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काशी की पंचकोसी यात्रा बनी विदेशी मेहमानों की पहली पसंद, जानिए क्या हैं इसके मायने, और कहां से होती है शुरुआत

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 10, 2024, 10:40 AM IST

वाराणसी में पंचकोसी यात्रा का खासा महत्व (Varanasi Panchkosi Yatra) है. स्थानीय लोगों के अलावा विदेशी भी इसमें रुचि दिखाने लगे हैं. वे बुकिंग कराकर पंचकोसी यात्रा में शामिल हो रहे हैं.

पंचकोसी यात्रा में विदेशी भी रुचि दिखाने लगे हैं.
पंचकोसी यात्रा में विदेशी भी रुचि दिखाने लगे हैं.
पंचकोसी यात्रा में विदेशी भी रुचि दिखाने लगे हैं.

वाराणसी : पंचकोसी यात्रा सनातन धर्म की महत्वपूर्ण यात्राओं में से एक है. इसे काफी संख्या में महिलाओं द्वारा पूरा किया जाता है. बड़ी बात यह है कि अब विदेशी मेहमानों को भी ये यात्रा पसंद आने लगी है. परिणाम है कि बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक इसके लिए जानकारी कर रहे हैं. वे बाकायदा बुकिंग भी करा रहे हैं.

जब से बनारस में श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनकर तैयार हुआ है यहां पर बड़ी संख्या में पर्यटकों का आना हो रहा है. न सिर्फ घरेलू बल्कि विदेशी पर्यटक भी यहां पर आ रहे हैं. इसको देखते हुए वाराणसी का पर्यटन कारोबार में भी उछाल आया है. पर्यटन विभाग इनके लिए घूमने की व्यवस्था करा रहा है.

पंचकोसी यात्रा का विदेशियों में बढ़ा क्रेज : स्प्रिचुअल टूर ऑपरेटर संतोष सिंह बताते हैं कि पंचकोसी यात्रा अभी तक सिर्फ हिन्दू धर्म में एक महीने के लिए होती थी, जिसमें गांव की लोकल महिलाएं पांच दिन का टूर करती थीं. इससे लोग इतना प्रभावित हुए कि अब विदेशों से भी इन्क्वायरी आनी शुरू हो गई है. हम लोग के पास पांच दिन के लिए बुकिंग नहीं आ रही है, बल्कि एक दिन में ही पांचों जगहों को हम घुमा रहे हैं. यह इस समय बहुत ही पॉपुलर है. संतोष सिंह बताते हैं कि विदेशी पर्यटकों के पास जब एक दिन, दो दिन का समय बचता है तो वे पंचकोसी परिक्रमा की जानकारी करने लगते हैं. हमारे पास लगभग 40 से 50 क्वैरी रोजाना आ रहीं हैं. अन्य एजेंट के पास भी ऐसी ही क्वेरीज आती हैं. वाराणसी में अधिकतम संख्या में विदेशी पर्यटक 4 से 5 दिन-रात के लिए बुकिंग करा रहे हैं.

एक दिन में पांचों स्थानों का कराया जाता है भ्रमण : संतोष सिंह ने बताया कि बनारस में पंचकोसी यात्रा को लेकर काफी जागरूकता है. घरेलू पर्यटकों की संख्या भी इस यात्रा को करने के लिए बढ़ी है. लोग यहां पर पड़ने वाले सभी मंदिरों को देखना चाहते हैं. ऐसे में बनारस का पर्यटन कारोबार भी काफी तेजी से बढ़ रहा है. इसको देखते हुए हमने टूरिस्ट पैकेज तैयार किया है. एक दिन में पांचों जगहों पर घुमाने की सुविधा प्रदान की जाती है.

क्या होती है पंचकोसी यात्रा : पंचकोशी परिक्रमा बनारस में ही की जाती है. पंचकोसी और चौदह कोसी परिक्रमाएं अयोध्या में की जाती हैं. बनारस में होने वाली पंचकोसी परिक्रमा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पास ज्ञानवापी से संकल्प लेने के बाद शुरू की जाती है. इस यात्रा को शुरू करने वाले श्रद्धालु अपनी संजोली में कूप का जल लेकर चलते हैं. पंचकोसी यात्रा की मुख्य शुरुआत मणिकर्णिका घाट से शुरू होती है. इसके बाद इसका समापन भी यहीं पर किया जाता है. बता दें कि पंचकोसी यात्रा में पांच पड़ाव हैं. इस यात्रा को पूरा करने के लिए इन मंदिरों से होकर गुजरना पड़ता है. इस यात्रा में श्रद्धालुओं को करीब 50 मील की दूरी तय करनी होती है. पंचकोसी यात्रा के दौरान दाहिनी तरफ छोटे-छोटे लाल रंग के मंदिर देखने को मिलते हैं. इन मंदिरों पर उनका नाम और क्रमांक भी अंकित होता है. इसके साथ ही पांचों पड़ावों पर पांच बड़े मंदिर हैं. ये मंदिर आस्था का केंद्र माने जाते हैं.

इन स्थानों पर होती है पंचकोसी यात्रा : पंचकोसी यात्रा उज्जैन और वाराणसी दोनों धार्मिक स्थलों पर की जाती है. वाराणसी में पंचकोसी यात्रा माघ महीने में की जाती है. सनातन धर्म में बताया गया है कि मृत्यु के बाद मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार करने से मृत व्यक्ति की आत्मा को मोक्ष मिलता है. इसी घाट से ही पंचकोसी यात्रा की शुरुआत की जाती है. यहां से श्रद्धालु कर्दमेश्वर पहुंचते हैं, जहां से कुछ देर विश्राम करने के बाद भीम चंडी पहुंचते हैं. बता दें कि कर्दमेश्वर से भीम चंडी की दूरी लगभग 14 किलोमीटर है. पंचकोसी यात्रा का यह दूसरा पड़ाव है. भीम पहुंचने के दौरान करीब 7 कोस की दूरी श्रद्धालुओं द्वारा तय की जाती है. इसमें रामेश्वर से शिवपुर और शिवपुर से कपिलधारा की यात्रा की जाती है. कपिलधारा से इस यात्रा का अंतिम पड़ाव शुरू होता है. यहीं से ही दोबारा मणिकर्णिका घाट की यात्रा की जाती है. काशी के मणिकर्णिका घाट पर पहुंचने के बाद पंचकोसी यात्रा का समापन होता है. इस पूरी यात्रा के दौरान अलग-अलग मंदिरों से होकर श्रद्धालु गुजरते हैं.

बनारस में बढ़ी विदेशी पर्यटकों की संख्या : बता दें कि यूपी में आने वाले पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है. दो दिसंबर 2023 तक यहां पांच करोड़ 38 लाख से अधिक पर्यटक पहुंचे. इसमें भारतीय पर्यटकों की संख्या 5 करोड़ 37 लाख 87 हजार के आसपास रही तो विदेशी पर्यटकों की संख्या 13 हजार 700 से अधिक रही. बता दें कि 2023 में विदेशी पर्यटक 13,777 , 2018 में 3,48, 970 , 2019 में 3,50,000 , 2020 में 1,06,189 , 2021 में विदेशी पर्यटक 2566 बनारस पहुंचे हैं.

यह भी पढ़ें : क्या है रामनगरिया मेले का महत्व, कल्पवास के क्या हैं नियम, एक महीने तक किन चीजों का रहता है निषेध, पढ़िए डिटेल

पंचकोसी यात्रा में विदेशी भी रुचि दिखाने लगे हैं.

वाराणसी : पंचकोसी यात्रा सनातन धर्म की महत्वपूर्ण यात्राओं में से एक है. इसे काफी संख्या में महिलाओं द्वारा पूरा किया जाता है. बड़ी बात यह है कि अब विदेशी मेहमानों को भी ये यात्रा पसंद आने लगी है. परिणाम है कि बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक इसके लिए जानकारी कर रहे हैं. वे बाकायदा बुकिंग भी करा रहे हैं.

जब से बनारस में श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनकर तैयार हुआ है यहां पर बड़ी संख्या में पर्यटकों का आना हो रहा है. न सिर्फ घरेलू बल्कि विदेशी पर्यटक भी यहां पर आ रहे हैं. इसको देखते हुए वाराणसी का पर्यटन कारोबार में भी उछाल आया है. पर्यटन विभाग इनके लिए घूमने की व्यवस्था करा रहा है.

पंचकोसी यात्रा का विदेशियों में बढ़ा क्रेज : स्प्रिचुअल टूर ऑपरेटर संतोष सिंह बताते हैं कि पंचकोसी यात्रा अभी तक सिर्फ हिन्दू धर्म में एक महीने के लिए होती थी, जिसमें गांव की लोकल महिलाएं पांच दिन का टूर करती थीं. इससे लोग इतना प्रभावित हुए कि अब विदेशों से भी इन्क्वायरी आनी शुरू हो गई है. हम लोग के पास पांच दिन के लिए बुकिंग नहीं आ रही है, बल्कि एक दिन में ही पांचों जगहों को हम घुमा रहे हैं. यह इस समय बहुत ही पॉपुलर है. संतोष सिंह बताते हैं कि विदेशी पर्यटकों के पास जब एक दिन, दो दिन का समय बचता है तो वे पंचकोसी परिक्रमा की जानकारी करने लगते हैं. हमारे पास लगभग 40 से 50 क्वैरी रोजाना आ रहीं हैं. अन्य एजेंट के पास भी ऐसी ही क्वेरीज आती हैं. वाराणसी में अधिकतम संख्या में विदेशी पर्यटक 4 से 5 दिन-रात के लिए बुकिंग करा रहे हैं.

एक दिन में पांचों स्थानों का कराया जाता है भ्रमण : संतोष सिंह ने बताया कि बनारस में पंचकोसी यात्रा को लेकर काफी जागरूकता है. घरेलू पर्यटकों की संख्या भी इस यात्रा को करने के लिए बढ़ी है. लोग यहां पर पड़ने वाले सभी मंदिरों को देखना चाहते हैं. ऐसे में बनारस का पर्यटन कारोबार भी काफी तेजी से बढ़ रहा है. इसको देखते हुए हमने टूरिस्ट पैकेज तैयार किया है. एक दिन में पांचों जगहों पर घुमाने की सुविधा प्रदान की जाती है.

क्या होती है पंचकोसी यात्रा : पंचकोशी परिक्रमा बनारस में ही की जाती है. पंचकोसी और चौदह कोसी परिक्रमाएं अयोध्या में की जाती हैं. बनारस में होने वाली पंचकोसी परिक्रमा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पास ज्ञानवापी से संकल्प लेने के बाद शुरू की जाती है. इस यात्रा को शुरू करने वाले श्रद्धालु अपनी संजोली में कूप का जल लेकर चलते हैं. पंचकोसी यात्रा की मुख्य शुरुआत मणिकर्णिका घाट से शुरू होती है. इसके बाद इसका समापन भी यहीं पर किया जाता है. बता दें कि पंचकोसी यात्रा में पांच पड़ाव हैं. इस यात्रा को पूरा करने के लिए इन मंदिरों से होकर गुजरना पड़ता है. इस यात्रा में श्रद्धालुओं को करीब 50 मील की दूरी तय करनी होती है. पंचकोसी यात्रा के दौरान दाहिनी तरफ छोटे-छोटे लाल रंग के मंदिर देखने को मिलते हैं. इन मंदिरों पर उनका नाम और क्रमांक भी अंकित होता है. इसके साथ ही पांचों पड़ावों पर पांच बड़े मंदिर हैं. ये मंदिर आस्था का केंद्र माने जाते हैं.

इन स्थानों पर होती है पंचकोसी यात्रा : पंचकोसी यात्रा उज्जैन और वाराणसी दोनों धार्मिक स्थलों पर की जाती है. वाराणसी में पंचकोसी यात्रा माघ महीने में की जाती है. सनातन धर्म में बताया गया है कि मृत्यु के बाद मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार करने से मृत व्यक्ति की आत्मा को मोक्ष मिलता है. इसी घाट से ही पंचकोसी यात्रा की शुरुआत की जाती है. यहां से श्रद्धालु कर्दमेश्वर पहुंचते हैं, जहां से कुछ देर विश्राम करने के बाद भीम चंडी पहुंचते हैं. बता दें कि कर्दमेश्वर से भीम चंडी की दूरी लगभग 14 किलोमीटर है. पंचकोसी यात्रा का यह दूसरा पड़ाव है. भीम पहुंचने के दौरान करीब 7 कोस की दूरी श्रद्धालुओं द्वारा तय की जाती है. इसमें रामेश्वर से शिवपुर और शिवपुर से कपिलधारा की यात्रा की जाती है. कपिलधारा से इस यात्रा का अंतिम पड़ाव शुरू होता है. यहीं से ही दोबारा मणिकर्णिका घाट की यात्रा की जाती है. काशी के मणिकर्णिका घाट पर पहुंचने के बाद पंचकोसी यात्रा का समापन होता है. इस पूरी यात्रा के दौरान अलग-अलग मंदिरों से होकर श्रद्धालु गुजरते हैं.

बनारस में बढ़ी विदेशी पर्यटकों की संख्या : बता दें कि यूपी में आने वाले पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है. दो दिसंबर 2023 तक यहां पांच करोड़ 38 लाख से अधिक पर्यटक पहुंचे. इसमें भारतीय पर्यटकों की संख्या 5 करोड़ 37 लाख 87 हजार के आसपास रही तो विदेशी पर्यटकों की संख्या 13 हजार 700 से अधिक रही. बता दें कि 2023 में विदेशी पर्यटक 13,777 , 2018 में 3,48, 970 , 2019 में 3,50,000 , 2020 में 1,06,189 , 2021 में विदेशी पर्यटक 2566 बनारस पहुंचे हैं.

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