सहारनपुर: सहारनपुर की लेबर कॉलोनी निवासी अक्षय सैनी ने अनोखी तीर्थयात्रा की है. अपनी मां के प्यार और आशीर्वाद से प्रेरित होकर, वह अपने कंधों पर 201 लीटर का कांवड़ लेकर चल रहे हैं. यह पिछले वर्ष उनके द्वारा ले जाए गए 101 लीटर में एक महत्वपूर्ण वृद्धि है.
अक्षय सैनी ने इस साल की कांवड़ यात्रा को एक नया आयाम दिया है. अपनी मां के लिए उन्होंने 201 लीटर गंगाजल से भरी कांवड़ अपने कंधों पर उठाई है. पिछले साल 101 लीटर जल लेकर आए अक्षय ने इस बार अपनी मां की इस खास मनोकामना को पूरा करने का बीड़ा उठाया.
मां ने अक्षय को कहा था कि अगर वह इतना जल लेकर आएगा तो बाबा भोलेनाथ उनकी शादी के लिए एक अच्छा साथी चुनेंगे. इस वादे को पूरा करने के लिए अक्षय ने पिछले छह महीने से कड़ी मेहनत की. जिम में घंटों पसीना बहाया, ताकि वह इस भारी बोझ को सह सके.
अक्षय के लिए यह सिर्फ एक यात्रा नहीं है, बल्कि मां के प्यार और भक्ति का प्रतीक है. पांव में छाले होने के बावजूद उसके कदम रुक नहीं रहे. हर कदम पर वह अपनी मां को याद करते हैं और बाबा भोलेनाथ से आशीर्वाद मांगते हैं.
शिव भक्त अक्षय सैनी ने बताया कि उनकी मां को विश्वास था कि भगवान शिव उन्हें एक उपयुक्त जीवन साथी का आशीर्वाद देंगे. उन्होंने उनसे पवित्र जल ले जाने का आग्रह किया. अपनी मां के प्यार और उनकी इच्छा से अभिभूत होकर अक्षय ने भारी कावड़ उठाने का संकल्प लिया. अक्षय की टीम दो भारी कावड़ लेकर आई है, जिनमे एक कावड़ में 101 लीटर गंगा जल है जबकि एक कावड़ में 201 लीटर गंगा जल भरा हुआ है.
अक्षय सैनी बताते हैं कि उसने अपनी मां से वादा किया था कि इस बार 101 लीटर नहीं बल्कि 201 लीटर जल लेकर आऊंगा, जिसके लिए वह पिछले 6 महीने से 201 लीटर जल लाने की तैयारी शुरू कर दी थी. अक्षय जिम में जाकर एक्सरसाइज करता था.
201 लीटर जल उठाने के लिए उसने खुद को तैयार किया और घर से निकलते वक्त मां के प्यार में मां को दिए गए वादे को पूरा करने के लिए हर की पौड़ी हरिद्वार चला गया. अक्षय का कहना है कि घर में वह दो बहनों का अकेला भाई है और दोनों बहनों की शादी हो चुकी है.
अब उसकी शादी की तैयारी चल रही है लेकिन घर में अच्छी बहु आए, इसके लिए उसकी मां ने बाबा भोलेनाथ से मनोकामना मांगी और बेटे को जल लाने के लिए कहा जिसके बाद अक्षय हरिद्वार से 201 लीटर जल उठाकर अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहा है.
अक्षय सैनी का कहना है कि वह अपनी मां की खुशी के लिए कुछ भी कर सकता है. इस बार कांवड़ लाने का उसका मन नहीं था लेकिन जब मां ने शादी का जोड़ा पूरा करने के बात कहीं तो मना नहीं कर सका और उसने मां से 101 नहीं बल्कि 201 लीटर जल ले आया. चुनौतियों और पैरों में छाले के बावजूद वह तीर्थयात्रा पूरी करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.