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नींबू का गार्डन लगाने जा रहे हैं तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान, जानिए क्या कहते हैं कृषि वैज्ञानिक - नींबू का गार्डन

planting lemon garden: अगर आप भी नींबू का गार्डन लगाने जा रहे हैं तो कुछ बातों को ध्यान में रखकर ही पौधा लगाए. इस बारे में कृषि वैज्ञानिक का क्या कहना है जानने के लिए आगे पढ़े.

lemon garden
नींबू का गार्डन
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 15, 2024, 8:44 PM IST

नींबू का गार्डन लगाने जा रहे हैं तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान

रायपुर: सिट्रस फैमिली में नींबू को महत्वपूर्ण माना गया है. नींबू अचार डालने के साथ ही सलाद और सब्जियों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. नींबू की खेती करने वाले प्रदेश के किसान इसकी देखभाल कैसे करें? किस तरह की सावधानी बरतें? जिससे नींबू का अधिक उत्पादन किसान को मिल सकें. नींबू में अधिक मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है. साल भर नींबू का उपयोग लोग अलग-अलग तरीके से करते हैं. नींबू का उद्यान लगाने वाले किसानों को कुछ खास बातों का ध्यान रखना होगा. इसके साथ ही इसकी देखभाल कैसे करनी चाहिए? इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए ईटीवी भारत ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ घनश्याम दास साहू से बातचीत की.

जानिए क्या कहते हैं कृषि वैज्ञानिक: बातचीत के दौरान डॉ घनश्याम दास साहू ने कहा कि, "नींबू की जो टेढ़ी-मेढ़ी शाखाएं होती है, उसमें बहुत जल्द कीटनाशक का प्रकोप दिखाई देता है. इसके साथ ही टेढ़ी-मेढ़ी शाखा या जिन शाखाओं में धूप नहीं पड़ता, ऐसी शाखाओं को किसानों को समय-समय पर कटाई छटाई करना भी जरूरी है. नींबू की साइ शरबती, प्रमालनी, विक्रम, पंत लेमन और कोकण लेमन जैसी किस्म को किसानों को खाद प्रबंधन करना बहुत जरूरी होता है. प्रदेश के किसान चार-चार मीटर की दूरियों में नींबू का उद्यान लगाए हैं, तो समय-समय पर खाद और उर्वरक का छिड़काव भी नींबू में करना चाहिए. 7 से 10 वर्ष की जो नींबू के पेड़ हैं, उसमें जैविक और रासायनिक खाद का छिड़काव भी करना चाहिए."

नींबू के पेड़ में अधिक मात्रा में पानी देना चाहिए: बताया जाता है कि नींबू की रस अधिक मात्रा में चाहिए तो इसके लिए किसानों को टपक सिंचाई के माध्यम से पानी देना चाहिए. पानी देने की प्रक्रिया कम से कम सप्ताह में दो बार की जानी चाहिए. नींबू में अधिक रस चाहिए तो किसानों को नींबू के पेड़ को अधिक मात्रा में पानी भी देना चाहिए. किसान अगर नींबू को बाजार ले जाते हैं तो यह ध्यान रखना होगा कि नींबू पूरी तरह से मेच्योर होना चाहिए. उसका कलर पीला होना चाहिए, तभी उसे बाजार में ले जाना चाहिए.

इन बातों का रखें ध्यान: इसके साथ ही नींबू का उद्यान लगाते समय किसानों को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि खाद प्रबंधन दवाई प्रबंधन पोषक तत्व प्रबंधन के साथ ही सुरक्षा प्रबंधन का भी ध्यान रखना होगा. नींबू के पेड़ में नीम जनित कीटनाशक या खाद का प्रयोग करना चाहिए. इसका स्प्रे समय-समय पर किसानों को करना चाहिए. कई बार ऐसा देखा जाता है कि नींबू के पेड़ में कीटनाशक का प्रकोप होने से नींबू की पत्तियां पूरी तरह से खत्म हो जाती है. ऐसी स्थिति में नींबू के पेड़ में नींबू का फलन नहीं आ पाता. लेमन बटरफ्लाई कीट के नियंत्रण के लिए नीम ऑइल का स्प्रे भी बहुत जरूरी है.

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जानिए क्या कहते हैं कृषि वैज्ञानिक: बातचीत के दौरान डॉ घनश्याम दास साहू ने कहा कि, "नींबू की जो टेढ़ी-मेढ़ी शाखाएं होती है, उसमें बहुत जल्द कीटनाशक का प्रकोप दिखाई देता है. इसके साथ ही टेढ़ी-मेढ़ी शाखा या जिन शाखाओं में धूप नहीं पड़ता, ऐसी शाखाओं को किसानों को समय-समय पर कटाई छटाई करना भी जरूरी है. नींबू की साइ शरबती, प्रमालनी, विक्रम, पंत लेमन और कोकण लेमन जैसी किस्म को किसानों को खाद प्रबंधन करना बहुत जरूरी होता है. प्रदेश के किसान चार-चार मीटर की दूरियों में नींबू का उद्यान लगाए हैं, तो समय-समय पर खाद और उर्वरक का छिड़काव भी नींबू में करना चाहिए. 7 से 10 वर्ष की जो नींबू के पेड़ हैं, उसमें जैविक और रासायनिक खाद का छिड़काव भी करना चाहिए."

नींबू के पेड़ में अधिक मात्रा में पानी देना चाहिए: बताया जाता है कि नींबू की रस अधिक मात्रा में चाहिए तो इसके लिए किसानों को टपक सिंचाई के माध्यम से पानी देना चाहिए. पानी देने की प्रक्रिया कम से कम सप्ताह में दो बार की जानी चाहिए. नींबू में अधिक रस चाहिए तो किसानों को नींबू के पेड़ को अधिक मात्रा में पानी भी देना चाहिए. किसान अगर नींबू को बाजार ले जाते हैं तो यह ध्यान रखना होगा कि नींबू पूरी तरह से मेच्योर होना चाहिए. उसका कलर पीला होना चाहिए, तभी उसे बाजार में ले जाना चाहिए.

इन बातों का रखें ध्यान: इसके साथ ही नींबू का उद्यान लगाते समय किसानों को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि खाद प्रबंधन दवाई प्रबंधन पोषक तत्व प्रबंधन के साथ ही सुरक्षा प्रबंधन का भी ध्यान रखना होगा. नींबू के पेड़ में नीम जनित कीटनाशक या खाद का प्रयोग करना चाहिए. इसका स्प्रे समय-समय पर किसानों को करना चाहिए. कई बार ऐसा देखा जाता है कि नींबू के पेड़ में कीटनाशक का प्रकोप होने से नींबू की पत्तियां पूरी तरह से खत्म हो जाती है. ऐसी स्थिति में नींबू के पेड़ में नींबू का फलन नहीं आ पाता. लेमन बटरफ्लाई कीट के नियंत्रण के लिए नीम ऑइल का स्प्रे भी बहुत जरूरी है.

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