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संघर्ष से शुरू हुआ सफर...कामयाबी की बुलंदी तक गया, जानिए- रामोजी राव के बारे में सब कुछ - RAMOJI RAO

RAMOJI RAO LIFE: रामोजी राव के निधन की खबर से न सिर्फ मीडिया जगत, बल्कि पूरे भारत में शोक की लहर दौड़ गई है. उनका जाना मीडिया के साथ फिल्म जगत के लिए भी ऐसी क्षति है, जिसे कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा. आइए जानते उनके जीवन से जुड़े वो पहलू, जिनके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं..

यादों में रामोजी राव
यादों में रामोजी राव (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 8, 2024, 4:08 PM IST

Updated : Jun 8, 2024, 5:29 PM IST

हैदराबाद: रामोजी ग्रुप के संस्थापक और चेयरमैन रामोजी राव का शनिवार सुबह हैदराबाद के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह 87 साल के थे. जैसे ही यह समाचार लोगों तक पहुंचा, उनमें शोक की लहर दौड़ गई. भारत ही नहीं, इंटरनेशनल मीडिया के सिरमौर रामोजी राव के निधन की खबर ने सभी को स्तब्ध कर दिया है.

भारत के हर वर्ग, हर भाषा के लोगों को ईटीवी मीडिया ग्रुप की एक छत के नीचे लाने वाले रामोजी राव के बारे में कोई अपनी यादें साझा कर रहा है, तो किसी की सिर्फ आंखें बोल रही हैं. जब रामोजी राव का पार्थिव शरीर फिल्म सिटी में बने उनके ऑफिस की बिल्डिंग में लाया गया, तब यहां मौजूद लोगों की आंखें नम थीं. लोग उनकी एक झलक पाने को बेताब दिखे. कोई मानने को तैयार नहीं है कि आज रामोजी राव हमारे बीच नहीं हैं. इतना विराट व्यक्तित्व... इतना बड़ा साम्राज्य और हर दिल में जगह यूं ही नहीं बनती.

रामोजी राव की जीवन
रामोजी राव की जीवन (ETV BHARAT)

संघर्ष और कामयाबी की बुलंदी क्या है, ये समझना है तो रामोजी राव की कहानी को शुरू से समझिए..

पहले रामय्या फिर रामोजी नाम पड़ा: रामोजी राव का जन्म 16 नवंबर, 1936 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में हुआ था. उनके माता-पिता, वेंकट सुब्बाराव और वेंकट सुब्बाम्मा ने उनके दादा की याद में उनका नाम रामय्या रखा था. हालांकि उन्होंने बाद में नाम बदलकर "रामोजी" कर लिया. राव ने गुडीवाड़ा म्युनिसिपल हाई स्कूल से पढ़ाई की थी, जिसके बाद गुडीवाड़ा कॉलेज से बीएससी की डिग्री प्राप्त की. आधे बांह की सफेद शर्ट, सफेद पैंट और सफेद जूतों में वो कुछ-कुछ दक्षिण भारत के पुराने फिल्म स्टारों जैसे दिखते हैं.

उनके विचार, उनकी बातों से झलकते थे, जानिए उन्हीं में से कुछ-

आइडिया तो यूं ही आ जाता है. असल में राष्ट्रीय मीडिया में बहुत सारे चैनल थे तो मुझे पता था कि वहां सफलता मुश्किल है. मैं अखबार चलाता हूं तो मुझे मीडिया के बारे में पता था. हमने तेलुगू चैनल से शुरुआत की जो अच्छी रही. फिर बाकी चैनल आए. - रामोजी राव

आप यहां स्क्रिप्ट लेकर आइए फिल्म की और फिल्म का प्रिंट लेकर वापस जाइए. फिल्म निर्माण का हर सामान यहां मौजूद है. ठहरने के लिए होटल से लेकर शूटिंग के लोकेशन सबकुछ. डबिंग और पोस्ट प्रोडक्शन भी यहीं से हो सकता है. -रामोजी राव (इंटरव्यू में फिल्म सिटी को लेकर पूछे गए एक सवाल पर कहा था)

मेरे लिए मीडिया प्रमुख है. मैं अखबार बहुत पसंद करता हूं. फिल्में हैं लेकिन मुझे मीडिया में बहुत दिलचस्पी है और आगे भी यही काम करना चाहता हूं. - रामोजी राव (इंटरव्यू में फिल्म और मीडिया पर पूछे गए एक सवाल पर कहा था)

साधारण परिवार, असाधारण उपलब्धियां

  1. शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने दिल्ली में एक विज्ञापन एजेंसी के लिए एक कलाकार के रूप में अपना करियर शुरू किया.
  2. 10 अगस्त, 1974 को रामोजी राव ने विशाखापत्तनम में तेलुगु दैनिक ईनाडु की स्थापना की.
  3. उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े फिल्म स्टूडियो रामोजी फिल्म सिटी की स्थापना की
  4. रामोजी राव को 2016 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.

यह भी पढ़ें- रामोजी ग्रुप के संस्थापक और चेयरमैन रामोजी राव का निधन

यह भी पढ़ें- कौन थे रामोजी राव, जिन्होंने किया दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म सिटी का निर्माण ?

हैदराबाद: रामोजी ग्रुप के संस्थापक और चेयरमैन रामोजी राव का शनिवार सुबह हैदराबाद के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह 87 साल के थे. जैसे ही यह समाचार लोगों तक पहुंचा, उनमें शोक की लहर दौड़ गई. भारत ही नहीं, इंटरनेशनल मीडिया के सिरमौर रामोजी राव के निधन की खबर ने सभी को स्तब्ध कर दिया है.

भारत के हर वर्ग, हर भाषा के लोगों को ईटीवी मीडिया ग्रुप की एक छत के नीचे लाने वाले रामोजी राव के बारे में कोई अपनी यादें साझा कर रहा है, तो किसी की सिर्फ आंखें बोल रही हैं. जब रामोजी राव का पार्थिव शरीर फिल्म सिटी में बने उनके ऑफिस की बिल्डिंग में लाया गया, तब यहां मौजूद लोगों की आंखें नम थीं. लोग उनकी एक झलक पाने को बेताब दिखे. कोई मानने को तैयार नहीं है कि आज रामोजी राव हमारे बीच नहीं हैं. इतना विराट व्यक्तित्व... इतना बड़ा साम्राज्य और हर दिल में जगह यूं ही नहीं बनती.

रामोजी राव की जीवन
रामोजी राव की जीवन (ETV BHARAT)

संघर्ष और कामयाबी की बुलंदी क्या है, ये समझना है तो रामोजी राव की कहानी को शुरू से समझिए..

पहले रामय्या फिर रामोजी नाम पड़ा: रामोजी राव का जन्म 16 नवंबर, 1936 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में हुआ था. उनके माता-पिता, वेंकट सुब्बाराव और वेंकट सुब्बाम्मा ने उनके दादा की याद में उनका नाम रामय्या रखा था. हालांकि उन्होंने बाद में नाम बदलकर "रामोजी" कर लिया. राव ने गुडीवाड़ा म्युनिसिपल हाई स्कूल से पढ़ाई की थी, जिसके बाद गुडीवाड़ा कॉलेज से बीएससी की डिग्री प्राप्त की. आधे बांह की सफेद शर्ट, सफेद पैंट और सफेद जूतों में वो कुछ-कुछ दक्षिण भारत के पुराने फिल्म स्टारों जैसे दिखते हैं.

उनके विचार, उनकी बातों से झलकते थे, जानिए उन्हीं में से कुछ-

आइडिया तो यूं ही आ जाता है. असल में राष्ट्रीय मीडिया में बहुत सारे चैनल थे तो मुझे पता था कि वहां सफलता मुश्किल है. मैं अखबार चलाता हूं तो मुझे मीडिया के बारे में पता था. हमने तेलुगू चैनल से शुरुआत की जो अच्छी रही. फिर बाकी चैनल आए. - रामोजी राव

आप यहां स्क्रिप्ट लेकर आइए फिल्म की और फिल्म का प्रिंट लेकर वापस जाइए. फिल्म निर्माण का हर सामान यहां मौजूद है. ठहरने के लिए होटल से लेकर शूटिंग के लोकेशन सबकुछ. डबिंग और पोस्ट प्रोडक्शन भी यहीं से हो सकता है. -रामोजी राव (इंटरव्यू में फिल्म सिटी को लेकर पूछे गए एक सवाल पर कहा था)

मेरे लिए मीडिया प्रमुख है. मैं अखबार बहुत पसंद करता हूं. फिल्में हैं लेकिन मुझे मीडिया में बहुत दिलचस्पी है और आगे भी यही काम करना चाहता हूं. - रामोजी राव (इंटरव्यू में फिल्म और मीडिया पर पूछे गए एक सवाल पर कहा था)

साधारण परिवार, असाधारण उपलब्धियां

  1. शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने दिल्ली में एक विज्ञापन एजेंसी के लिए एक कलाकार के रूप में अपना करियर शुरू किया.
  2. 10 अगस्त, 1974 को रामोजी राव ने विशाखापत्तनम में तेलुगु दैनिक ईनाडु की स्थापना की.
  3. उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े फिल्म स्टूडियो रामोजी फिल्म सिटी की स्थापना की
  4. रामोजी राव को 2016 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.

यह भी पढ़ें- रामोजी ग्रुप के संस्थापक और चेयरमैन रामोजी राव का निधन

यह भी पढ़ें- कौन थे रामोजी राव, जिन्होंने किया दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म सिटी का निर्माण ?

Last Updated : Jun 8, 2024, 5:29 PM IST
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