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खूंटी-रांची बाईपास निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण के बीच आई अड़चन, पूर्व सैनिक ने लिखा पत्र - FOUR LANE BYPASS ROAD IN KHUNTI

खूंटी-रांची फोरलेन और बाईपास सड़क के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर ग्रामीणों ने विरोध जताया है. जानिए क्या है कारण.

FOUR LANE BYPASS ROAD IN KHUNTI
खूंटी-रांची बाईपास जमीन अधिग्रहण को लेकर ग्रामीणों का विरोध (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 17, 2025, 12:58 PM IST

खूंटी: लंबे समय से प्रतीक्षित खूंटी-रांची फोरलेन और बाईपास सड़क मुद्दे पर हो रही राजनीति उस वक्त बंद हो गई थी, जब जिला प्रशासन ने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश निकाला. आदेश निकलते ही 17 मौजा के लिए ग्राम सभाएं शुरू होने लगी और लोग स्वेच्छा से जमीन देने के लिए आगे आने लगे. अचानक बगड़ू और हूटार इलाके से लोगों ने जमीन नहीं देने और मुवावजा बढ़ाने की मांग शुरू कर दी है. वर्तमान में भूमि अधिग्रहण के लिए जिला प्रशासन द्वारा ग्रामसभा की की जा रही है. दूसरी तरफ विरोध के स्वर भी उठने लगे हैं.

आदिवासी समुदाय का नेतृत्व करने वाले दामू मुंडा, सनिका संगा, चोन्हस खालखो, बैजनाथ मुंडा, मागो मुंडा समेत अन्य नेताओं ने 31 जनवरी को बाईपास और भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर खूंटी कचहरी मैदान में एक जनसभा बुलाई है. जिसमें कहा गया है कि डुंगरा, कालामाटी, फुदी, जियरप्पा, कानाडीह, हुटार, बिरहू, जमुआदाग, एरेंडा, बगडू, सोसोटोली, बेलवादाग, कुंजला, ईडे, पोकला और कुंदी बरटोली गांवों से होकर सड़क गुजरनी है. इसके लिए भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है. गांव मोहल्लों में पंपलेट बांट कर लोगों से आम सभा में आने की अपील की जा रही है. पंपलेट में कहा गया है कि जनसभा के बाद सरकार को स्मार पत्र दिया जाएगा और झारखंड उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की जाएगी.

बाईपास जमीन अधिग्रहण को लेकर जानकारी देते पूर्व सैनिक (ईटीवी भारत)

वहीं दूसरी तरफ कारगिल युद्ध में शामिल पूर्व सैनिक व खूंटी सदर प्रखंड के पूर्व उपप्रमुख बगडू गांव निवासी जितेंद्र कश्यप ने बताया कि अगर बाईपास सड़क का निर्माण हुआ, तो उनकी पूरी साढ़े छह एकड़ जमीन चली जाएगी. इसी जमीन पर जितेंद्र कश्यप का घर भी है. उन्होंने कहा कि अगर सड़क बनी, तो उनका पूरा परिवार बेघर हो जाएगा.

पूर्व सैनिक ने कहा है कि बाईपास बनना भी जरूरी है, लेकिन सरकार से अपील की है कि उनके घर को छोड़कर सारी जमीन ले ली जाए. उन्होंने सरकार से साल 2018-19 में बाईपास के लिए किए गए सर्वे के अनुसार सड़क बनाने की मांग की है. साथ ही उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, सीएम हेमंत सोरेन, सांसद, विधायक सबको अलग-अलग पत्र भेजकर समस्या के निदान की मांग की है.

ये भी पढ़ें- बाइपास सड़क बनाने के पक्षधर नहीं हैं खूंटी विधायक, जाम की समस्या खत्म करने के लिए निकालेंगे वैकल्पिक रास्ता

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खूंटी में बाइपास निर्माण का रास्ता साफ, सड़क निर्माण के लिए जल्द शुरू होगी भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया

खूंटी: लंबे समय से प्रतीक्षित खूंटी-रांची फोरलेन और बाईपास सड़क मुद्दे पर हो रही राजनीति उस वक्त बंद हो गई थी, जब जिला प्रशासन ने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश निकाला. आदेश निकलते ही 17 मौजा के लिए ग्राम सभाएं शुरू होने लगी और लोग स्वेच्छा से जमीन देने के लिए आगे आने लगे. अचानक बगड़ू और हूटार इलाके से लोगों ने जमीन नहीं देने और मुवावजा बढ़ाने की मांग शुरू कर दी है. वर्तमान में भूमि अधिग्रहण के लिए जिला प्रशासन द्वारा ग्रामसभा की की जा रही है. दूसरी तरफ विरोध के स्वर भी उठने लगे हैं.

आदिवासी समुदाय का नेतृत्व करने वाले दामू मुंडा, सनिका संगा, चोन्हस खालखो, बैजनाथ मुंडा, मागो मुंडा समेत अन्य नेताओं ने 31 जनवरी को बाईपास और भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर खूंटी कचहरी मैदान में एक जनसभा बुलाई है. जिसमें कहा गया है कि डुंगरा, कालामाटी, फुदी, जियरप्पा, कानाडीह, हुटार, बिरहू, जमुआदाग, एरेंडा, बगडू, सोसोटोली, बेलवादाग, कुंजला, ईडे, पोकला और कुंदी बरटोली गांवों से होकर सड़क गुजरनी है. इसके लिए भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है. गांव मोहल्लों में पंपलेट बांट कर लोगों से आम सभा में आने की अपील की जा रही है. पंपलेट में कहा गया है कि जनसभा के बाद सरकार को स्मार पत्र दिया जाएगा और झारखंड उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की जाएगी.

बाईपास जमीन अधिग्रहण को लेकर जानकारी देते पूर्व सैनिक (ईटीवी भारत)

वहीं दूसरी तरफ कारगिल युद्ध में शामिल पूर्व सैनिक व खूंटी सदर प्रखंड के पूर्व उपप्रमुख बगडू गांव निवासी जितेंद्र कश्यप ने बताया कि अगर बाईपास सड़क का निर्माण हुआ, तो उनकी पूरी साढ़े छह एकड़ जमीन चली जाएगी. इसी जमीन पर जितेंद्र कश्यप का घर भी है. उन्होंने कहा कि अगर सड़क बनी, तो उनका पूरा परिवार बेघर हो जाएगा.

पूर्व सैनिक ने कहा है कि बाईपास बनना भी जरूरी है, लेकिन सरकार से अपील की है कि उनके घर को छोड़कर सारी जमीन ले ली जाए. उन्होंने सरकार से साल 2018-19 में बाईपास के लिए किए गए सर्वे के अनुसार सड़क बनाने की मांग की है. साथ ही उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, सीएम हेमंत सोरेन, सांसद, विधायक सबको अलग-अलग पत्र भेजकर समस्या के निदान की मांग की है.

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