कानपुर : नेपाल और भारत के बीच छात्रों की शिक्षा को लेकर दोनों ही सरकारों को ठोस कवायद करनी चाहिए. इससे भारत के पड़ोसी देश से रिश्ते बेहतर होंगे. भारतीय छात्रों को नेपाल में शिक्षा ग्रहण करने का मौका मिल सकेगा. नेपाल के छात्र भी भारत में आकर पढ़ाई कर सकेंगे. इसके अलावा दोनों ही देशों में छात्रों के पास करियर को लेकर कई विकल्प मौजूद होंगे. ये बातें नावेल अकादमी पोखरा नेपाल से आए सोशल एंटरप्रेन्योर बिश्वेसर आचार्य ने कही.
वह शहर के रूमा स्थित एलन हाउस ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित कर रहे थे. इंस्टीट्यूट की निदेशक (प्रबंधन) डॉ. शिवानी कपूर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रबंधन के क्षेत्र में छात्रों के पास करियर की भरमार है. बस, उन्हें अपने अवसरों को भुनाना है. कार्यक्रम में जफरुल अमीन, डीन सीएसजेएमयू डॉ. सुधांशु पांड्या, निदेशक एलनहाउस डॉ. रूबी चावला, संयुक्त सचिव एलन हाउस समूह जावेद हाशमी आदि उपस्थित रहे.
सोहर विवि ओमान से अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में शामिल होने आईं प्रोफेसर मरयम सैद हमाद ने कहा कि यह बात बिल्कुल सही है कि लड़कियों के लिए अपने करियर को लेकर लड़कों से कहीं अधिक चुनौतियां होती हैं, लेकिन उन्हें हिम्मत हारने के बजाय अपने आत्मविश्वास को मजबूत रखना चाहिए. इससे वह अपना बेहतर करियर बना सकेंगी. वह एक मां होने के साथ विवि में पढ़ाती भी हैं. ऐसे में उन्हें यह कभी नहीं लगा कि उनका हौसला डगमगाया है. छात्राओं को ठोस इच्छाशक्ति के साथ अपनी पढ़ाई पूरी करके एक अच्छी नौकरी हासिल करनी होगी.
कार्यक्रम में नेशनन डिफेंस अकादमी से आए डॉ.ओपी शुक्ला ने भी अपने विचार रखे. एलनहाउस इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. मनोज मिश्रा ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में दुबई, ओमान, सऊदी अरब, भूटान, अमेरिका समेत कई अन्य देशों से विषय विशेषज्ञ शामिल हुए. आज रविवार को सेमिनार में तकनीकी सत्र का आयोजन किया जाना है.
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