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भारत में सभी में ब्रह्म देखने की परंपरा, ऐसे में कौन अल्पसंख्यक-कौन बहुसंख्यक: आरिफ मोहम्मद खान - Minorities Reservation Issue - MINORITIES RESERVATION ISSUE

Kerala Governor Arif Mohammed Khan on Minorities Reservation: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान अल्पसंख्यकों को आरक्षण के मामले पर कहा कि भारत में सभी में ब्रह्म देखने की परंपरा है. ऐसे में देश में कौन अल्पसंख्यक है और कौन बहुसंख्यक है. राज्यपाल ने कहा कि भारत के संविधान के आदर्श विदेशी नहीं, भारतीय संस्कृति के मूल हैं.

Kerala Governor Arif Mohammed Khan on Minorities Reservation
Kerala Governor Arif Mohammed Khan on Minorities Reservation
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Apr 30, 2024, 12:39 PM IST

Updated : Apr 30, 2024, 1:16 PM IST

आरिफ मोहम्मद खान, राज्यपाल, केरल

शिमला: देश में लोकसभा चुनाव जारी हैं. वहीं, कांग्रेस ने भाजपा पर अल्पसंख्यकों का आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाया है. जिस पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने देश में अल्पसंख्यकों को आरक्षण के मामले पर कहा कि वह किसी भी राजनीतिक विषय पर टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं. इस देश की संस्कृति में सभी को एक रूप से देखने की परंपरा है. उन्होंने कहा कि भारत में सभी लोगों में ब्रह्म देखने की परिपाटी है. ऐसे में देश में कौन अल्पसंख्यक है और कौन बहुसंख्यक है.

'संविधान के आदर्श, भारतीय संस्कृति के मूल'

आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि संविधान में जितने भी आदर्श हैं उन सभी का मूल भारत की संस्कृति में निहित है. उन्होंने कहा क्योंकि भारतीय अपने बारे में कम पढ़ते हैं, ऐसे में संविधान के मूल विदेशी नजर आते हैं. उन्होंने कहा कि संविधान के सभी मूल विदेशी नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति के मूल से ही निकले हैं. उन्होंने कहा कि वह याद करते हैं कि 1962 में पार्टी पार्लियामेंट्री मीटिंग के दौरान पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि सेक्युलरिज्म एक अच्छा शब्द नहीं है. धर्मनिरपेक्षता का रास्ता सही है वह भारत की जीवन पद्धति ही है. उन्होंने कहा कि भारत की पद्धति में स्वीकार्यता है. यहां बदलने का प्रयास नहीं बल्कि स्वीकार किया जाता है.

गौरतलब है कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी शिमला में "विश्व सौहार्द के लिए वैदिक बौद्धिकता" पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित किया गया. जिसकी शुरुआत केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने की. इस मौके पद्म भूषण कपिल कपूर, शशि प्रभा कुमार और आरिफ मोहम्मद खान ने वर्तमान समय में वेदों की प्रासंगिकता पर अपने विचार व्यक्त किए.

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आरिफ मोहम्मद खान, राज्यपाल, केरल

शिमला: देश में लोकसभा चुनाव जारी हैं. वहीं, कांग्रेस ने भाजपा पर अल्पसंख्यकों का आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाया है. जिस पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने देश में अल्पसंख्यकों को आरक्षण के मामले पर कहा कि वह किसी भी राजनीतिक विषय पर टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं. इस देश की संस्कृति में सभी को एक रूप से देखने की परंपरा है. उन्होंने कहा कि भारत में सभी लोगों में ब्रह्म देखने की परिपाटी है. ऐसे में देश में कौन अल्पसंख्यक है और कौन बहुसंख्यक है.

'संविधान के आदर्श, भारतीय संस्कृति के मूल'

आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि संविधान में जितने भी आदर्श हैं उन सभी का मूल भारत की संस्कृति में निहित है. उन्होंने कहा क्योंकि भारतीय अपने बारे में कम पढ़ते हैं, ऐसे में संविधान के मूल विदेशी नजर आते हैं. उन्होंने कहा कि संविधान के सभी मूल विदेशी नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति के मूल से ही निकले हैं. उन्होंने कहा कि वह याद करते हैं कि 1962 में पार्टी पार्लियामेंट्री मीटिंग के दौरान पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि सेक्युलरिज्म एक अच्छा शब्द नहीं है. धर्मनिरपेक्षता का रास्ता सही है वह भारत की जीवन पद्धति ही है. उन्होंने कहा कि भारत की पद्धति में स्वीकार्यता है. यहां बदलने का प्रयास नहीं बल्कि स्वीकार किया जाता है.

गौरतलब है कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी शिमला में "विश्व सौहार्द के लिए वैदिक बौद्धिकता" पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित किया गया. जिसकी शुरुआत केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने की. इस मौके पद्म भूषण कपिल कपूर, शशि प्रभा कुमार और आरिफ मोहम्मद खान ने वर्तमान समय में वेदों की प्रासंगिकता पर अपने विचार व्यक्त किए.

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Last Updated : Apr 30, 2024, 1:16 PM IST
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