करौली. बड़े शहरों के अस्पतालों की भांति अब करौली जिले के सामान्य व MCH अस्पताल में खुलेआम धूम्रपान, मुंह में गुटखा चबाना और खुले में बीड़ी-सिगरेट पीना लोगों के लिए भारी पड़ सकता है. अस्पताल परिसर में मुंह में गुटखा चबाकर इधर-उधर गंदगी फैलाने वाले लोगों के लिए अस्पताल प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है, जिसमें रोजाना जिले के अस्पताल में पिछले कई दिनों से ऐसे लोगों के खिलाफ चालान काटे जा रहे हैं और उनसे राशि वसूली जा रही है.
अस्पताल परिसर में खुलेआम धूम्रपान करने वाले लोगों के लिए यह अभियान जिले के दोनों अस्पतालों में कई दिनों से चलाया जा रहा है. जिसका मुख्य उद्देश्य कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचाव और दूसरा अस्पताल परिसर को साफ व स्वच्छ बनाना है. डिप्टी सीएमएचओ डॉ. ओपी मीणा ने बताया कि कैंसर जैसे गंभीर रोग की रोकथाम और कैंसर होने के कारकों से जागरूक करने के लिए तंबाकू प्रोडक्ट्स के सार्वजनिक स्थानों पर दुरुपयोग और उपभोग करने वाले लोगों को रोकने के लिए यह अभियान शुरू किया गया है, क्योंकि ऐसे लोग धूम्रपान करके सार्वजनिक स्थानों पर न केवल गंदगी फैलाते हैं, बल्कि खुद के शरीर को भी नुकसान पहुंचाते हैं.
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इसी दृष्टि से ऐसे लोगों के चालान काटना अस्पताल प्रशासन द्वारा शुरू किया गया है. डॉ. मीणा ने बताया कि यह चालान 2004 का एक्ट है. उसी एक्ट के तहत यह सभी सार्वजनिक स्थानों पर लागू भी होता है, लेकिन हमारा उद्देश्य इस चालान के जरिए अस्पताल में साफ-सफाई अच्छी बनी रहे और हमारे मरीज और उनके परिजनों को अस्पताल में साफ एवं स्वच्छ वातावरण मिल सके, इसलिए अस्पताल प्रशासन द्वारा यह अभियान जागरूकता के लिए शुरू किया गया है.
अब तक 500 लोगों के काटे चुके हैं चालान : जानकारी के अनुसार अभी तक जिले के दोनों अस्पतालों मे 500 लोगों के चालान काटे जा चुके हैं. इस चालान का मेन मकसद, अगर आप अस्पताल में आएं तो मुंह में किसी भी प्रकार का तंबाकू प्रोडक्ट डालकर न आएं. डिप्टी सीएमएचओ ने बताया कि इस चालान के लिए मिनिमम राशि तो कितनी भी ली जा सकती है, लेकिन अस्पताल में तंबाकू प्रोडक्ट खाते पाए जाने पर मैक्सिमम 200 रुपये का चालान काट रहे हैं. डिप्टी सीएमएचओ डॉ. ओपी मीणा ने यह भी बताया कि हमारी जो आरएमआरएस की कमेटी है, उसने भी इसके लिए 2000 से लेकर 5000 रुपये तक के चालान के प्रावधान किए हैं. ऐसे लोग जो बार-बार कहने के बाद भी नहीं मानेंगे, उनके लिए इसमें 6 महीने की सजा के प्रावधान हैं और जो चालान भरने से इनकार करेगा, उसके खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज कराई जाएगी. इसलिए खासकर अस्पताल और किसी भी सार्वजनिक स्थान पर तंबाकू प्रोडक्ट्स और बीड़ी-सिगरेट का इस्तेमाल न करें.