लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष रविवार की शाम को लखनऊ में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक करेंगे. इस बैठक के दौरान राष्ट्रीय महामंत्री संगठन प्रदेश के सभी 98 संगठनात्मक जिलों में किस तरह से निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाएं इसको लेकर संघ और केंद्रीय नेतृत्व का संदेश देंगे. पार्टी ने जिस तरह से मंडल अध्यक्ष अभी तक निर्विरोध चुने हैं इसी तरह बिना किसी विवाद के जिला अध्यक्ष भी चुने जाने की तैयारी है. इसकी नीति रीति राष्ट्रीय महामंत्री संगठन प्रदेश के नेतृत्व को बताएंगे फिलहाल जो जिला अध्यक्ष बनेंगे उन्हीं की देखरेख में साल 2027 के विधानसभा चुनाव भी होंगे इसलिए जिला अध्यक्षों का चयन बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
आज बैठक करेंगे बीएल संतोषः वह भाजपा के प्रदेश कार्यालय पर संगठन चुनाव के संबंध में पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. इस दौरान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह मौजूद रहेंगे. अन्य महत्वपूर्ण पदाधिकारी की भी मौजूदगी होगी. महेंद्र पांडेय भी मौजूद रहेंगे. प्रदेश में संगठन चुनाव के संबंध में हो रही देरी के बारे में भी पूछताछ करेंगे, क्योंकि अभी तक कई जिलों में मण्डल अध्यक्षों का चयन ही नहीं हो पाया है. कुछ जिलों में कुछ मण्डल भी बकाया हैं.
बैठक के बाद शुरू होगी चयन प्रक्रियाः बैठक के बाद जिलाध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया आरंभ होगी. भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष पार्टी के क्षेत्रीय व प्रदेश के पदाधिकारियों के साथ जिलाध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया और संगठन से जुड़े अन्य विषयों पर चर्चा करेंगे. भारतीय जनता पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय महामंत्री संगठन उत्तर प्रदेश में स्पष्ट संदेश देंगे कि जिला अध्यक्ष चुनाव के दौरान ऐसा कोई संदेश नहीं जाना चाहिए जिस पार्टी में खींचतान सामने आए. जिलों में गुटबाजी बर्दाश्त ना की जाए. नामांकन वगैरह तो सब कुछ होगा मगर कोशिश यही होगी कि चुनाव निर्विरोध हों ताकि पार्टी विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी मजबूत नजर आए.
कौन सा फार्मूला अपना सकती बीजेपीः भारतीय जनता पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि जिला अध्यक्ष के चयन में इस बार एक सिंपल फार्मूला लिया गया है. यूपी में बीजेपी के 98 जिलाध्यक्ष हैं. इनमें से लखनऊ, कानपुर समेत कई बड़े जिलों में बीजेपी ने दो जिलाध्यक्ष बनाए हैं. पिछली बार इनमें से 65 जिला अध्यक्ष बदल दिए गए थे. इस बार भी जिलाध्यक्ष चयन में वहीं फार्मूला अपनाया गया है यानी जिन 65 जिलों में जिला अध्यक्ष के खिलाफ भारी विरोध है या फिर उम्र ज्यादा हो गई है वहां बदलाव होगा. सूत्रों की मानें तो इस फार्मूले के हिसाब से 20 जिलाध्यक्ष पार्टी बदल सकती है. वहीं, 35 जिलों में जिलाध्यक्ष बदले जाने की पहले से ही तैयारी है. इस लिहाज से यूपी में 50-55 जिलों में बीजेपी नए चेहरे जिलाध्यक्ष के रूप में ला सकती है. जिलाध्यक्ष चयन की तस्वीर आज की बैठक के बाद धीरे-धीरे साफ होने लगेगी.
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