खंडवा: मध्य प्रदेश का खंडवा कलेक्ट्रेट एक अनोखे विवाह के लिए यादगार बन गया है. दरअसल फिजूल खर्ची रोकने के लिए एक युवा जोड़े ने अनूठी मिसाल पेश की है. साथ ही समाज को एक सीख भी दी है कि दिखावा न करते हुए एक सामान्य तरीके से शादी की जाए. जिससे हम रुपए ही नहीं बचाते बल्कि अपना भविष्य भी संवार सकते हैं.
लाखों की सैलरी, सादगी से शादी
इंदौर की एक मल्टीनेशनल कंपनी में लाखों का पैकेज लेने वाले हिमांशू और दीक्षा ने कलेक्ट्रेट में विवाह रचाया है. दोनों दुल्हा दुल्हन खंडवा के रहने वाले हैं और इंदौर में जॉब करते हैं. दोनों ने जब कलेक्ट्रेट पहुंचकर एक दूसरे को माला पहनाई तो वहां मौजूद हर कोई उनकी तारीफ करते नजर आया. एडीएम कोर्ट में दोनों ने एक दूसरे का हाथ थामकर जीवन भर साथ देने का वादा कर शादी कर ली. एडीएम काशीराम बडोले के सामने शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कर विवाह रचाया.
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समाज से हटकर कर गुजरने की चाह
हिमांशू और दीक्षा दोनों ने एक दूसरे के विचारों को अपनाया. दोनों कुछ वर्षों से इंदौर में रह रहे थे. अक्सर शादियों में होने वाला बेहतहाशा खर्च बेटी के पिता को कर्ज के बोझ तले दबा देता है. बच्चों के अरमान पूरा करने के लिए और समाज में दिखावे के चलते एक पिता भी कर्ज में आ जाता है. इससे दोनों ही परिवार लंबे समय तक कर्ज में डूबे रहते हैं. दोनों इन सबको नकारते हुए सादगी से शादी के बंधन में बंधकर एक दूसरे के हो गए.