पटना: भारतीय ट्रेन देश का लाइफ लाइन है. सभी लोग बचपन से लेकर बुढ़ापे तक रेल का यात्रा एक बार जरूर करते हैं. एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश जानें के ट्रेन का सफर आम बात है. वहीं कई लोगों को यह पता नहीं होगा कि एक बोगी में कितनी सीट होती है और कितने प्रकार की होती है. हम आपको बताने जा रहे हैं कि ट्रेनों की एक बोगी में कितनी सीट होती है और इनके बीच क्या अंतर है.
एक कोच में कितनी सीट?: ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी एन पी श्रीवास्तव ने बताया कि ट्रेन की बोगियों में सीटों की संख्या और प्रकार अलग-अलग होते हैं. भारतीय रेल में तीन प्रमुख प्रकार की बोगियां होती हैं, जिसमें एसी, स्लीपर और जनरल शामिल है. इन तीनों बोगियों में सीटों की संख्या और व्यवस्था अलग-अलग होती है. उन्होंने बताया कि ऐसी बोगी सबसे अधिक सुविधा वाली क्लास है. एक कोच में 18 से 24 सीटें होती हैं. इनकी सीटे कंफर्टेबल रहती है.
"हर ट्रेन में ऐसी, जनरल और स्लीपर क्लास की बोगियां होती है. ट्रेनों की बोगियों में पांच तरह की सीट होती है. अपर बर्थ, मिडिल बर्थ, लोअर बर्थ, साइड लोअर बर्थ ,साइड अपर बर्थ होते हैं."-एन.पी श्रीवास्तव, रेलवे कर्मचारी, ईस्ट सेंट्रल
ऐसा है सेकंड और थर्ड एसी का अंतर: प्रत्येक कंपार्टमेंट में दरवाजे होते हैं, जिससे प्राइवेसी मिलती है. सेकंड एसी के एक बोगी में 46 से 54 बर्थ होती हैं. बर्थ दो स्तर पर होती हैं, निचला बर्थ और ऊपरी बर्थ. प्रत्येक कंपार्टमेंट पर्दों से विभाजित होते हैं. थर्ड एसी के एक कोच में 64 से 72 बर्थ होती हैं. बर्थ तीन स्तर पर होती हैं. निचला, मध्यम, और ऊपरी. पर्दों के बजाय केवल छोटे विभाजन होते हैं.
क्या है भारतीय रेल की सबसे लोकप्रिय क्लास: स्लीपर क्लास यह भारतीय रेल की सबसे लोकप्रिय क्लास है. मध्यम वर्गीय लोग इसका ज्यादा उपयोग करते है. इसके एक कोच में 72 बर्थ होती हैं. बर्थ तीन स्तर की होती हैं, जिसमें निचला, मध्यम, और ऊपरी शामिल है. एसी कोच की तुलना में यहां कम सुविधाएं होती हैं, लेकिन यात्रा किफायती होती है. जनरल बोगियां यह अनारक्षित कोच होता है, जहां यात्री बिना आरक्षण के यात्रा करते हैं. इस कोच में सीटों की संख्या निर्धारित नहीं होती, क्योंकि यात्रियों की संख्या अलग-अलग हो सकती है. औसतन एक कोच में 90 से 100 लोग बैठ सकते हैं लेकिन यात्रियों की संख्या कई बार इससे अधिक हो जाती है.
कैसे अलग है चेयर कार कोच: चेयर कार कोच विशेष रूप से दिन की ट्रेनों के लिए होते हैं. एक कोच में 78 से 108 सीटें होती हैं.सीटें विमान की तरह होती हैं, जो केवल बैठने के लिए होती हैं. जन शताब्दी सेकेंड श्रेणी यह दूसरी श्रेणी की चेयर कार होती है. एक कोच में 106 से 120 सीटें होती हैं. यह छोटे और मध्यम दूरी की यात्राओं के लिए उपयोग होती है. भारतीय रेल की बोगियों में सीटों की संख्या और व्यवस्था यात्रियों की सुविधा और यात्रा के प्रकार के अनुसार तय की जाती है. इससे यात्रियों को उनकी आवश्यकता और बजट के अनुसार उपयुक्त विकल्प चुनने में मदद मिलती है.