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जया किशोरी ने समझाया भक्त-भगवान का रिश्ता, युवाओं बुजुर्गों के साथ समय व्यतीत करने के लिए किया प्रेरित - Nani Bai ro Mayro

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 29, 2024, 9:30 PM IST

Jaya Kishori Nani Bai ro Mayro, कथावाचक जया किशोरी ने शनिवार को नानी बाई रो मायरो कथा के दौरान भक्त और भगवान का रिश्ता समझाया. साथ ही युवा वर्ग को बुजुर्गों के साथ समय व्यतीत करने के लिए भी प्रेरित किया.

कथावाचक जया किशोरी
कथावाचक जया किशोरी (ETV Bharat Jaipur)

कथावाचक जया किशोरी (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. कथावाचक जया किशोरी ने शनिवार को एक बार फिर अपने मधुर भजनों और कथा से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. जया किशोरी की कथा नानी बाई रो मायरो को सुनने के लिए जयपुर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर प्रांगण में हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. कथा के दौरान जया किशोरी ने प्रसंगों के जरिए भक्त और भगवान के बीच के रिश्ते को भी समझाया. साथ ही युवा वर्ग को बुजुर्गों के साथ समय व्यतीत करने के लिए प्रेरित किया.

भक्त नरसी की हुंडी का प्रसंग : कथावाचक जया किशोरी के मुख से नानी बाई रो मायरो कथा का श्रवण करने के लिए जयपुर सहित प्रदेश भर से भक्ति गोविंद देव जी मंदिर प्रांगण में जुटे. सत्संग भवन में अपनी जगह बनाने के लिए श्रद्धालु 2 घंटे पहले से ही यहां पहुंच गए और फिर मधुर भजनों के साथ जया किशोरी ने अपना कथा वाचन शुरू किया. उन्होंने बताया कि ईश्वर को भक्त की भक्ति स्वीकार करने के लिए स्वयं उपस्थित होना पड़ता है. भगवान में जब भक्त की अटूट निष्ठा और भक्ति हो जाती है, तब भगवान स्वयं भक्त के कष्ट हरने और उसका मन रखने के लिए कार्य करते हैं. भक्त नरसी की हुंडी का प्रसंग भी बताया कि किस तरह सांवरिया सेठ ने भक्त नरसी की हुंडी स्वीकारी.

पढ़ें. गोविंद देव जी मंदिर में 'नानी बाई रो मायरो' का शुभारंभ, जया किशोरी ने अपने अंदाज में सुनाई कथा

वहीं, जया किशोरी ने प्रसंग में सीख दी कि संगत का बहुत असर होता है. अर्जुन ने श्री कृष्ण की मित्रता से विजय प्राप्त की. कर्ण-दुर्योधन की मित्रता में पराजय के साथ मृत्यु को प्राप्त हुआ, इसलिए हमें बुरी संगत से बचते हुए अच्छी संगत में रहना चाहिए. कथा के माध्यम से जया किशोरी ने युवा वर्ग को बुजुर्गों के साथ समय व्यतीत करने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने बताया कि बुजुर्गों के अनुभव से हमें जीवन की सार्थकता प्राप्त करने का मार्गदर्शन प्राप्त होता है. आयोजक रामबाबू झालानी ने बताया कि तीन दिवसीय इस कथा के आयोजन में रविवार को मायरा भरा जाएगा. इसके तहत एक साथ लगभग 100 सदस्य मायरे में दिए जाने वाले सामान को अपने सिर पर लेकर बैंड बाजे के साथ धूमधाम से मायरा भरेंगे. इस दौरान नकद राशि से लेकर सोने की मोहरे, सिक्के भी मायरे में भरे जाएंगे.

कथावाचक जया किशोरी (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. कथावाचक जया किशोरी ने शनिवार को एक बार फिर अपने मधुर भजनों और कथा से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. जया किशोरी की कथा नानी बाई रो मायरो को सुनने के लिए जयपुर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर प्रांगण में हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. कथा के दौरान जया किशोरी ने प्रसंगों के जरिए भक्त और भगवान के बीच के रिश्ते को भी समझाया. साथ ही युवा वर्ग को बुजुर्गों के साथ समय व्यतीत करने के लिए प्रेरित किया.

भक्त नरसी की हुंडी का प्रसंग : कथावाचक जया किशोरी के मुख से नानी बाई रो मायरो कथा का श्रवण करने के लिए जयपुर सहित प्रदेश भर से भक्ति गोविंद देव जी मंदिर प्रांगण में जुटे. सत्संग भवन में अपनी जगह बनाने के लिए श्रद्धालु 2 घंटे पहले से ही यहां पहुंच गए और फिर मधुर भजनों के साथ जया किशोरी ने अपना कथा वाचन शुरू किया. उन्होंने बताया कि ईश्वर को भक्त की भक्ति स्वीकार करने के लिए स्वयं उपस्थित होना पड़ता है. भगवान में जब भक्त की अटूट निष्ठा और भक्ति हो जाती है, तब भगवान स्वयं भक्त के कष्ट हरने और उसका मन रखने के लिए कार्य करते हैं. भक्त नरसी की हुंडी का प्रसंग भी बताया कि किस तरह सांवरिया सेठ ने भक्त नरसी की हुंडी स्वीकारी.

पढ़ें. गोविंद देव जी मंदिर में 'नानी बाई रो मायरो' का शुभारंभ, जया किशोरी ने अपने अंदाज में सुनाई कथा

वहीं, जया किशोरी ने प्रसंग में सीख दी कि संगत का बहुत असर होता है. अर्जुन ने श्री कृष्ण की मित्रता से विजय प्राप्त की. कर्ण-दुर्योधन की मित्रता में पराजय के साथ मृत्यु को प्राप्त हुआ, इसलिए हमें बुरी संगत से बचते हुए अच्छी संगत में रहना चाहिए. कथा के माध्यम से जया किशोरी ने युवा वर्ग को बुजुर्गों के साथ समय व्यतीत करने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने बताया कि बुजुर्गों के अनुभव से हमें जीवन की सार्थकता प्राप्त करने का मार्गदर्शन प्राप्त होता है. आयोजक रामबाबू झालानी ने बताया कि तीन दिवसीय इस कथा के आयोजन में रविवार को मायरा भरा जाएगा. इसके तहत एक साथ लगभग 100 सदस्य मायरे में दिए जाने वाले सामान को अपने सिर पर लेकर बैंड बाजे के साथ धूमधाम से मायरा भरेंगे. इस दौरान नकद राशि से लेकर सोने की मोहरे, सिक्के भी मायरे में भरे जाएंगे.

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