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कार्तिक पूर्णिमा 2024, रायपुर के महादेव घाट पर पुन्नी मेला की तैयारियां - KARTIK PURNIMA 2024

राजधानी रायपुर के खारुन नदी के तट पर तीन दिवसीय पुन्नी मेले के आयोजन की तैयारियां जोरो पर है.

Kartik Purnima 2024
कार्तिक पूर्णिमा 2024 (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 14, 2024, 7:17 PM IST

रायपुर : राजधानी रायपुर के खारुन नदी तट पर महादेव घाट का मंदिर है, जहां स्वयंभू शिवलिंग है. महादेव का यह धाम हटकेश्वरनाथ मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है. हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन यहां भव्य पुन्नी मेले का आयोजन किया जाता है. इस साल भी तीन दिवसीय पुन्नी मेले का आयोजन हो रहा है, जिसकी तैयारियां पूरी कर ली गई है.

महादेव घाट में पुन्नी मेले का इतिहास : रायपुर के महादेव घाट में पुन्नी मेले का आयोजन लगभग 200 वर्षों से किया जा रहा है. हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन खारुन नहीं के इस तट पर पुन्नी मेले का आयोजन किया जाता है. यहां रायपुर सहित आसपास के कई जिलों से श्रद्धालु आते हैं. कार्तिक पूर्णिमा की सुबह 3:00 या 4:00 बजे से श्रद्धालु खारुन नदी के तट पर पहुंचे हैं. फिर स्नान करने के बाद बाबा हटकेश्वरनाथ के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचते हैं, जहां महादेव जी को जल अर्पित कर पुण्य कमाते हैं.

महादेव घाट पर पुन्नी मेला की तैयारियां पूरी (ETV Bharat)

पुन्नी मेला ऐतिहासिक और प्राचीन मेला है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान और दान का काफी महत्व माना गया है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन हजारों श्रद्धालु नदी में डुबकी लगाकर पुण्य प्राप्त करते हैं. यहां महादेव घाट में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर तीन दिनों का मेला लगता है. : अंकित तिवारी, श्रद्धालु

पुन्नी मेले के लिए सज रही दुकानें : इस साल 15 नवम्बर से 17 नवंबर तक 3 दिवसीय पुन्नी मेले का आयोजन हो रहा है. महादेव घाट के पुन्नी मेले में रायपुर सहित दूसरे जिले से आए दुकानदारों की लगभग 150 दुकानें सज रही हैं. बच्चों के लिए मीना बाजार भी सज संवर रहा है. यहां कई तरह के झूले भी लगाए जा रहे हैं. इसके साथ ही इस बार मेले में सरकार की तरफ से सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जा रहा है.

तीन दिनों तक पुन्नी मेले में लोगों का जबरदस्त उत्साह देखने को मिलता है. मेले में मिठाई दुकान के साथ ही बच्चों के लिए खिलौने सहित मीना बाजार भी लगता है. यहां अलग अलग तरह के झूले लगते हैं. रायपुर के साथ ही प्रदेश के कई जिलों के लोग पुन्नी मेले में में जरूर पहुंचते हैं. इस साल पुन्नी मेला में हम दुकानदारों को अच्छी ग्राहकी की उम्मीद है. सामान्य दिनों में दुकानों में ग्राहकी नहीं रहती है. : बसंत अग्रवाल, दुकानदार

सुविधाओं की कमी से श्रद्धालुओं में नाराजगी : महादेव घाट पर दुकान लगाने वाले पप्पू अहमद ने बताया कि पुन्नी मेले में सुविधाओं की कुछ कमी है. जैसे शौचालय की कमी है. कई बार भीड़ अधिक होने की वजह से मीना बाजार में धक्का मुक्की होने के साथ ही चेन स्नेचिंग जैसी घटनाएं भी होती है. पुलिस के द्वारा सुरक्षा व्यवस्था लगाई जाती है, लेकिन भीड़ के मुकाबले सुरक्षा व्यवस्था भी कम पड़ जाती है.

भक्त नदी में स्नान करते हैं, उसके बाद उनके कपड़े बदलने की कोई जगह होनी चाहिए, जो यहां पर नहीं है. शौचालय की भी कमी है. भीड़ के मुकाबले सुरक्षा व्यवस्था कम पड़ती है. : पप्पू अहमद, दुकानदार

"कार्तिक पूर्णिमा के दिन होता है हरिहर का मिलन" : हटकेश्वरनाथ धाम के पुजारी पंडित सुरेश गिरी गोस्वामी ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन हरिहर का मिलन होता है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन अलग अलग क्षेत्र और प्रांत में भगवान भोलेनाथ की अलग अलग विधि से पूजा आराधना की जाती है. कुंवारी कन्या अगर कार्तिक पूर्णिमा के दिन प्रातकाल नदी में स्नान करके पूरी विधि विधान से भगवान भोलेनाथ पूजा आराधना करती है तो उसे अच्छे वर की प्राप्ति होती है.

शिव के आराध्य नारायण हैं और नारायण के आराध्य शिव हैं. दोनों जब मिलते हैं तो महाशक्ति प्रज्वलित होती है, जिसके बाद से ही देश दुनिया में शुभ कार्य की शुरुआत होती है. इस समय भगवान शिव और नारायण को तुलसी की मंजरी और कमल फूल चढ़ाते हैं तो यह सीधे भगवान शिव और नारायण को प्राप्त होता है. : पंडित सुरेश गिरी गोस्वामी, पुजारी, हटकेश्वरनाथ धाम

कब है कार्तिक पूर्णिमा : कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान और दान का काफी महत्व माना गया है. इस साल कार्तिक पूर्णिमा 15 नवम्बर 2024 यानी शुक्रवार के दिन है. शुक्रवार सुबह से ही श्रद्धालु रायपुर के खारुन नदी तट पर स्थित महादेव घाट में जुटेंगे. यहां खारुन नदी में स्नान कर श्रद्धालु बाबा हटकेश्वर नाथ को जल अर्पित करेंगे और पुण्य कमाएंगे.

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रायपुर : राजधानी रायपुर के खारुन नदी तट पर महादेव घाट का मंदिर है, जहां स्वयंभू शिवलिंग है. महादेव का यह धाम हटकेश्वरनाथ मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है. हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन यहां भव्य पुन्नी मेले का आयोजन किया जाता है. इस साल भी तीन दिवसीय पुन्नी मेले का आयोजन हो रहा है, जिसकी तैयारियां पूरी कर ली गई है.

महादेव घाट में पुन्नी मेले का इतिहास : रायपुर के महादेव घाट में पुन्नी मेले का आयोजन लगभग 200 वर्षों से किया जा रहा है. हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन खारुन नहीं के इस तट पर पुन्नी मेले का आयोजन किया जाता है. यहां रायपुर सहित आसपास के कई जिलों से श्रद्धालु आते हैं. कार्तिक पूर्णिमा की सुबह 3:00 या 4:00 बजे से श्रद्धालु खारुन नदी के तट पर पहुंचे हैं. फिर स्नान करने के बाद बाबा हटकेश्वरनाथ के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचते हैं, जहां महादेव जी को जल अर्पित कर पुण्य कमाते हैं.

महादेव घाट पर पुन्नी मेला की तैयारियां पूरी (ETV Bharat)

पुन्नी मेला ऐतिहासिक और प्राचीन मेला है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान और दान का काफी महत्व माना गया है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन हजारों श्रद्धालु नदी में डुबकी लगाकर पुण्य प्राप्त करते हैं. यहां महादेव घाट में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर तीन दिनों का मेला लगता है. : अंकित तिवारी, श्रद्धालु

पुन्नी मेले के लिए सज रही दुकानें : इस साल 15 नवम्बर से 17 नवंबर तक 3 दिवसीय पुन्नी मेले का आयोजन हो रहा है. महादेव घाट के पुन्नी मेले में रायपुर सहित दूसरे जिले से आए दुकानदारों की लगभग 150 दुकानें सज रही हैं. बच्चों के लिए मीना बाजार भी सज संवर रहा है. यहां कई तरह के झूले भी लगाए जा रहे हैं. इसके साथ ही इस बार मेले में सरकार की तरफ से सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जा रहा है.

तीन दिनों तक पुन्नी मेले में लोगों का जबरदस्त उत्साह देखने को मिलता है. मेले में मिठाई दुकान के साथ ही बच्चों के लिए खिलौने सहित मीना बाजार भी लगता है. यहां अलग अलग तरह के झूले लगते हैं. रायपुर के साथ ही प्रदेश के कई जिलों के लोग पुन्नी मेले में में जरूर पहुंचते हैं. इस साल पुन्नी मेला में हम दुकानदारों को अच्छी ग्राहकी की उम्मीद है. सामान्य दिनों में दुकानों में ग्राहकी नहीं रहती है. : बसंत अग्रवाल, दुकानदार

सुविधाओं की कमी से श्रद्धालुओं में नाराजगी : महादेव घाट पर दुकान लगाने वाले पप्पू अहमद ने बताया कि पुन्नी मेले में सुविधाओं की कुछ कमी है. जैसे शौचालय की कमी है. कई बार भीड़ अधिक होने की वजह से मीना बाजार में धक्का मुक्की होने के साथ ही चेन स्नेचिंग जैसी घटनाएं भी होती है. पुलिस के द्वारा सुरक्षा व्यवस्था लगाई जाती है, लेकिन भीड़ के मुकाबले सुरक्षा व्यवस्था भी कम पड़ जाती है.

भक्त नदी में स्नान करते हैं, उसके बाद उनके कपड़े बदलने की कोई जगह होनी चाहिए, जो यहां पर नहीं है. शौचालय की भी कमी है. भीड़ के मुकाबले सुरक्षा व्यवस्था कम पड़ती है. : पप्पू अहमद, दुकानदार

"कार्तिक पूर्णिमा के दिन होता है हरिहर का मिलन" : हटकेश्वरनाथ धाम के पुजारी पंडित सुरेश गिरी गोस्वामी ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन हरिहर का मिलन होता है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन अलग अलग क्षेत्र और प्रांत में भगवान भोलेनाथ की अलग अलग विधि से पूजा आराधना की जाती है. कुंवारी कन्या अगर कार्तिक पूर्णिमा के दिन प्रातकाल नदी में स्नान करके पूरी विधि विधान से भगवान भोलेनाथ पूजा आराधना करती है तो उसे अच्छे वर की प्राप्ति होती है.

शिव के आराध्य नारायण हैं और नारायण के आराध्य शिव हैं. दोनों जब मिलते हैं तो महाशक्ति प्रज्वलित होती है, जिसके बाद से ही देश दुनिया में शुभ कार्य की शुरुआत होती है. इस समय भगवान शिव और नारायण को तुलसी की मंजरी और कमल फूल चढ़ाते हैं तो यह सीधे भगवान शिव और नारायण को प्राप्त होता है. : पंडित सुरेश गिरी गोस्वामी, पुजारी, हटकेश्वरनाथ धाम

कब है कार्तिक पूर्णिमा : कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान और दान का काफी महत्व माना गया है. इस साल कार्तिक पूर्णिमा 15 नवम्बर 2024 यानी शुक्रवार के दिन है. शुक्रवार सुबह से ही श्रद्धालु रायपुर के खारुन नदी तट पर स्थित महादेव घाट में जुटेंगे. यहां खारुन नदी में स्नान कर श्रद्धालु बाबा हटकेश्वर नाथ को जल अर्पित करेंगे और पुण्य कमाएंगे.

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