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सहायक सचिव ने आत्महत्या से पहले बनाया वीडियो, सीईओ को बताया मौत का जिम्मेदार

पेमेंट नहीं मिलने से परेशान था सहायक सचिव, आत्महत्या से पहले अधिकारी पर लगाए गंभीर आरोप

KHANDWA Sahayak Sachiv SUICIDE CASE
सहायक सचिव गजेंद्र (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 9, 2024, 12:28 PM IST

खंडवा. जनपद पंचायत गुलगांव रैयत के सहायक सचिव ने मंगलवार को अपनी जान दे दी. आत्महत्या करने से पहले सहायक सचिव ने वीडियो बनाकर परिवार को भेजा. उसने आत्महत्या के लिए पुनासा जनपद पंचायत सीईओ को जिम्मेदार बताते हुए एक लाख रुपए रिश्वत मांगने का आरोप लगाया. मुंदी में रहने वाले गजेंद्र पिता भीम सिंह राठौड़ ने आत्महत्या की है. गजेंद्र गुलगांव पंचायत में रोजगार सहायक के पद पर पदस्थ था.

पेमेंट नहीं मिलने से परेशान था गजेंद्र

गजेंद्र की मौत के बाद उसके बेटे ने कहा, '' पिता पैसों को लेकर परेशान थे. 4 से 5 महीने से ड्यूटी पर नहीं गए. इसके बाद वापस ड्यूटी पर जाने के लिए काफी परेशान होना पड़ा. ड्यूटी पर वापस रखने के लिए बहुत मशक्कत करी. बाद में जितना काम किया उसकी पेमेंट के 3 लाख रुपए नहीं मिले, जिससे फैमिली परेशान थी. जिला पंचायत से संबंधित कोर्ट में केस भी चल रहा था.'' इधर गजेंद्र की मौत के बाद परिवार ने भी आरोप लगाए कि जनपद पंचायत सीईओ रीना चौहान इस मामले को लेकर एक लाख रुपए मांग रही थीं.'' पुलिस के मुताबिक मंगलवार को केनुद तालाब के पास गजेंद्र ने पहले वीडियो बनाकर परिवार को भेजा और आत्महत्या कर ली.

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1975 के वीआरएस मामले में हाईकोर्ट का अहम आदेश, अब मौत के बाद मिलेगा रिटायरमेंट का रुका पैसा

जनपत सीईओ ने कही ये बात

जनपद पंचायत पुनासा सीईओ रीना चौहान ने इस मामले को लेकर कहा, '' मैं इस संबंध में इतना ही कहना चाहूंगी कि गजेंद्र सिंह को जिला पंचायत सीईओ ने पद से बर्खास्त किया था. मेरी तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई है. मैं यहां दो साल से पदस्थ हूं, वे तब से ही अनुपस्थित थे, मेरे आने से पहले ही अनुपस्थित थे.''

खंडवा. जनपद पंचायत गुलगांव रैयत के सहायक सचिव ने मंगलवार को अपनी जान दे दी. आत्महत्या करने से पहले सहायक सचिव ने वीडियो बनाकर परिवार को भेजा. उसने आत्महत्या के लिए पुनासा जनपद पंचायत सीईओ को जिम्मेदार बताते हुए एक लाख रुपए रिश्वत मांगने का आरोप लगाया. मुंदी में रहने वाले गजेंद्र पिता भीम सिंह राठौड़ ने आत्महत्या की है. गजेंद्र गुलगांव पंचायत में रोजगार सहायक के पद पर पदस्थ था.

पेमेंट नहीं मिलने से परेशान था गजेंद्र

गजेंद्र की मौत के बाद उसके बेटे ने कहा, '' पिता पैसों को लेकर परेशान थे. 4 से 5 महीने से ड्यूटी पर नहीं गए. इसके बाद वापस ड्यूटी पर जाने के लिए काफी परेशान होना पड़ा. ड्यूटी पर वापस रखने के लिए बहुत मशक्कत करी. बाद में जितना काम किया उसकी पेमेंट के 3 लाख रुपए नहीं मिले, जिससे फैमिली परेशान थी. जिला पंचायत से संबंधित कोर्ट में केस भी चल रहा था.'' इधर गजेंद्र की मौत के बाद परिवार ने भी आरोप लगाए कि जनपद पंचायत सीईओ रीना चौहान इस मामले को लेकर एक लाख रुपए मांग रही थीं.'' पुलिस के मुताबिक मंगलवार को केनुद तालाब के पास गजेंद्र ने पहले वीडियो बनाकर परिवार को भेजा और आत्महत्या कर ली.

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जनपद पंचायत पुनासा सीईओ रीना चौहान ने इस मामले को लेकर कहा, '' मैं इस संबंध में इतना ही कहना चाहूंगी कि गजेंद्र सिंह को जिला पंचायत सीईओ ने पद से बर्खास्त किया था. मेरी तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई है. मैं यहां दो साल से पदस्थ हूं, वे तब से ही अनुपस्थित थे, मेरे आने से पहले ही अनुपस्थित थे.''

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