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आ गया कवच 4.0 वर्जन, जल्द दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर दौड़ेंगी 160 की रफ्तार से ट्रेनें - Kavach 4 Trial Successful

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 2 hours ago

रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल इंजन में बैठकर लोको पायलट के साथ कवच 4.0 का सफल ट्रायल किया. वहीं, दिल्ली और मुंबई को जोड़ने वाले रेल मार्ग में कवच 4.0 के इंस्टॉलेशन का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है. इस मार्ग पर जल्द ही 160 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ेंगी.

Kavach 4 Trial Successful
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कवच 4.0 का किया सफल ट्रायल (ETV Bharat)

रतलाम: दिल्ली और मुंबई को जोड़ने वाले रेल मार्ग पर अब कवच 4.0 का इंस्टालेशन भी किया गया है. भारतीय रेलवे ने रिकॉर्ड समय में करीब 108 किलोमीटर के रेलवे ट्रैक पर कवच 4.0 का इंस्टॉलेशन पूर्ण कर लिया है. जिसके बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने खुद इसका ट्रॉयल सवाई मधोपुर से इंदरगढ़ सुमेरगंज मंडी सेक्शन में लिया है. कोटा और मथुरा रेल मंडल में करीब 545 किमी रेल मार्ग पर कवच इंस्टॉलेशन और परीक्षण का कार्य अंतिम दौर में चल रहा है.

लोको परीक्षण रहा सफल

पश्चिम रेलवे के रतलाम, बड़ौदा और मुंबई रेल मंडल में भी 789 किमी में से कुल 405 किमी के लिए लोको परीक्षण सफलतापूर्वक किए गए हैं. वहीं 90 में से 60 लोको को इस तकनीक से लैस किया गया है. दिल्ली से मुंबई के बीच कुल 1386 किमी के इस रेल मार्ग पर स्वदेशी रूप से विकसित स्वचालित ट्रेन प्रोटेक्‍शन (ATP) सिस्टम कवच इंस्टॉल हो जाने के बाद इस रेल मार्ग पर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाई जा सकेगी.

रेलमंत्री की मौजूदगी में कवच का ट्रायल

पूर्ण रूप से स्वदेश में विकसित सुरक्षा प्रणाली कवच ट्रेन सुरक्षा और ट्रेनों के टकराव रोकने की क्षमता प्रदान करता है. यह तकनीक न केवल रेल दुर्घटना रोकने में सहायक है, बल्कि ट्रेनों के सिग्नल पासिंग एंड डेंजर की स्थिति को रोकना और आवश्यकतानुसार स्वचालित गति प्रतिबंध भी लागू करता है. मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पश्चिम मध्य रेलवे द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार कवच 4.0 का इंस्टॉलेशन और ट्रायल रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में हुआ है.

ज्यादा स्पीड होने पर ऑटोमैटिक लगेगा ब्रेक

इस तकनीक से ट्रेनों के आमने-सामने, पीछे से और साइड से टकराव की स्थिति का पता लगाना और उस स्थिति को रोकना कवच की मुख्य विशेषता है. कोहरे और लो विजिबिलिटी की स्थिति में भी यह प्रणाली लोको पायलट को ट्रेन का संचालन करने में मदद करती है. यदि ट्रेन की गति निर्धारित सीमा से 2 किमी/घंटा से अधिक है, तो कवच सिस्टम द्वारा ओवर स्पीड अलार्म जारी होता है. वहीं अगर ट्रेन की गति निर्धारित सीमा से 5 किमी/घंटा अधिक है, तो सामान्य ब्रेकिंग और यदि ट्रेन की गति गति 7 किमी/घंटा अधिक है, तो पूर्ण ब्रेक लागू होगा. यदि ट्रेन की गति निर्धारित सीमा से 9 किमी/घंटा अधिक है, तो कवच सिस्टम आपातकालीन ब्रेक लागू कर देता है.

DELHI MUMBAI RAIL ROUTE KAVACH
कवच लगने के बाद स्पीड ज्यादा होने पर ऑटोमैटिक लग जाएगा ब्रेक (ETV Bharat)

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160 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें

बहरहाल, रेलवे के लिए अति महत्वपूर्ण दिल्ली मुंबई रेल मार्ग के 1386 किलोमीटर के रूट पर मिशन रफ्तार के अंतर्गत तेज गति से कवच सुरक्षा प्रणाली का इंस्टालेशन और ट्रायल कार्य जारी है. जहां अगले वर्ष तक ट्रेनों की रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटा तक बढ़ाई जा सकेगी.

रतलाम: दिल्ली और मुंबई को जोड़ने वाले रेल मार्ग पर अब कवच 4.0 का इंस्टालेशन भी किया गया है. भारतीय रेलवे ने रिकॉर्ड समय में करीब 108 किलोमीटर के रेलवे ट्रैक पर कवच 4.0 का इंस्टॉलेशन पूर्ण कर लिया है. जिसके बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने खुद इसका ट्रॉयल सवाई मधोपुर से इंदरगढ़ सुमेरगंज मंडी सेक्शन में लिया है. कोटा और मथुरा रेल मंडल में करीब 545 किमी रेल मार्ग पर कवच इंस्टॉलेशन और परीक्षण का कार्य अंतिम दौर में चल रहा है.

लोको परीक्षण रहा सफल

पश्चिम रेलवे के रतलाम, बड़ौदा और मुंबई रेल मंडल में भी 789 किमी में से कुल 405 किमी के लिए लोको परीक्षण सफलतापूर्वक किए गए हैं. वहीं 90 में से 60 लोको को इस तकनीक से लैस किया गया है. दिल्ली से मुंबई के बीच कुल 1386 किमी के इस रेल मार्ग पर स्वदेशी रूप से विकसित स्वचालित ट्रेन प्रोटेक्‍शन (ATP) सिस्टम कवच इंस्टॉल हो जाने के बाद इस रेल मार्ग पर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाई जा सकेगी.

रेलमंत्री की मौजूदगी में कवच का ट्रायल

पूर्ण रूप से स्वदेश में विकसित सुरक्षा प्रणाली कवच ट्रेन सुरक्षा और ट्रेनों के टकराव रोकने की क्षमता प्रदान करता है. यह तकनीक न केवल रेल दुर्घटना रोकने में सहायक है, बल्कि ट्रेनों के सिग्नल पासिंग एंड डेंजर की स्थिति को रोकना और आवश्यकतानुसार स्वचालित गति प्रतिबंध भी लागू करता है. मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पश्चिम मध्य रेलवे द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार कवच 4.0 का इंस्टॉलेशन और ट्रायल रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में हुआ है.

ज्यादा स्पीड होने पर ऑटोमैटिक लगेगा ब्रेक

इस तकनीक से ट्रेनों के आमने-सामने, पीछे से और साइड से टकराव की स्थिति का पता लगाना और उस स्थिति को रोकना कवच की मुख्य विशेषता है. कोहरे और लो विजिबिलिटी की स्थिति में भी यह प्रणाली लोको पायलट को ट्रेन का संचालन करने में मदद करती है. यदि ट्रेन की गति निर्धारित सीमा से 2 किमी/घंटा से अधिक है, तो कवच सिस्टम द्वारा ओवर स्पीड अलार्म जारी होता है. वहीं अगर ट्रेन की गति निर्धारित सीमा से 5 किमी/घंटा अधिक है, तो सामान्य ब्रेकिंग और यदि ट्रेन की गति गति 7 किमी/घंटा अधिक है, तो पूर्ण ब्रेक लागू होगा. यदि ट्रेन की गति निर्धारित सीमा से 9 किमी/घंटा अधिक है, तो कवच सिस्टम आपातकालीन ब्रेक लागू कर देता है.

DELHI MUMBAI RAIL ROUTE KAVACH
कवच लगने के बाद स्पीड ज्यादा होने पर ऑटोमैटिक लग जाएगा ब्रेक (ETV Bharat)

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160 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें

बहरहाल, रेलवे के लिए अति महत्वपूर्ण दिल्ली मुंबई रेल मार्ग के 1386 किलोमीटर के रूट पर मिशन रफ्तार के अंतर्गत तेज गति से कवच सुरक्षा प्रणाली का इंस्टालेशन और ट्रायल कार्य जारी है. जहां अगले वर्ष तक ट्रेनों की रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटा तक बढ़ाई जा सकेगी.

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