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Watch: कानपुर जू में लाल कान वाले कछुए के लिए बना स्पेशल घर - red eared turtle in Kanpur Zoo

हैदराबाद जू से कानपुर जू में लाल कान वाला कछुआ समेत कई अन्य वन्यजीवों को लाया गया है. लेकिन जू में कछुए का खास ध्यान रखा जा रहा है. लाल कान वाले कछुए के लिए स्पेशल घर बनाया गया है. घर के अंदर मिट्टी और रेत डालकर उसे रखा गया है. जिससे वह अपनी नॉर्मल लाइफ को जी सके.

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लाल कान वाले कछुए के लिए बना स्पेशल घर (photo credit-Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 4, 2024, 9:33 AM IST


कानपुर: कानपुर प्राणी उद्यान में घूमने आने वाले दर्शकों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. जी हां! अब कानपुर जू में आने वाले दर्शक हैदराबाद जू से लाए गए लाल कान वाला कछुआ, सफेद बाघ, चौसिंघा समेत कई खास अन्य वन्यजीवों का दीदार कर सकेंगे. इन सभी वन्यजीवों को दर्शकों के लिए बाड़ों में छोड़ दिया गया है. अब जू में आने वाले दर्शक इन सभी वन्यजीवों को देखने के अलावा इनके बारे में जानकारी भी प्राप्त कर सकेंगे. इन सभी वन्यजीवों में सबसे खास और अलग इस बार लाल कान वाला कछुआ है, जो दर्शको को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है. रोजाना काफी अच्छी खासी संख्या में दर्शक इन सभी नन्हे वन्यजीवों को देखने के लिए कानपुर प्राणी उद्यान में पहुंच रहे है. उनके साथ फोटो भी खींचा रहे है.

कानपुर जू में लाल कान वाले कछुए के लिए बना स्पेशल घर (video credit-Etv Bharat)


इस मानसून कानपुर जू में करिए हैदराबाद से आए इन खास वन्यजीवों का दीदार: कानपुर प्राणी उद्यान में हैदराबाद प्राणी उद्यान से एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत दो नर रेड इयरर्ड स्लाइडर टर्टल, दो मादा रेड इयरर्ड स्लाइडर टर्टल, एक सफेद टाइगर(मेल), दो देशी भालू,चार चोसिंघा समेत कई वन्यजीवों को लाया गया है. इसके साथ ही कानपुर जू से दो मादा तेंदुआ, एक बाघिन, दो नर बारासिंघा, तीन मादा बारहसिंघा, दो पाड़ा हिरण, एक नर चिंकारा और एक मादा चिंकारा समेत कुछ अन्य वन्यजीवों को हैदराबाद जू भेजा गया है. इन सबसे खास कानपुर जू में अब आपको पहली बार लाल कान वाला कछुआ देखने को मिलेगा जोकि सबसे खास और अलग प्रजाति है. हैदराबाद जू से लाने के बाद अब इन सभी नन्हे वनजीवो को बाड़ों में छोड़ दिया गया है. अब ये सभी वन्यजीव दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे है. बाड़ों में इन सभी वन्यजीव को देखने के लिए अच्छी खासी भीड़ भी देखने को मिल रही है.

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान कानपुर जू के मुख्य चिकित्सा अधिकारी अनुराग सिंह ने बताया, कि कानपुर प्राणी उद्यान में वन्य जीव अदला बदली नियम के तहत हैदराबाद से कई वन्यजीवों को कानपुर लाया गया है. तो वहीं, कानपुर जू से भी कुछ वन्य जीवों को हैदराबाद जू भेजा गया है. उन्होंने बताया कि, हैदराबाद जू से कानपुर जू में सफेद बाघ(कवि), लाल कान वाला कछुआ समेत कई अन्य वन्यजीवों को लाया गया है. इन सभी नन्हे और खास वन्यजीवों का दर्शक दीदार कर सके, इसलिए इन सभी बाड़ों में छोड़ दिया गया है. इसके साथ ही जिस तरह से हैदराबाद जू में इन सभी वन्यजीवों को डाइट दी जा रही थी. कानपुर जू में भी हम लोग उसी डाइट को फॉलो कर रहे हैं. इसके साथ ही इन सभी वन्यजीवों के रहन-सहन और खान-पान को लेकर भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है. उन्होंने बताया कि, मौसम बदलने की वजह से प्राणी उद्यान में आने वाले दर्शकों की संख्या में भी पहले से काफी ज्यादा बढ़ोतरी हुई है।

इसे भी पढ़े-लाल कान वाले स्लाइडर कछुआ से लेकर सफेद बाघ तक, कानपुर जू में पहली बार आने वाले हैं ये नए मेहमान, पढ़िए डिटेल - Kanpur Zoo new guests

जाने डाइट में क्या खा रहा सफेद बाघ और लाल कान वाला कछुआ: कानपुर जू के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी अनुराग सिंह ने बताया कि, सफेद बाघ(कवि) को खाने में भैंस का मांस दिया जा रहा है. जिसको खाने के बाद वह काफी ज्यादा हेल्दी है स्वस्थ है और अब दर्शक उसका दीदार कर रहे हैं उसकी फोटो खींच रहे हैं. वही कभी भी उनको देखकर बड़े में काफी चहल कदमी करता नजर आ रहा है. वही कानपुर प्राणी उद्यान में जो पहली बार लाल कान वाला कछुआ आया है. उसके खानपान हमने बदलाव किए हैं. उसे खाने में अलग-अलग तरह की सब्जियां और फल दिए जा रहे हैं.हम लोगों ने उसके लिए एक स्पेशल तरह का बाड़ा भी बनाया है. उस बाड़े में एक ट्रांसपेरेंट ग्लास लगाया है. बाड़े के अंदर मिट्टी और रेत डालकर उसे रखा गया है. जिससे वह अपनी नॉर्मल लाइफ को जी सके. दर्शकों द्वारा इसे लेकर काफी अच्छा रिस्पांस भी देखने को मिल रहा है लोग अच्छी खासी संख्या में इस लाल कान वाले कछुए का दीदार करने के लिए बाड़े में पहुंच रहे हैं. और उसकी फोटो लेकर अपने कमरे में कैद कर रहे हैं।

दर्शक बोले सफेद बाघ देखने मे बहुत आकर्षक है: ईटीवी भारत ने जब कानपुर में सफेद बाघ का दीदार करने पहुंचे दशकों से पूछा, कि उन्हें हैदराबाद जू से जो सफेद बाघ लाया गया है यह कैसा लगा? उन्होंने बड़े ही मुस्कुराहट के साथ जवाब दिया कि हमें बेहद खुशी है कि हम अब कानपुर क्यों में सफेद बाघ का दीदार कर पा रहे हैं. यहां और भी कई वन्यजीव है जो देखने में बेहद ही सुंदर और आकर्षक हैं. लेकिन, सच कहे तो इस सफेद बाघ की बात ही निराली है यह काफी ज्यादा स्वस्थ दिखाई दे रहा है. वही, उन्होंने कहा कि, लाल कान वाला कछुआ भी देखने में काफी ज्यादा आकर्षक है. हम सभी बारी-बारी से इसका दीदार कर इसके साथ फोटो भी खींचा रहे हैं.

जाने आखिर किस समय कर सकते हैं चिड़ियाघर में वन्यजीवों का दीदार: कानपुर जू गर्मी के समय में सुबह 9 बजे से 5:30 बजे तक खुलता है. जबकि सर्दियों में सुबह 7 बजे से शाम 4.30 बजे तक खुलता है. 5 साल के कम उम्र के बच्चों का प्रवेश फ्री है. इसके बाद 12 साल तक 35 रुपये प्रति टिकट जबकि 12 साल के ऊपर के लोगों को प्रति टिकट 70 रुपये देने पड़ते हैं. कानपुर जू करीब 76.56 हेक्टेयर में बना है. क्षेत्रफल के हिसाब से यह देश का तीसरा बड़ा चिड़ियाघर है. साल 1971 में इसकी नींव पड़ी थी. पिकनिक के लिए आने वाले लोगों और वन्यजीवों प्रेमियों के लिए यह एक बेहतरीन जगह मानी जाती है.

यह भी पढ़े-50 साल का कानपुर जू: चिंपैंजी छज्जू था सेलिब्रिटी, 14 लोगों को खाने वाले बाघ व शराबी बंदर ने खूब काटा उत्पात, आरिफ का दोस्त सारस भी यहीं पल रहा


कानपुर: कानपुर प्राणी उद्यान में घूमने आने वाले दर्शकों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. जी हां! अब कानपुर जू में आने वाले दर्शक हैदराबाद जू से लाए गए लाल कान वाला कछुआ, सफेद बाघ, चौसिंघा समेत कई खास अन्य वन्यजीवों का दीदार कर सकेंगे. इन सभी वन्यजीवों को दर्शकों के लिए बाड़ों में छोड़ दिया गया है. अब जू में आने वाले दर्शक इन सभी वन्यजीवों को देखने के अलावा इनके बारे में जानकारी भी प्राप्त कर सकेंगे. इन सभी वन्यजीवों में सबसे खास और अलग इस बार लाल कान वाला कछुआ है, जो दर्शको को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है. रोजाना काफी अच्छी खासी संख्या में दर्शक इन सभी नन्हे वन्यजीवों को देखने के लिए कानपुर प्राणी उद्यान में पहुंच रहे है. उनके साथ फोटो भी खींचा रहे है.

कानपुर जू में लाल कान वाले कछुए के लिए बना स्पेशल घर (video credit-Etv Bharat)


इस मानसून कानपुर जू में करिए हैदराबाद से आए इन खास वन्यजीवों का दीदार: कानपुर प्राणी उद्यान में हैदराबाद प्राणी उद्यान से एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत दो नर रेड इयरर्ड स्लाइडर टर्टल, दो मादा रेड इयरर्ड स्लाइडर टर्टल, एक सफेद टाइगर(मेल), दो देशी भालू,चार चोसिंघा समेत कई वन्यजीवों को लाया गया है. इसके साथ ही कानपुर जू से दो मादा तेंदुआ, एक बाघिन, दो नर बारासिंघा, तीन मादा बारहसिंघा, दो पाड़ा हिरण, एक नर चिंकारा और एक मादा चिंकारा समेत कुछ अन्य वन्यजीवों को हैदराबाद जू भेजा गया है. इन सबसे खास कानपुर जू में अब आपको पहली बार लाल कान वाला कछुआ देखने को मिलेगा जोकि सबसे खास और अलग प्रजाति है. हैदराबाद जू से लाने के बाद अब इन सभी नन्हे वनजीवो को बाड़ों में छोड़ दिया गया है. अब ये सभी वन्यजीव दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे है. बाड़ों में इन सभी वन्यजीव को देखने के लिए अच्छी खासी भीड़ भी देखने को मिल रही है.

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान कानपुर जू के मुख्य चिकित्सा अधिकारी अनुराग सिंह ने बताया, कि कानपुर प्राणी उद्यान में वन्य जीव अदला बदली नियम के तहत हैदराबाद से कई वन्यजीवों को कानपुर लाया गया है. तो वहीं, कानपुर जू से भी कुछ वन्य जीवों को हैदराबाद जू भेजा गया है. उन्होंने बताया कि, हैदराबाद जू से कानपुर जू में सफेद बाघ(कवि), लाल कान वाला कछुआ समेत कई अन्य वन्यजीवों को लाया गया है. इन सभी नन्हे और खास वन्यजीवों का दर्शक दीदार कर सके, इसलिए इन सभी बाड़ों में छोड़ दिया गया है. इसके साथ ही जिस तरह से हैदराबाद जू में इन सभी वन्यजीवों को डाइट दी जा रही थी. कानपुर जू में भी हम लोग उसी डाइट को फॉलो कर रहे हैं. इसके साथ ही इन सभी वन्यजीवों के रहन-सहन और खान-पान को लेकर भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है. उन्होंने बताया कि, मौसम बदलने की वजह से प्राणी उद्यान में आने वाले दर्शकों की संख्या में भी पहले से काफी ज्यादा बढ़ोतरी हुई है।

इसे भी पढ़े-लाल कान वाले स्लाइडर कछुआ से लेकर सफेद बाघ तक, कानपुर जू में पहली बार आने वाले हैं ये नए मेहमान, पढ़िए डिटेल - Kanpur Zoo new guests

जाने डाइट में क्या खा रहा सफेद बाघ और लाल कान वाला कछुआ: कानपुर जू के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी अनुराग सिंह ने बताया कि, सफेद बाघ(कवि) को खाने में भैंस का मांस दिया जा रहा है. जिसको खाने के बाद वह काफी ज्यादा हेल्दी है स्वस्थ है और अब दर्शक उसका दीदार कर रहे हैं उसकी फोटो खींच रहे हैं. वही कभी भी उनको देखकर बड़े में काफी चहल कदमी करता नजर आ रहा है. वही कानपुर प्राणी उद्यान में जो पहली बार लाल कान वाला कछुआ आया है. उसके खानपान हमने बदलाव किए हैं. उसे खाने में अलग-अलग तरह की सब्जियां और फल दिए जा रहे हैं.हम लोगों ने उसके लिए एक स्पेशल तरह का बाड़ा भी बनाया है. उस बाड़े में एक ट्रांसपेरेंट ग्लास लगाया है. बाड़े के अंदर मिट्टी और रेत डालकर उसे रखा गया है. जिससे वह अपनी नॉर्मल लाइफ को जी सके. दर्शकों द्वारा इसे लेकर काफी अच्छा रिस्पांस भी देखने को मिल रहा है लोग अच्छी खासी संख्या में इस लाल कान वाले कछुए का दीदार करने के लिए बाड़े में पहुंच रहे हैं. और उसकी फोटो लेकर अपने कमरे में कैद कर रहे हैं।

दर्शक बोले सफेद बाघ देखने मे बहुत आकर्षक है: ईटीवी भारत ने जब कानपुर में सफेद बाघ का दीदार करने पहुंचे दशकों से पूछा, कि उन्हें हैदराबाद जू से जो सफेद बाघ लाया गया है यह कैसा लगा? उन्होंने बड़े ही मुस्कुराहट के साथ जवाब दिया कि हमें बेहद खुशी है कि हम अब कानपुर क्यों में सफेद बाघ का दीदार कर पा रहे हैं. यहां और भी कई वन्यजीव है जो देखने में बेहद ही सुंदर और आकर्षक हैं. लेकिन, सच कहे तो इस सफेद बाघ की बात ही निराली है यह काफी ज्यादा स्वस्थ दिखाई दे रहा है. वही, उन्होंने कहा कि, लाल कान वाला कछुआ भी देखने में काफी ज्यादा आकर्षक है. हम सभी बारी-बारी से इसका दीदार कर इसके साथ फोटो भी खींचा रहे हैं.

जाने आखिर किस समय कर सकते हैं चिड़ियाघर में वन्यजीवों का दीदार: कानपुर जू गर्मी के समय में सुबह 9 बजे से 5:30 बजे तक खुलता है. जबकि सर्दियों में सुबह 7 बजे से शाम 4.30 बजे तक खुलता है. 5 साल के कम उम्र के बच्चों का प्रवेश फ्री है. इसके बाद 12 साल तक 35 रुपये प्रति टिकट जबकि 12 साल के ऊपर के लोगों को प्रति टिकट 70 रुपये देने पड़ते हैं. कानपुर जू करीब 76.56 हेक्टेयर में बना है. क्षेत्रफल के हिसाब से यह देश का तीसरा बड़ा चिड़ियाघर है. साल 1971 में इसकी नींव पड़ी थी. पिकनिक के लिए आने वाले लोगों और वन्यजीवों प्रेमियों के लिए यह एक बेहतरीन जगह मानी जाती है.

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