शिमला: हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव के नतीजे आ चुके हैं. जहां लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सभी 4 सीटों पर जीत का चौका लगाया. वहीं, हिमाचल विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 6 सीटों में 4 सीटों पर जीत हासिल की. जबकि बीजेपी उपचुनाव में सिर्फ दो ही सीटें जीत पाई. लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी अनुराग ठाकुर, कंगना रनौत, सुरेश कश्यप और राजीव भारद्वाज ने जीत दर्ज की और प्रदेश में तीसरी बार लगातार भाजपा का 4-0 जीत का स्कोर बरकरार रखा.
हिमाचल लोकसभा चुनाव 2024
हमीरपुर लोकसभा सीट- हमीरपुर सीट से भाजपा से अनुराग ठाकुर और कांग्रेस से सतपाल रायजादा आमने-सामने थे. सतपाल रायजादा को 182357 वोटों से हराते हुए अनुराग ठाकुर लगातार पांचवीं बार हमीरपुर सीट से लोकसभा चुनाव जीते हैं. अनुराग ठाकुर को कुल 607068 वोट पड़े, जबकि सतपाल रायजादा को 424711 वोट पड़े. सतपाल रायजादा ने पहली बार लोकसभा सीट के लिए चुनाव लड़ा.
मंडी लोकसभा सीट- मंडी सीट से भाजपा ने कंगना रनौत को चुनाव मैदान में उतारा था. जबकि कांग्रेस ने शिमला ग्रामीण के विधायक एवं हिमाचल सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह को लोकसभा का टिकट दिया. कंगना रनौत ने 74755 वोटों की लीड के साथ चुनाव में जीत हासिल की. कंगना रनौत को कुल 537022 वोट पड़े. वहीं, विक्रमादित्य सिंह को कुल 462267 मत पड़े थे. कंगना रनौत ने पहली बार राजनीति में कदम रखा है और भाजपा-कांग्रेस के दोनों प्रत्याशियों ने पहली बार ही लोकसभा चुनाव लड़ा.
कांगड़ा लोकसभा सीट- कांगड़ा सीट से भाजपा ने डॉ. राजीव भारद्वाज पर दांव लगया. जबकि कांग्रेस ने आनंद शर्मा को कांगड़ा सीट से टिकट दिया. राजीव भारद्वाज और आनंद शर्मा दोनों ही उम्मीदवार पहली बार लोकसभा के चुनावी मैदान में उतरे थे. राजीव भारद्वाज को कुल 632793 वोट मिले. वहीं, कांग्रेस के आनंद शर्मा के खाते में 424711 वोट आए. राजीव भारद्वाज ने कांगड़ा सीट से 251895 वोटों के मार्जिन से शानदार जीत हासिल की.
शिमला लोकसभा सीट- शिमला सीट से भाजपा ने सुरेश कश्यप पर एक बार भरोसा जताते हुए लोकसभा टिकट दिया. वहीं, कांग्रेस ने कसौली से पहली बार विधायक बने विनोद सुल्तानपुरी पर लोकसभा चुनाव की पारी खेली. हालांकि विनोद सुल्तानपुरी 90548 वोटों के मार्जिन से चुनाव हार गए. सुरेश कश्यप को 513936 वोट पड़े और विनोद सुल्तानपुरी को 423388 मत पड़े. सुरेश कश्यप ने शिमला सीट से लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की.
हिमाचल विधानसभा उपचुनाव 2024
हिमाचल प्रदेश में 4 जून को 6 सीटों पर विधानसभा चुनाव के नतीजे आए. जिसमें प्रदेश की जनता ने बागियों को नकारते हुए कांग्रेस के पक्ष में अपना समर्थन दिया. 6 सीटों में से कांग्रेस ने 4 सीटों पर जीत दर्ज की. जबकि बीजेपी के हिस्से सिर्फ 2 ही सीटें आईं.
सुजानपुर विधानसभा उपचुनाव- सुजानपुर में भाजपा से राजेंद्र राणा और कांग्रेस से रणजीत राणा आमने-सामने थे. दोनों प्रत्याशियों को राजनीति में पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल का शिष्य कहा जाता है. उपचुनाव में रणजीत राणा ने 2440 वोटों की लीड के साथ जीत दर्ज की. रणजीत राणा को कुल 29529 वोट पड़े और राजेंद्र राणा 27089 वोटों के साथ उपचुनाव हार गए. राजेंद्र राणा कांग्रेस से बागी होकर भाजपा में शामिल हुए थे. वहीं, राजेंद्र राणा को भाजपा से टिकट दिए जाने पर नाराज रणजीत राणा ने भी भाजपा का दामन छोड़कर कांग्रेस का 'हाथ' थाम लिया था. जिसके बाद कांग्रेस ने उन्हें चुनावी रण में उतारा और रणजीत राणा ने सुजानपुर से जीत अपने नाम दर्ज की.
गगरेट विधानसभा उपचुनाव- गगरेट में भाजपा के चैतन्य शर्मा और कांग्रेस के राकेश कालिया के बीच कड़ा मुकाबला था. राकेश कालिया ने 8487 वोट मार्जिन के साथ जीत हासिल की. चैतन्य शर्मा को कुल 27281 वोट पड़े और राकेश कालिया को 35768 वोट पड़े. बता दें कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने चैतन्य शर्मा को टिकट दिया, जिससे नाराज होकर राकेश कालिया बीजेपी में शामिल हो गए थे. चैतन्य शर्मा कांग्रेस सरकार से बागी होकर भाजपा में शामिल हो गए और भाजपा ने गगरेट उपचुनाव में उन्हें टिकट दे दिया. जिसके बाद राकेश कालिया ने भाजपा से नाराज होकर कांग्रेस में घर वापसी की और कांग्रेस टिकट से गगरेट उपचुनाव लड़ा और शानदार जीत दर्ज की.
कुटलैहड़ विधानसभा उपचुनाव- कुटलैहड़ में मुकाबला भाजपा के देवेंद्र भुट्टो और कांग्रेस के विवेक शर्मा के बीच में था. जिसमें विवेक शर्मा ने देवेंद्र भुट्टो को 5356 वोटों से मात देते हुए जीत अपने नाम की. विवेक शर्मा को कुल 36853 वोट पड़े. जबकि देवेंद्र भुट्टो को कुल 31497 वोट पड़े. गौरतलब है कि देवेंद्र भुट्टो ने 2022 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस टिकट से चुनाव लड़ा था और कुटलैहड़ से विधायक चुने गए थे, लेकिन कांग्रेस सरकार से बगावत करने के बाद वो भाजपा में शामिल हो गए और बीजेपी की टिकट से कुटलैहड़ उपचुनाव लड़ा. जिसमें वो विवेक शर्मा से उपचुनाव हार गए.
लाहौल-स्पीति विधानसभा उपचुनाव- लाहौल-स्पीति में इस बार मुकाबला त्रिकोणीय था. कांग्रेस से अनुराधा राणा, बीजेपी से रवि ठाकुर और निर्दलीय उम्मीदवार रामलाल मारकंडा चुनावी रण में थे. कांग्रेस की अनुराधा राणा ने उपचुनाव में 1960 वोटों के मार्जिन से बाजी मारते हुए जीत अपने नाम दर्ज की. जबकि रामलाल मारकंडा को 7454 वोट और रवि ठाकुर को 3049 वोट मिले. अनुराधा राणा को कुल 9414 वोट पड़े. बता दें कि कांग्रेस सरकार से बागी होकर रवि ठाकुर ने भाजपा का दामन थामा. जिसके बाद वह लाहौल-स्पीति उपचुनाव में बीजेपी की टिकट से खड़े हुए. जिससे नाराज होकर पूर्व मंत्री रामलाल मारकंडा ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया. हालांकि दोनों प्रत्याशियों की उपचुनाव में हार हुई और कांग्रेस प्रत्याशी जीत गईं.
धर्मशाला विधानसभा उपचुनाव- धर्मशाला में भाजपा से सुधीर शर्मा और कांग्रेस से देवेंद्र जग्गी आमने-सामने थे. सुधीर शर्मा ने देवेंद्र जग्गी को 5526 वोटों से पटखनी दी. सुधीर शर्मा को उपचुनाव में 28066 वोट पड़े. जबकि देवेंद्र जग्गी को 22540 वोट मिले. गौरतलब है कि सुधीर शर्मा भी कांग्रेस सरकार से बगावत करते हुए भाजपा में शामिल हुए थे और भाजपा की टिकट से ही धर्मशाला का उपचुनाव लड़ा.
बड़सर विधानसभा उपचुनाव- बड़सर से भाजपा प्रत्याशी इंद्र दत्त लखनपाल और कांग्रेस प्रत्याशी सुभाष ढटवालिया के बीच कड़ा मुकाबला था. कांग्रेस के सुभाष ढलवालिया उपचुनाव में 2125 वोटों से हार गए. वहीं, इंद्र दत्त लखनपाल को कुल 33086 वोट पड़े. जबकि सुभाष ढलवालिया को 30961 मत प्राप्त हुए. पूर्व विधायक इंद्र दत्त लखनपाल भी कांग्रेस से बागी होकर भाजपा में शामिल हुए थे और भाजपा की टिकट पर उपचुनाव लड़ते हुए बड़सर में फिर से जीत दर्ज की.
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में 27 फरवरी 2024 को राज्यसभा चुनाव हुए थे. जिसमें कांग्रेस के 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग करते हुए बीजेपी के राज्यसभा उम्मीदवार को वोट दी थी. जिसके चलते कांग्रेस के 40 विधायक होने के बावजूद कांग्रेस का उम्मीदवार हार गया था और भाजपा के 25 एमएलए होने के बाद भी 6 बागियों और 3 निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन मिलने से बीजेपी का उम्मीदवार जीत गया था. 29 मई को विधानसभा स्पीकर ने सभी 6 बागी विधायकों की सदन की सदस्यता को रद्द करते हुए उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया था. 23 मार्च 2024 को कांग्रेस के सभी बागियों ने भाजपा को ज्वाइन कर लिया था. जिसके बाद हिमाचल में लोकसभा चुनाव के साथ-साथ 6 सीटों पर विधानसभा चुनाव भी हुए. जिसमें प्रदेश की जनता ने 6 में से 4 बागियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया.