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करनाल स्कूल में मिड डे मील कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही, पैकेट वाला एक्सपायरी दूध पीने के बाद बिगड़ी बच्चों की तबीयत - karnal school mid day meal issue

Karnal School Mid Day Meal Issue: करनाल के एक सरकारी स्कूल में बच्चों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने और लापरवाही का मामला सामने आया है. स्कूल पर मिड-डे-मील में जानबूझकर बच्चों को एक्सपायरी डेट वाले पैकेट फूड और दूध देने का आरोप लगा है.

Karnal School Mid Day Meal Issue
Karnal School Mid Day Meal Issue (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Aug 24, 2024, 8:11 PM IST

पैकेट वाला एक्सपायरी दूध पीने के बाद बिगड़ी बच्चों की तबीयत (Etv Bharat)

करनाल: हरियाणा के करनाल के बांसों गेट पर राजकीय प्राथमिक पाठशाला स्कूल चलाया जा रहा है. जहां पर पांचवीं कक्षा के बच्चे पढ़ाई करने के लिए आते हैं. यहां पर मिड-डे-मील सुपरवाइजर की बड़ी लापरवाही सामने आई है, या फिर यूं कहें कि जानबूझकर स्कूल के बच्चों को पैकेट वाला एक्सपायरी डेट का दूध दिया जाता है. जो पाउडर फॉर्म में होता है. ये एक्सपायरी डेट वाला दूध उनको काफी ज्यादा मात्रा में दिया जाता है. जिसको लेकर बच्चे स्कूल से घर चले जाते हैं और जैसे ही एक बार बच्चा घर जाकर पाउडर से दूध बनाकर पीता है तो उसको उल्टियां होनी शुरू हो जाती है. दूध की जब डेट चेक की गई तो 17-12-2023 मैन्युफैक्चरिंग में पाई गई थी. इसकी डेट मैन्युफैक्चरिंग से 6 महीने तक की होती है उसके बाद यह एक्सपायर हो जाता है जो पैकेट पर भी लिखा हुआ है.

क्या बोले स्कूल के अधिकारी?: जब इस बारे में शिक्षा विभाग में तैनात DEO विनोद से बात की गई तो तो उन्होंने कहा कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है. आप लोगों के द्वारा जब इस मामले के बारे में बताया गया है, तभी यह मामला मेरे संज्ञान में आया है. अभी तीन-चार दिन की छुट्टी है. छुट्टी के बाद रिपोर्ट लेकर जांच की जाएगी. हालांकि उन्होंने इस बात की पुष्टि की है कि मिड डे मील में कोई भी कच्चा खाद्य पदार्थ बच्चों को खाने में नहीं दिया जाता. अगर दिया गया है तो वह उनकी लापरवाही है. मामला संज्ञान में आ गया है, तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

स्कूल प्रशासन की बड़ी लापरवाही: समाजसेवी राम मेहर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह स्कूल के बाहर एक समाज सेवा का काम करते हैं. एक सेंटर चला रहे हैं जिसमें गरीब बच्चों को फ्री में शिक्षा देने का काम करते हैं. सरकारी स्कूल के बच्चे उनके पास फ्री में ट्यूशन पढ़ने के लिए आते हैं. जो बच्चे के द्वारा उनको बताया गया कि उनको उल्टियां हुई थी. तो उन्होंने पूछा कि क्या वजह थी. जिसके जवाब में बच्चों ने कहा कि उन्होंने दूध पिया था. उसके बाद उल्टियां शुरू हो गई. दूध स्कूल से मिला था. इसके बाद उन्होंने वह दूध चेक किया तो उसकी एक्सपायरी डेट मिला उसके बाद स्कूल से भी संपर्क किया गया. लेकिन उन्होंने उनको कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया उनका साफ तौर पर कहना है कि जिसकी भी इसमें लापरवाही है, उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. यह एक बड़ी लापरवाही है.

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पैकेट वाला एक्सपायरी दूध पीने के बाद बिगड़ी बच्चों की तबीयत (Etv Bharat)

करनाल: हरियाणा के करनाल के बांसों गेट पर राजकीय प्राथमिक पाठशाला स्कूल चलाया जा रहा है. जहां पर पांचवीं कक्षा के बच्चे पढ़ाई करने के लिए आते हैं. यहां पर मिड-डे-मील सुपरवाइजर की बड़ी लापरवाही सामने आई है, या फिर यूं कहें कि जानबूझकर स्कूल के बच्चों को पैकेट वाला एक्सपायरी डेट का दूध दिया जाता है. जो पाउडर फॉर्म में होता है. ये एक्सपायरी डेट वाला दूध उनको काफी ज्यादा मात्रा में दिया जाता है. जिसको लेकर बच्चे स्कूल से घर चले जाते हैं और जैसे ही एक बार बच्चा घर जाकर पाउडर से दूध बनाकर पीता है तो उसको उल्टियां होनी शुरू हो जाती है. दूध की जब डेट चेक की गई तो 17-12-2023 मैन्युफैक्चरिंग में पाई गई थी. इसकी डेट मैन्युफैक्चरिंग से 6 महीने तक की होती है उसके बाद यह एक्सपायर हो जाता है जो पैकेट पर भी लिखा हुआ है.

क्या बोले स्कूल के अधिकारी?: जब इस बारे में शिक्षा विभाग में तैनात DEO विनोद से बात की गई तो तो उन्होंने कहा कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है. आप लोगों के द्वारा जब इस मामले के बारे में बताया गया है, तभी यह मामला मेरे संज्ञान में आया है. अभी तीन-चार दिन की छुट्टी है. छुट्टी के बाद रिपोर्ट लेकर जांच की जाएगी. हालांकि उन्होंने इस बात की पुष्टि की है कि मिड डे मील में कोई भी कच्चा खाद्य पदार्थ बच्चों को खाने में नहीं दिया जाता. अगर दिया गया है तो वह उनकी लापरवाही है. मामला संज्ञान में आ गया है, तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

स्कूल प्रशासन की बड़ी लापरवाही: समाजसेवी राम मेहर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह स्कूल के बाहर एक समाज सेवा का काम करते हैं. एक सेंटर चला रहे हैं जिसमें गरीब बच्चों को फ्री में शिक्षा देने का काम करते हैं. सरकारी स्कूल के बच्चे उनके पास फ्री में ट्यूशन पढ़ने के लिए आते हैं. जो बच्चे के द्वारा उनको बताया गया कि उनको उल्टियां हुई थी. तो उन्होंने पूछा कि क्या वजह थी. जिसके जवाब में बच्चों ने कहा कि उन्होंने दूध पिया था. उसके बाद उल्टियां शुरू हो गई. दूध स्कूल से मिला था. इसके बाद उन्होंने वह दूध चेक किया तो उसकी एक्सपायरी डेट मिला उसके बाद स्कूल से भी संपर्क किया गया. लेकिन उन्होंने उनको कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया उनका साफ तौर पर कहना है कि जिसकी भी इसमें लापरवाही है, उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. यह एक बड़ी लापरवाही है.

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