ETV Bharat / state

सोमवती अमावस्या के दिन ऐसे करें भगवान शिव और माता पार्वती को प्रसन्न, जानें तिथि व पूजन विधि - SOMVATI AMAVASYA 2024

SOMVATI AMAVASYA 2024: साल 2024 की पहली सोमवती अमावस्या अप्रैल महीने में पड़ेगी. इस दिन कैसे करें पूजा व क्या है इसका महत्व, आइए जानते हैं...

SOMVATI AMAVASYA 2024
SOMVATI AMAVASYA 2024
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 4, 2024, 6:31 PM IST

ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा

नई दिल्ली: प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन अमावस्या होती है. इस बार सोमवार, 8 अप्रैल को अमावस्या पड़ रही है. इस दिन सोमवार है, जिससे इसे सोमवती अमावस्या के रूप में मनाया जाएगा. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करने का विधान है. ऐसा करने से व्यक्ति को शिवजी और मां पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है.

ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा ने बताया कि सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है. सोमवार के दिन पड़ने से इसका महत्व अन्य अमावस्या के मुकाबले अधिक होता है. इस दिन सूर्य ग्रहण भी पड़ रहा है, हालांकि यह भारत में दिखाई नहीं देगा.

चैत्र अमावस्या की तिथि

अमावस्या तिथि प्रारंभ: सोमवार, 8 अप्रैल तड़के 3:21 बजे से.

अमावस्या तिथि समाप्त: सोमवार 8 अप्रैल को रात 11:50 बजे.

उदया तिथि के अनुसार, सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल (सोमवार) को मनाई जाएगी.

यह भी पढ़ें-शीतला अष्टमी, चैत्र नवरात्रि से लेकर रामनवमी तक, अप्रैल में पड़ेंगे ये व्रत-त्योहार, देखिए लिस्ट

पूजन विधि: सोमवती अमावस्या के दिन सुबह किसी पवित्र नदी में स्नान करें. यदि संभव न हो तो घर में ही स्नान करने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं. इसके बाद भगवान सूर्य को जल अर्पित करें. इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती को पुष्प, माला, मेवा, मिष्ठान आदि का भोग लगाएं और शिव चालीसा का पाठ कर आरती करें. फिर परिवार में प्रसाद वितरण करें. इस दिन संभव हो तो व्रत करें और केवल फलाहार ग्रहण करें. साथ ही किसी ब्राह्मण अथवा गरीब व्यक्ति को दान दें. ऐसा करने से भगवान शिव और मां पर्वती प्रसन्न होती हैं.

यह भी पढ़ें-इस साल 9 अप्रैल से शुरू हो रही चैत्र नवरात्रि, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा

नई दिल्ली: प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन अमावस्या होती है. इस बार सोमवार, 8 अप्रैल को अमावस्या पड़ रही है. इस दिन सोमवार है, जिससे इसे सोमवती अमावस्या के रूप में मनाया जाएगा. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करने का विधान है. ऐसा करने से व्यक्ति को शिवजी और मां पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है.

ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा ने बताया कि सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है. सोमवार के दिन पड़ने से इसका महत्व अन्य अमावस्या के मुकाबले अधिक होता है. इस दिन सूर्य ग्रहण भी पड़ रहा है, हालांकि यह भारत में दिखाई नहीं देगा.

चैत्र अमावस्या की तिथि

अमावस्या तिथि प्रारंभ: सोमवार, 8 अप्रैल तड़के 3:21 बजे से.

अमावस्या तिथि समाप्त: सोमवार 8 अप्रैल को रात 11:50 बजे.

उदया तिथि के अनुसार, सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल (सोमवार) को मनाई जाएगी.

यह भी पढ़ें-शीतला अष्टमी, चैत्र नवरात्रि से लेकर रामनवमी तक, अप्रैल में पड़ेंगे ये व्रत-त्योहार, देखिए लिस्ट

पूजन विधि: सोमवती अमावस्या के दिन सुबह किसी पवित्र नदी में स्नान करें. यदि संभव न हो तो घर में ही स्नान करने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं. इसके बाद भगवान सूर्य को जल अर्पित करें. इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती को पुष्प, माला, मेवा, मिष्ठान आदि का भोग लगाएं और शिव चालीसा का पाठ कर आरती करें. फिर परिवार में प्रसाद वितरण करें. इस दिन संभव हो तो व्रत करें और केवल फलाहार ग्रहण करें. साथ ही किसी ब्राह्मण अथवा गरीब व्यक्ति को दान दें. ऐसा करने से भगवान शिव और मां पर्वती प्रसन्न होती हैं.

यह भी पढ़ें-इस साल 9 अप्रैल से शुरू हो रही चैत्र नवरात्रि, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.