कटनी। कलेक्टर अवि प्रसाद शनिवार को जिला चिकित्सालय का निरीक्षण करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने अस्पताल में मौजूद मरीजों से बातचीत की और अस्पताल की सुविधाओं के बारे में जानकारी ली. वहां मौजूद एक व्यक्ति ने कलेक्टर को बताया कि वह बोहरीबंद तहसील से अपनी गर्भवती पत्नी की जांच कराने के लिए जिला अस्पताल लाया था. लेकिन जिला अस्पताल में मौजूद आशा कार्यकर्ता ने मेरी गर्भवती पत्नी को अच्छे इलाज का लालच देकर डॉ. श्रद्धा द्विवेदी के सिविल लाइन स्थित निजी क्लीनिक में ले गई, जहां उनका सोनोग्राफी कराया गया.
कलेक्टर ने निजी क्लीनिक पर मारा छापा
फरियादी की बात सुनने के बाद कलेक्टर अवि प्रसाद ने मामले की सत्यता जानने के लिए मरीज और फरियादी पति छोटे लाल कोल को गाड़ी में बैठा कर डॉ. के सरकारी आवास पर पहुंचे. जहां कलेक्टर साहब को देख हड़कंप मच गया. फरियादी छोटे लाला कोल ने बताया कि वो सिविल लाइन स्थित डॉ. श्रद्धा द्विवेदी के यहां अपनी गर्भवती पत्नी को लेकर आए थे. कलेक्टर ने इस मुद्दे पर मीडिया से कुछ नहीं बोला. उन्होंने ये जरूर बताया है कि डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
दलाल बरगला कर ले जाते हैं निजी अस्पताल
जिला अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन की सुविधा ना होने के चलते गर्भवती महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. गर्भवती महिलाएं जब जिला अस्पताल में जांच कराने आती हैं, तो वहां पहले से मौजूद दलाल महिलाओं को अपनी बातों में बरगला कर या सस्ते व अच्छे इलाज का लालच देकर वह गर्भवती महिलाओं को निजी अस्पताल ले जाती हैं. जिला अस्पताल से ऐसी शिकायतें आती रहती हैं, लेकिन जिम्मेदारों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है.
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जांच टीम का हुआ गठन
उक्त मामले को लेकर कलेक्टर का कहना है कि "पूरे मामले की गहनता से जांच की जा रही है. प्रकरण सामने आने के बाद तीन सदस्यीय टीम का गठन कर दिया गया है. जांच टीम में अपर कलेक्टर संयुक्त कलेक्टर व सिविल सर्जन शामिल हैं. 24 घंटे में पूरे मामले की जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे."