मिर्जापुर : हस्त निर्मित दरी के क्षेत्र में काम करने वाले मिर्जापुर के खलील अहमद को भी पद्मश्री मिलेगा. पद्मश्री पाने वाले खलील अहमद हाथ से बनी दरी कि डिजाइन और बुनाई करते हैं. खलील अहमद का परिवार तीन पीढ़ियों से यह काम कर रहा है. इन्हें पहले शिल्प गुरु के अवार्ड से नवाजा जा चुका है. खलील अहमद की बुनी हुई दरी जापान के प्रधानमंत्री को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भेंट कर चुके हैं. पद्मश्री अवार्ड की घोषणा होने पर खलील अहमद बेहद खुश हैं और प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया है.
हाथ से दरी की बुनाई का किया जाता है काम : भारत सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्मश्री पुरस्कार की घोषणा कर दी है. मिर्जापुर शहर के इमामबाड़ा मोहल्ला में रहने वाले 70 वर्षीय खलील अहमद को भी पद्मश्री अवार्ड से नवाजा जाएगा. खलील अहमद बताते हैं कि उनका परिवार तीन पीढ़ियों से हस्त निर्मित दरी कला के क्षेत्र में काम कर रहा है. घर पर हाथ से दरी की बुनाई का काम किया जाता है. वह 15 साल के थे तब से काम में जुट गए थे. करीब पांच हजार लोगों को काम भी सीखा चुके हैं. 2003 में राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया था, वहीं 2008 में वस्त्र मंत्रालय के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार शिल्प गुरु के रूप में पुरस्कृत किये गये थे. उन्हें कालीन क्राफ्ट में राष्ट्रीय पुरस्कार वर्ष 2007 में भी मिल चुका है, साथ ही 26 जनवरी 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सम्मानित कर चुके हैं. पद्मश्री पुरस्कर के लिए गुरुवार की रात में गृह मंत्रालय से फोन आने पर बहुत खुश हैं. खलील अहमद को प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी पीएमओ बुला चुके हैं.
देश-विदेश में बनी पहचान : तत्कालीन मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि पैसे की समस्या होने पर उन्होंने दो लाख का कार्ड दिया था. विदेशियों को हाथ से बने काम काफी पसंद हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री को खलील अहमद के हाथों के बनी डिजाइन की दरी को 2018 में गिफ्ट किया था. खलील अहमद के हाथों से बनी दरी नए संसद भवन में भी लगाई गई हैं. मिर्जापुर की दरी को जीआई टैग मिल चुका है. मिर्जापुर की कालीन देश-विदेश में अपनी पहचान बना चुकी है. उसमें हस्त निर्मित दरी बेहद खास है. मिर्जापुर जनपद में इस बार दो हस्तियों को पद्मश्री अवार्ड से नवाजा जा रहा है. पहली लोक गायिका उर्मिला श्रीवास्तव को, दूसरे खलील अहमद को. जिससे जनपद में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है. हर कोई एक दूसरे घर पहुंचकर बधाई दे रहा है. बता दें पिछले साल भी लोकगीत गायन के क्षेत्र में अजीता श्रीवास्तव को मिर्जापुर जनपद से पद्मश्री अवार्ड से नवाजा गया था.