खंडवा: भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी शनिवार को ओंकारेश्वर पहुंचे. यहां पर उन्होंने विधि-विधान से भगवान के साथ ओंकारेश्वर और ममलेश्वर की पूजा अप्रहलादर्चना कर आशीर्वाद लिया. इसके बाद उन्होंने ओंकारेश्वर बांध के बैकवाटर में स्थापित सोलर फ्लोटिंग प्लांट का निरीक्षण किया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री के साथ मध्य प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री और खंडवा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल भी मौजूद रहे.
2047 तक 1800 गीगावाट बिजली का लक्ष्य
केंद्रीय मंत्री जोशी ने 12 एकड़ में फैले इस सोलर फ्लोटिंग प्लांट की सभी तीनों यूनिट का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि "रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है. देश के उन हिस्से में जहां पर भी डैम है, वहां पर इस तरह का प्रयोग किया जा सकता है. ओंकारेश्वर आकर यहां पर अध्ययन करना पड़ेगा की किस तरह से 278 मेगावाट बिजली बनाकर इतिहास रच दिया है. 2030 तक हमारा लक्ष्य 500 गीगवाट का है, वहीं 2047 तक 1800 गीगावाट तक बिजली बनाना लक्ष्य है."
प्रदेश में बिजली की कमी होगी दूर
ओंकारेश्वर बांध पर दुनिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर पार्क है. इसकी पहली यूनिट से बिजली उत्पादन शुरू हो गया है. अभी 278 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है. इस बिजली को दिल्ली मेट्रो को दिया जा रहा है. वहीं इससे मध्य प्रदेश में बिजली की कमी समस्या भी दूर होगी. मध्य प्रदेश में ओंकारेश्वर बांध पर भारत का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर पार्क है. इससे 90 गीगावाट बिजली उत्पादन की संभावना जताई जा रही है.