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करनाल जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल, जगह-जगह लगे गंदगी के ढेर, मरीजों को समय पर नहीं मिल रहा इलाज - KARNAL CIVIL HOSPITAL

Karnal Civil Hospital Is In Bad Condition: करनाल नागरिक अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं चरमराई हुई हैं. देखें ईटीवी भारत की ये रिपोर्ट.

Karnal Civil Hospital Is In Bad Condition
Karnal Civil Hospital Is In Bad Condition (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 16, 2024, 12:40 PM IST

करनाल: 10 साल सीएम सिटी का दर्जा पाने वाले करनाल के नागरिक अस्पताल की हालत खस्ता हो चुकी है. ना अस्पताल में पार्किंग की सुविधा है. ना ही मशीनों की. जिसकी वजह से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा अस्पताल में गंदगी का आलम भी है. सीवर ब्लॉक होने से गंदा पानी अस्पताल परिसर में खड़ा है. इस मामले में जब सीएमओ से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि जल्द ही इसका समाधान किया जाएगा.

करनाल नागरिक अस्पताल में सुविधाओं का अभाव: पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल करीब दस साल हरियाणा के सीएम रहे. उनका गृह जिला करनाल था. हैरानी की बात ये है कि इसके बाद भी यहां स्वास्थ्य सुविधाएं दम तोड़ती नजर आ रही है. करनाल के नागरिक अस्पताल में मरीजों के अल्ट्रासाउंड के लिए उचित व्यवस्था नहीं है. जिसकी वजह से मरीजों को बाहर प्राइवेट अस्पताल में भारी भरकम फीस देकर इलाज करना पड़ता है.

करनाल जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल, जगह-जगह लगे गंदगी के ढेर (Etv Bharat)

समय पर नहीं मिल रहा मरीजों को इलाज: अगर यहां इलाज होता भी है, तो मरीजों को कई-कई दिन तक इंतजार करना पड़ता है. हालत ये है कि नंबर जल्दी लगवाने के लिए मरीज के परिजन रात को ही लाइन बनाना शुरू कर देते हैं. ऐसे में अगर अस्पताल में कार्यरत अल्ट्रासाउंड डॉक्टर अगर छुट्टी कर ले, तो मरीजों की परेशानी दोगुनी हो जाती है. अल्ट्रासाउंड ना होने से सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं को होती है.

अस्पताल में वाहन पार्किंग की व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं है. जिसके कारण मरीजों के लिए आवाजाही की बहुत ज्यादा दिक्कत है. बाहर बनी निजी पार्किंग फीस ज्यादा होने और चोरी के डर से अस्पताल स्टाफ ने ओपीडी ब्लॉक को ही पार्किंग स्थल बना लिया है.

अस्पताल में लगे गंदगी के ढेर: लागातार बढ़ते डेंगू मामलों ने स्वाथ्य विभाग की नींद उड़ा रखी है. स्वास्थ्य विभाग डेंगू से बचने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाए हुए है. जिसमें सफाई पर विशेष ध्यान देने की बात कही जाती है, लेकिन खुद नागरिक अस्पताल में सफाई व्यवस्था का अभाव दिखाई देता है. लंबे समय से ब्लॉक सीवरेज के कारण गंदा और बदबूदार पानी सड़कों पर बहता रहता है. मच्छरों की भरमार है. ऐसे में बीमारी से ग्रस्त मरीजों के लिए अत्यंत घातक हो सकता है.

पीएमओ ने दिया समाधान का आश्वासन: अंबाला में पीएमओ के पद पर डॉक्टर लोकवीर थे. जिन्हें सीएमओ की प्रमोशन के बाद करनाल में स्थानांतरित होकर पदभार संभाला है. नागरिक अस्पताल के निरीक्षण करने के बाद बातचीत में उन्होंने कहा कि अस्पताल की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया है. जल्द उचित दिशा निर्देश दे कर व्यवस्थाओं को सुधारा जाएगा.

ये भी पढ़ें- हरियाणा स्वास्थ्य विभाग में खुलेगा नौकरियों का पिटारा, बंपर भर्तियां करने जा रही सरकार, जल्द शुरू होगी प्रक्रिया

करनाल: 10 साल सीएम सिटी का दर्जा पाने वाले करनाल के नागरिक अस्पताल की हालत खस्ता हो चुकी है. ना अस्पताल में पार्किंग की सुविधा है. ना ही मशीनों की. जिसकी वजह से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा अस्पताल में गंदगी का आलम भी है. सीवर ब्लॉक होने से गंदा पानी अस्पताल परिसर में खड़ा है. इस मामले में जब सीएमओ से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि जल्द ही इसका समाधान किया जाएगा.

करनाल नागरिक अस्पताल में सुविधाओं का अभाव: पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल करीब दस साल हरियाणा के सीएम रहे. उनका गृह जिला करनाल था. हैरानी की बात ये है कि इसके बाद भी यहां स्वास्थ्य सुविधाएं दम तोड़ती नजर आ रही है. करनाल के नागरिक अस्पताल में मरीजों के अल्ट्रासाउंड के लिए उचित व्यवस्था नहीं है. जिसकी वजह से मरीजों को बाहर प्राइवेट अस्पताल में भारी भरकम फीस देकर इलाज करना पड़ता है.

करनाल जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल, जगह-जगह लगे गंदगी के ढेर (Etv Bharat)

समय पर नहीं मिल रहा मरीजों को इलाज: अगर यहां इलाज होता भी है, तो मरीजों को कई-कई दिन तक इंतजार करना पड़ता है. हालत ये है कि नंबर जल्दी लगवाने के लिए मरीज के परिजन रात को ही लाइन बनाना शुरू कर देते हैं. ऐसे में अगर अस्पताल में कार्यरत अल्ट्रासाउंड डॉक्टर अगर छुट्टी कर ले, तो मरीजों की परेशानी दोगुनी हो जाती है. अल्ट्रासाउंड ना होने से सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं को होती है.

अस्पताल में वाहन पार्किंग की व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं है. जिसके कारण मरीजों के लिए आवाजाही की बहुत ज्यादा दिक्कत है. बाहर बनी निजी पार्किंग फीस ज्यादा होने और चोरी के डर से अस्पताल स्टाफ ने ओपीडी ब्लॉक को ही पार्किंग स्थल बना लिया है.

अस्पताल में लगे गंदगी के ढेर: लागातार बढ़ते डेंगू मामलों ने स्वाथ्य विभाग की नींद उड़ा रखी है. स्वास्थ्य विभाग डेंगू से बचने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाए हुए है. जिसमें सफाई पर विशेष ध्यान देने की बात कही जाती है, लेकिन खुद नागरिक अस्पताल में सफाई व्यवस्था का अभाव दिखाई देता है. लंबे समय से ब्लॉक सीवरेज के कारण गंदा और बदबूदार पानी सड़कों पर बहता रहता है. मच्छरों की भरमार है. ऐसे में बीमारी से ग्रस्त मरीजों के लिए अत्यंत घातक हो सकता है.

पीएमओ ने दिया समाधान का आश्वासन: अंबाला में पीएमओ के पद पर डॉक्टर लोकवीर थे. जिन्हें सीएमओ की प्रमोशन के बाद करनाल में स्थानांतरित होकर पदभार संभाला है. नागरिक अस्पताल के निरीक्षण करने के बाद बातचीत में उन्होंने कहा कि अस्पताल की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया है. जल्द उचित दिशा निर्देश दे कर व्यवस्थाओं को सुधारा जाएगा.

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