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कर्नाटक में राजस्थान मूल के सांसद पर गरमाई राजनीति, X पर मचा भूचाल - Karnataka Land Deal Issue

Karnataka Controversy, कर्नाटक में खड़गे परिवार से जुड़ी एक लैंड डील को लेकर जमीनी राजनीति सोशल मीडिया पर भी गर्माने लगी है. इस मामले में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे ने भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद लहर सिंह सिरोया पर आरोप लगाए, तो सिरोया ने भी खड़गे पर राजस्थानी के रूप में निशाना बनाए जाने का आरोप लगाया.

MP LAHAR SINGH and PRIYANK KHARGE
सांसद लहर सिंह और प्रियांक खड़गे (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 28, 2024, 8:43 PM IST

जयपुर: कर्नाटक से राज्यसभा सांसद लहर सिंह सिरोया के हालिया राजनीतिक आरोप के बाद सोशल मीडिया पर राजनीतिक गर्माने लगी है. खड़गे परिवार पर भूमि घोटाले का आरोप लगाते हुए सांसद सिरोया चर्चा में आए थे. उसके बाद बयानबाजी का दौर शुरू हो गया था और खड़गे परिवार ने भी उन पर पलटवार किया था. इन आरोपों के जवाब में सांसद लहर सिंह ने आरोप लगाया कि उन्हें राजस्थानी के रूप में टार्गेट किया गया है.

सांसद लहर सिंह ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि खड़गे जूनियर और उनके दोस्तों ने मुझे कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (KIADB) की भूमि डील पर सवाल उठाने के लिए एक राजस्थानी के रूप में निशाना बनाया. मैं पूछना चाहता हूं कि क्या सोनिया गांधी झुंझुनू में पैदा हुई थीं, ताकि उन्हें राजस्थान से राज्यसभा सांसद बनाया जा सके ? क्या केसी वेणुगोपाल का जन्म सीकर में हुआ था और रणदीप सुरजेवाला का जन्म चूरू में हुआ था, ताकि उन्हें राजस्थान से राज्यसभा टिकट दिया जा सके ? क्या राजस्थानी होना कोई अपराध है ? मुझे उम्मीद है कि इन लोगों को पता है कि राजस्थान पाकिस्तान में नहीं है. वैसे, नेहरू परिवार उत्तर प्रदेश से है या कश्मीर से ? लहर सिंह यही नहीं रुके, उन्होंने कहा कि मैं कर्नाटक में 59 सालों तक रहा और काम किया है. मैं कन्नड़ बोलता, पढ़ता और लिखता हूं.

पढ़ें : मुडा जमीन आवंटन मामला: सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की राज्यपाल से इजाजत - Prosecution Against CM Siddaramaiah

मैं कर्नाटक बीजेपी का कोषाध्यक्ष रहा हूं और मैंने अपनी पार्टी की सेवा की है. एमएलसी और सांसद बनने के लिए मैं किसी राजनीतिक वंश से नहीं आया, जैसे कि राहुल गांधी या खड़गे जूनियर. मुझे गर्व है कि मैं 'कोई नहीं' हूं. उन्होंने कहा कि खड़गे जूनियर को पत्थर फेंकने से पहले ये जान लेना चाहिए कि वे शीशे के घर में हैं. उन्हें पता होना चाहिए कि मैं उनके पिता से केवल 6 साल छोटा हूं और उनसे कहीं ज्यादा समय से यहां हूं. मेरे अनुभव ने मुझे उनकी कथित शिक्षा से अधिक सिखाया है.

प्रियांक खड़गे ने भी दिया जवाब : सांसद लहर सिंह के आरोपों का कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियांक खड़गे ने भी सोशल मीडिया पर जवाब दिया. उन्होंने लिखा कि कृपया एक उदाहरण बताएं, जहां मैंने व्यक्तिगत रूप से आपका या आपकी राजस्थानी पृष्ठभूमि का उल्लेख किया हो. अपने "आरोपों" का बचाव करने में असमर्थ होकर और गलतफहमी में फंसकर, आप ऐसी निराधार बातों का सहारा ले रहे हैं. खड़गे ने कहा कि कृपया मेरे बयानों के बारे में गलत जानकारी फैलाना बंद करें.

उन्होंने कहा कि मुझे लगा था कि आप एक परिपक्व नेता हैं, लेकिन शायद मैं गलत था. आपके पास सीबीआई, आयकर विभाग, ईडी और राज्यपाल का समर्थन हो सकता है, लेकिन हमारे पास संविधान और कानून का समर्थन है. वैसे, आपने नैतिकता का जिक्र किया. आपके नेता के पॉक्सो केस पर आपके क्या विचार हैं ? क्या इससे आपकी पार्टी की नैतिकता पर असर नहीं पड़ता या फिर आपको बीजेपी में गंभीर नेतृत्व समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए हमें निशाना बनाने की सलाह दी जा रही है ?

घनश्याम तिवाड़ी भी कूदे विवाद में : भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद लहर सिंह से जुड़े विवाद के बाद राजस्थान से राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने भी सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट किया. उन्होंने लिखा कि एक आरटीआई ऐक्टिविस्ट से प्राप्त की गई सूचना में कर्नाटक राज्य में कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड की कथित डील में खड़गे परिवार की संचालित ट्रस्ट को जमीन आवंटित होने के प्रकरण में कर्नाटक के एक मंत्री की ओर से भारतीय जनता पार्टी के माननीय राज्यसभा सांसद लहर सिंह को राजस्थानी सम्बोधित करना निंदनीय है.

तिवाड़ी बोले कि यह देश एक है और हम सब केवल भारतीय हैं. देश के किसी भी राज्य का निवासी राज्यसभा के लिए निर्वाचन हेतु योग्य होता है. पूर्व में जिस राज्य के निवासी होते थे, वे उसी राज्य से राज्यसभा का चुनाव लड़ सकते थे. इसके बाद कांग्रेस ने ही संशोधन किया और उस राज्य के वोटर होना अनिवार्य किया. उन्होंने बताया कि मनमोहन सिंह के कार्यकाल में यह संशोधन किया गया कि देश के किसी भी राज्य का निवासी, किसी भी राज्य से राज्यसभा के लिए चुनाव लड़ सकता है.

यह है पूरा मामला : सांसद लाहर सिंह सिरोया ने हाल में यह सवाल उठाया था कि 5 एकड़ का पार्सल एयरोस्पेस पार्क में नागरिक सुविधाएं स्थापित करने के लिए निर्धारित 45.94 एकड़ का हिस्सा था, जिसे अनुसूचित जाति कोटा के तहत आवंटित किया जाना था, लेकिन उसे राहुल-खड़गे की अध्यक्षता वाले ट्रस्ट को कैसे दे दिया गया ?

जयपुर: कर्नाटक से राज्यसभा सांसद लहर सिंह सिरोया के हालिया राजनीतिक आरोप के बाद सोशल मीडिया पर राजनीतिक गर्माने लगी है. खड़गे परिवार पर भूमि घोटाले का आरोप लगाते हुए सांसद सिरोया चर्चा में आए थे. उसके बाद बयानबाजी का दौर शुरू हो गया था और खड़गे परिवार ने भी उन पर पलटवार किया था. इन आरोपों के जवाब में सांसद लहर सिंह ने आरोप लगाया कि उन्हें राजस्थानी के रूप में टार्गेट किया गया है.

सांसद लहर सिंह ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि खड़गे जूनियर और उनके दोस्तों ने मुझे कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (KIADB) की भूमि डील पर सवाल उठाने के लिए एक राजस्थानी के रूप में निशाना बनाया. मैं पूछना चाहता हूं कि क्या सोनिया गांधी झुंझुनू में पैदा हुई थीं, ताकि उन्हें राजस्थान से राज्यसभा सांसद बनाया जा सके ? क्या केसी वेणुगोपाल का जन्म सीकर में हुआ था और रणदीप सुरजेवाला का जन्म चूरू में हुआ था, ताकि उन्हें राजस्थान से राज्यसभा टिकट दिया जा सके ? क्या राजस्थानी होना कोई अपराध है ? मुझे उम्मीद है कि इन लोगों को पता है कि राजस्थान पाकिस्तान में नहीं है. वैसे, नेहरू परिवार उत्तर प्रदेश से है या कश्मीर से ? लहर सिंह यही नहीं रुके, उन्होंने कहा कि मैं कर्नाटक में 59 सालों तक रहा और काम किया है. मैं कन्नड़ बोलता, पढ़ता और लिखता हूं.

पढ़ें : मुडा जमीन आवंटन मामला: सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की राज्यपाल से इजाजत - Prosecution Against CM Siddaramaiah

मैं कर्नाटक बीजेपी का कोषाध्यक्ष रहा हूं और मैंने अपनी पार्टी की सेवा की है. एमएलसी और सांसद बनने के लिए मैं किसी राजनीतिक वंश से नहीं आया, जैसे कि राहुल गांधी या खड़गे जूनियर. मुझे गर्व है कि मैं 'कोई नहीं' हूं. उन्होंने कहा कि खड़गे जूनियर को पत्थर फेंकने से पहले ये जान लेना चाहिए कि वे शीशे के घर में हैं. उन्हें पता होना चाहिए कि मैं उनके पिता से केवल 6 साल छोटा हूं और उनसे कहीं ज्यादा समय से यहां हूं. मेरे अनुभव ने मुझे उनकी कथित शिक्षा से अधिक सिखाया है.

प्रियांक खड़गे ने भी दिया जवाब : सांसद लहर सिंह के आरोपों का कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियांक खड़गे ने भी सोशल मीडिया पर जवाब दिया. उन्होंने लिखा कि कृपया एक उदाहरण बताएं, जहां मैंने व्यक्तिगत रूप से आपका या आपकी राजस्थानी पृष्ठभूमि का उल्लेख किया हो. अपने "आरोपों" का बचाव करने में असमर्थ होकर और गलतफहमी में फंसकर, आप ऐसी निराधार बातों का सहारा ले रहे हैं. खड़गे ने कहा कि कृपया मेरे बयानों के बारे में गलत जानकारी फैलाना बंद करें.

उन्होंने कहा कि मुझे लगा था कि आप एक परिपक्व नेता हैं, लेकिन शायद मैं गलत था. आपके पास सीबीआई, आयकर विभाग, ईडी और राज्यपाल का समर्थन हो सकता है, लेकिन हमारे पास संविधान और कानून का समर्थन है. वैसे, आपने नैतिकता का जिक्र किया. आपके नेता के पॉक्सो केस पर आपके क्या विचार हैं ? क्या इससे आपकी पार्टी की नैतिकता पर असर नहीं पड़ता या फिर आपको बीजेपी में गंभीर नेतृत्व समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए हमें निशाना बनाने की सलाह दी जा रही है ?

घनश्याम तिवाड़ी भी कूदे विवाद में : भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद लहर सिंह से जुड़े विवाद के बाद राजस्थान से राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने भी सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट किया. उन्होंने लिखा कि एक आरटीआई ऐक्टिविस्ट से प्राप्त की गई सूचना में कर्नाटक राज्य में कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड की कथित डील में खड़गे परिवार की संचालित ट्रस्ट को जमीन आवंटित होने के प्रकरण में कर्नाटक के एक मंत्री की ओर से भारतीय जनता पार्टी के माननीय राज्यसभा सांसद लहर सिंह को राजस्थानी सम्बोधित करना निंदनीय है.

तिवाड़ी बोले कि यह देश एक है और हम सब केवल भारतीय हैं. देश के किसी भी राज्य का निवासी राज्यसभा के लिए निर्वाचन हेतु योग्य होता है. पूर्व में जिस राज्य के निवासी होते थे, वे उसी राज्य से राज्यसभा का चुनाव लड़ सकते थे. इसके बाद कांग्रेस ने ही संशोधन किया और उस राज्य के वोटर होना अनिवार्य किया. उन्होंने बताया कि मनमोहन सिंह के कार्यकाल में यह संशोधन किया गया कि देश के किसी भी राज्य का निवासी, किसी भी राज्य से राज्यसभा के लिए चुनाव लड़ सकता है.

यह है पूरा मामला : सांसद लाहर सिंह सिरोया ने हाल में यह सवाल उठाया था कि 5 एकड़ का पार्सल एयरोस्पेस पार्क में नागरिक सुविधाएं स्थापित करने के लिए निर्धारित 45.94 एकड़ का हिस्सा था, जिसे अनुसूचित जाति कोटा के तहत आवंटित किया जाना था, लेकिन उसे राहुल-खड़गे की अध्यक्षता वाले ट्रस्ट को कैसे दे दिया गया ?

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