देहरादून: केदारघाटी में रेस्क्यू अभियान का प्रथम चरण पूरा हो गया है. केदारनाथ में स्वेच्छा से रुके 78 लोगों को एमआई-17 के जरिये रविवार को गुप्तकाशी पहुंचाया गया. जिनमें स्थानीय दुकानदार, साधु-संत, घोड़ा-खच्चर चालक आदि शामिल थे. केदारघाटी में आसमान से बरसी आफत में अब तक तीन लोगों के शव मिले हैं, जबकि 6 लोगों के लापता हैं.
केदारनाथ आपदा का स्थलीय निरीक्षण से वापिस लौटे रुद्रप्रयाग जिले के प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा ने केदारनाथ रेस्क्यू अभियान की जानकारी दी. उन्होंने रेस्क्यू अभियान में सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का विशेष तौर पर आभार जताया. उन्होंने कहा भारत सरकार से यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू किए जाने के लिए वायुसेना ने तुरंत MI-17 और चिनूक हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराया.
प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा ने राहत और बचाव कार्यों में लगी विभिन्न एजेंसियों का आभार जताया. उन्होंने कहा इस रेस्क्यू अभियान में 15 हजार से भी अधिक लोगों का सुरक्षित निकाला गया. राहत और बचाव कार्यों में लगी विभिन्न एजेंसियों ने शानदार रणनीति के साथ योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया. एक सप्ताह से भी कम समय में यह अभियान संपन्न किया.
युद्धस्तर पर चल रहा कार्य, 25 मार्ग बहाल: केदारनाथ पैदल मार्ग में 31 जुलाई को अतिवृष्टि के चलते क्षतिग्रस्त अधिकांश रास्तों को पैदल चलने योग्य बना दिया गया है. विभिन्न स्थानों पर 29 मार्ग क्षतिग्रस्त हुए थे. जिनमें से 25 रास्तों को यात्रियों को पैदल आवागमन के लिए सुचारु कर दिया गया है. शेष मार्गों को दुरुस्त करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है.
सौरभ बहुगुणा ने बताया केदारघाटी में अब तक तीन लोगों का शव मिला है. 6 लोगों के लापता होने की शिकायत मिली है. उन्होने कहा सरकार ने टोल फ्री नंबर जारी किये हैं. उन्होंने कहा यदि बड़ी संख्या में लोग मिसिंग होते तो शिकायतों की संख्या भी बढ़ती. बहरहाल रेस्क्यू अभियान अभी जारी है. लापता लोगों को ढूंढने का काम जारी है.