भोपाल। खजुराहो लोकसभा सीट से इंडिया गठबंधन की सपा प्रत्याशी मीरा दीपनारायण यादव का शुक्रवार को त्रुटि पाए जाने पर नामांकन फॉर्म को निरस्त कर दिया गया. इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व अधिवक्ता विवेक तन्खा के बुलाने पर दीपनारायण यादव दिल्ली पहुंचे. अब नामांकन निरस्त मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर करने की तैयारी की जा रही है. कांग्रेस व सपा ने निर्वाचन अधिकारी पर इस मामले में आरोप लगाया है.
नामांकन रद्द होते ही एमपी की सियासत गर्म
बता दें कि खजुराहो लोकसभा सीट से सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन फॉर्म निरस्त होने की जानकारी लगते ही मध्य प्रदेश की सियासत गर्मा गई. आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलने लगा. कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी आधिकारिक बयान जारी किए और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया कड़ी आपत्ति व्यक्त की. अखिलेश यादव ने कहा था कि यह लोकतंत्र की हत्या है. इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए. वहीं, पन्ना जिले के निर्वाचन अधिकारी का कहना है कि कहने के बाद भी नामांकन में हस्ताक्षर नहीं किए गए.
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क्यों किया गया सपा प्रत्याशी का नामांकन रद्द
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता यश भारतीय ने बताया कि राज्यसभा सांसद एवं सुप्रीम कोर्ट के वकील विवेक तन्खा ने दीप नारायण यादव को दिल्ली बुलाया है. वह दिल्ली पहुंच गए हैं. संभावना है कि नामांकन निरस्त होने के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका को स्पेशल बेंच पर दायर कर किया जा सकता है. गौरतलब है कि मीरा दीपनारायण यादव द्वारा दो नामांकन फार्म जमा किए गए थे और दोनों नामांकन फार्म त्रुटि होने के कारण रद्द कर दिए गए. बताया गया कि नामांकन फार्म दो वजहों से रद्द किया गया. पहला नामांकन फार्म के साथ वोटरलिस्ट की सत्यापित पुरानी प्रति वोटरलिस्ट की कॉपी लगा दी. दूसरी वजह नामांकन फार्म के हर पेज पर प्रत्याशी के ओरिजनल दस्तखत होते हैं, लेकिन मीरा यादव के फार्म के एक पेज पर दस्तखत छूट गए.