ETV Bharat)

उदया तिथि के आधार पर छठ पूजा 7 नवंबर को है. इस दिन शाम के समय सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. रांची में सात नवंबर को सूर्यास्त समय 5 बजकर 07 मिनट है. इसी वक्त अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इसी तरह आठ नवंबर को सूर्योदय 5 बजकर 58 मिनट पर है, इसी वक्त उदयकालीन सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा.

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उदयीमान सूर्य को अर्घ्य कब (ETV Bharat)

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